बिलासपुर: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को बिलासपुर के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे. जहां उन्होंने बिलासपुर के आपदा प्रभावितों को राहत राशि प्रदान दी. इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने गोविंद सागर झील को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए नोटिफाई कर दिया है. झील में करीब 60 किलोमीटर के क्षेत्र में यह गतिविधियां शुरू होंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबिंद सागर झील में जल्द ही क्रूज, मोटर बोट्स, हाई स्पीड बोट्स और शिकारे पानी पर तैरते नजर आएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर जिले के गोविंद सागर झील पर्यटन की दृष्टि से विकसित की जाएगी. इस झील में बिलासपुर को नई पर्यटन व एडवेंचर स्पोर्ट्स नगरी के रूप में विकसित करने की योजना है.
दरअसल, मुख्यमंत्री ने कहा कि झील में पर्यटक हर प्रकार की गतिविधियों का लुत्फ उठाएंगे. इससे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. किरतपुर-नेरचौक फोरलेन का काफी लंबा भाग गोबिंद सागर झील के किनारे से होकर गुजरता है. झील में अब पर्यटन गतिविधियां होने से फोरलेन से गुजरने वाले पर्यटक आकर्षित होंगे. इससे रोजगार के द्वार भी खुलेंगे और एक नई जगह पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगी. इसके साथ ही झील के साथ लगते कई धार्मिक और पर्यटन स्थल भी विकसित होंगे.
गौरतलब है कि न्यूयॉर्क, दुबई, हांगकांग, वियतनाम के अलावा देश में अभी गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में ही तैरते हुए रेस्तरां है. वहीं, श्रीनगर स्थित डल झील में पर्यटकों के लिए शिकारे चलाए जाते हैं. यह एक बड़ी नाव होती है, जिसमें व्यक्ति पूरे परिवार के साथ बैठकर झील में घूमने का आनंद ले सकते हैं. इसी तरह से हाउस बोट भी होती हैं. गोबिंद सागर झील में आने वाले शिकारे डल झील में चलने वाले शिकारे की तरह ही बनाए जा रहे हैं. बता दें कि शिकारा लकड़ी का बना होगा. इसमें गद्दे और कालीन भी बिछी होगी. साथ ही शिकारे में पर्दे भी लगे होंगे. अगर योजना सिरे चढ़ी तो आने वाले समय में कुछ शिकारों में डबल बेड वाले कमरे, अटैच बाथरूम, वॉर्डरोब, टीवी, डाइनिंग हॉल, खुली डेक आदि की सुविधा होगी.
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