बिलासपुर: जिला बिलासपुर के कुठेड़ा क्षेत्र के तहत एक निजी स्कूल की ओर से दबंगई का मामला सामने आया है. आरोप है कि निजी स्कूल प्रबंधक द्वारा नकल छुपाने के चक्कर में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक और उनकी टीम को ही लगभग 15 से 20 मिनट तक कमरे में बंद कर दिया गया. वहीं, हैरान करने की बात यह भी सामने आई है कि निजी स्कूल प्रबंधक ने मौके पर पहुंची टीम सहित उपनिदेशक तक के आईडी कार्ड तक मांग लिए. वहीं, यह कशमकश लगभग दो से तीन घंटे तक चली.
बता दें कि प्रदेशभर में एसओएस सहित कंपार्टमेंट की परीक्षाएं शुरू हुई हैं. इस दौरान प्रांरभिक शिक्षा उपनिदेशक ने अपनी टीम के साथ सुबह ही बिलासपुर जिला के कुठेड़ा क्षेत्र के एक निजी स्कूल में परीक्षा के दौरान निरीक्षण टीम बनकर दबिश दी.
शुरुआती दौर में स्कूल के गेट तक नहीं खोले. उसके बाद कैसे न कैसे टीम परीक्षा केंद्र तक पहुंची ते वहां पाया कि सरेआम परीक्षा दे रहे अभ्यर्थी नकल कर रहे थे. ऐसे में उन्होंने मौके पर ही 18 अभ्यर्थियों में से 11 के मौके पर ही केस बना दिए. ऐसे में निजी स्कूल प्रबंधक ने तैश में आकर प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के साथ ही बहसबाजी करना शुरू कर दी.
मामला इतना गरमा गया कि निजी स्कूल प्रबंधक प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक सहित टीम के साथ लड़ाई पर उतारू हो गया. इस दौरान उपनिदेशक ने मौके पर एक्शन लेते हुए परीक्षा केंद्र का सारा रिकॉर्ड मांगा, तो स्कूल प्रबंधक रिकॉर्ड दिखाने में भी आना कानी करने लगा.
इसके बाद उपनिदेशक ने सीसीटीवी फुटेज देखने का निर्णय लिया, तो सीसीटीवी केंद्र में अभ्यर्थी नकल कर रहे का फुटेज सहित जांच टीम के अंदर आने का कोई भी फुटेज नजर नहीं आ रहा था. उपनिदेशक ने उन्हें तुरंत प्रभाव से सीसीटीवी फुटेज बताने को कहा तो स्कूल प्रबंधक ने उपनिदेशक सहित उनकी टीम को ही उस कमरे में बंद कर दिया.
वहीं, हिमाचल प्रदेश में यह ऐसा पहला मामला सामने आया है, जिसमें स्कूल प्रबंधक ने ही उपनिदेशक को बंधक बना दिया हो. ऐसे में उपनिदेशक ने अपनी सुरक्षा करते हुए मौके पर ही घुमारवीं एसडीएम को फोन किया, परंतु एसडीएम ने सरकारी कार्य को लेकर कहीं बाहर होने का हवाला दे दिया.
ऐसे में कैसे न कैसे करके उपनिदेशक ने वहां से कमरे को खुलवाया और मौके पर स्कूल शिक्षा बोर्ड के उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया. इसके बाद इस मामले की उपनिदेशक ने वहां से विस्तृत रिपोर्ट बनाकर निकले.
दोपहर तक प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक सुदर्शन सिंह स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश सोनी को इस सारे मामले की जानकारी दे रहे थे. उपनिदेशक सुदर्शन सिंह ने बताया कि वह इस स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड से भी सिफारिश करेंगे.
कोविड गाइडलाइन को भी पूरा नहीं कर रहा था स्कूल
प्रांरभिक शिक्षा उपनिदेशक सुदर्शन सिंह ने बताया कि जिला के कुठेड़ा क्षेत्र के तहत आने वाला उक्त निजी स्कूल कोविड गाइडलाइन को भी पूरा नहीं कर रहा था. परीक्षा दे रहे किसी भी अभ्यर्थी ने फेस मास्क नहीं लगाए हुए थे. साथ ही कोविड की कोई भी गाइडलाइन को बोर्ड पर नहीं लिखा गया था और सेनिटाइजर की भी यहां पर कोई व्यवस्था नहीं थी.
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