बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश का विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी प्रदेश के 51 शक्तिपीठों में से एक है. कहते हैं कि यहां पर माता सती के नेत्र गिरे हैं, इसलिए इस तीर्थ स्थल पर श्री नैना देवी के नाम से जाना जाता है.
हजारों की संख्या में श्रद्धालु हर रोज माता के दरबार में पहुंचते हैं और अपनी आंखों की रोशनी के लिए माता से विनती करते हैं. हालांकि श्रद्धालुओं का विश्वास है कि माता उनकी आंखों की ज्योति ठीक कर देती है इसलिए श्रद्धालु माता के दरबार में चांदी के नेत्र चढ़ाते हैं.
विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज नवमीं की खूब धूम है. श्रद्धालुओं की अपार आस्था देखने को मिल रही है. कोई दंडवत करके पेट के बल लेटकर मां के दरबार में पहुंच रहा है तो कोई जयकारे लगाते हुए. हालांकि नवरात्र पूजन के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम जारी है,लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते प्रशासन और मंदिर न्यास भी पूरी तरह सतर्क है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और श्रद्धालुओं मास्क लगाकर ही मंदिर भेजा जा रहा है.
बिलासपुर के नवनियुक्त जिलाधीश रोहित जमवाल ने भी माता श्री नैना देवी के दर्शन किए. हालांकि जिला बिलासपुर के जिलाधीश का पदभार संभालने के बाद श्री नैना देवी का उनका पहला दौरा था. उन्होंने सर्वप्रथम नवरात्री के पावन उपलक्ष्य पर माता श्री नैना देवी का आशीर्वाद लिया. इस दौरान रोहित जम्वाल ने कहा कि माताजी के शरदीय नवरात्रि चल रहे हैं. श्रद्धालुओं को हर तरह की सुविधाएं प्राप्त हो,मां के दर्शनों में किसी प्रकार की असुविधा ना हो और कोविड-19 महामारी से भी बचाव रहे इसको लेकर उन्होंने आज व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया है.
रोहित जमवाल ने बताया कि सभी तरह की व्यवस्थाएं पूर्णतया सुचारू पाई गई है. मेला में तैनात अधिकारी, कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं की सुख सुख सुविधा का पूरा ध्यान रख रहे हैं. जिलाधीश बिलासपुर रोहित जमवाल ने कहा कि श्री नैना देवी क्षेत्र को मेला के दौरान 9 सेक्टर में बांटा गया है और प्रत्येक सेक्टर में सुरक्षा और सुविधा के पूर्ण बंदोबस्त किए गए हैं ताकि श्रद्धालु आराम से लाइनों में माता जी के दर्शन कर सकें.
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