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ऑनलाइन पढ़ाई के चक्कर में कहीं भटक ना जाएं बच्चे! महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन

मिनिस्ट्री ऑफ वूमन एंड चाइल्ड वेलफेयर और एनसीईआरटी ने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है. इस मामले को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से देश के सभी राज्यों को बाकायदा गाइडलाइन जारी कर सुरक्षा अपनाने के निर्देश दिए हैं.

Central government issued guidelines for online studies
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Published : Jul 29, 2020, 7:48 PM IST

बिलासपुर: कोरोना वायरस की वजह से बच्चों के स्कूल बंद हैं और वह ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. शिक्षक मोबाइल और वर्चुअल सिस्टम से बच्चों को होमवर्क दे रहे हैं, लेकिन कहीं ना कहीं इस ऑनलाइन सिस्टम का जमकर दुरुपयोग हो रहा है. बच्चों को परोसी जा रही अश्लीलता से शायद कई अभिभावक अनभिज्ञ हों, लेकिन वर्तमान में यह बड़ी हकीकत है.

असमाजिक तत्वों द्वारा बच्चों के मोबाइल पर फेक लिंक भेजे जा रहे हैं. जिसमें बाहर शिक्षा या ज्ञान से संबंधित कॉन्टेंट लिखा होता है, जबकि लिंक क्लिक करके उसमें दुनिया भर की गंदगी होती है. इसके मद्देनजर मिनिस्ट्री ऑफ वूमन एंड चाइल्ड वेलफेयर ने कड़ा संज्ञान लिया है और देश के सभी राज्यों को बाकायदा इस बावत गाइडलाइन जारी कर सुरक्षा अपनाने के निर्देश दिए हैं.

केंद्र सरकार और एनसीईआरटी द्वारा जारी गाइडलाइंस

  • ऑनलाइन पढ़ाई के समय बच्चा अपने अभिभावक के साथ बैठकर पढ़ाई करे.
  • अभिभावक तय करेंगे कि कौन सी साइट खोलनी है या कौन सी नहीं.
  • अभिभावक अपने मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप का पासवर्ड स्ट्रांग बनाएं और कुछ समय के बाद इसे बदलते रहें.
  • प्राइवेसी सेटिंग, वेबसाइट पर कुछ भी कॉन्टेंट डालने से पहले सुनिश्चित करें कि उस पोस्ट का प्रारूप क्या है.
  • किसी अनजान व्यक्ति को अपने सिस्टम पर न बैठने दें.
  • अकांऊट हैक होने की स्थिति में तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें.
  • मान्यता प्राप्त या अधिकृत सॉफ्टवेयर का प्रयोग करें.
  • पासवर्ड सबसे गोपनीय दस्तावेज हैं, इसे किसी से भी साझा न करें.
  • ऐसी पोस्ट बिल्कुल न डालें जो किसी दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हों.
  • अफवाहों को नजरअंदाज करें, बिना पुष्टि के कोई दस्तावेज या बात फॉर्वड करने से परहेज करें.
  • सिस्टम को तभी छोड़ें जब यह सुनिश्चित हो जाए कि सिस्टम लॉग आउड हो चुका है.
  • गौर रहे कि केंद्र सरकार एवं एनसीईआरटी द्वारा जारी गाइडलाइंस के तहत जागरूकता ही इसका एकमात्र उपाय है.

साइबर बुलिंग में इन्वॉल्विंग सेफ यूज ऑफ इंटरनेट के तहत जारी गाइडलाइंस का अगर समय रहते पालन न किया गया, तो परिणाम निकट भविष्य में घातक साबित हो सकते हैं. एनसीआरटी की भी गाइडलाइंस है कि साइबर बुलिंग पर ध्यान न दें. अगर जाने या अनजाने में बच्चों द्वारा इस प्रकार का कोई साइबर क्राइम हो जाता है, तो नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोटर्ल पर तुरंत जानकारी दें या टोल फ्री नंबर 155260 पर सूचित करें.

गौरतलब है कि अभी हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ वूमन एंड चाइल्ड वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा 30 बड़े शहरों में सर्वे करवाया गया. जिसमें चौकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं, इंटरनेट पर पढ़ाई कर रहे कई बच्चों ने इसका गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया है.

बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं एनसीईआरटी द्वारा जारी गाइडलाइंस के तहत अधिसूचना जारी हुई है. जिसमें बच्चों को मोबाइल गैजेट, सिस्टम के प्रयोग और सावधानियों के बारे में बताया जाएगा. बच्चों की सुरक्षा के लिए इन नियमों और कायदों का पालन करना बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए जरूरी है.

ये भी पढ़ें: शिमला में आयोजित हुआ इंटरैक्टिव सत्र, पुलिस महानिदेशक ने इन मुद्दों पर की चर्चा

बिलासपुर: कोरोना वायरस की वजह से बच्चों के स्कूल बंद हैं और वह ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. शिक्षक मोबाइल और वर्चुअल सिस्टम से बच्चों को होमवर्क दे रहे हैं, लेकिन कहीं ना कहीं इस ऑनलाइन सिस्टम का जमकर दुरुपयोग हो रहा है. बच्चों को परोसी जा रही अश्लीलता से शायद कई अभिभावक अनभिज्ञ हों, लेकिन वर्तमान में यह बड़ी हकीकत है.

असमाजिक तत्वों द्वारा बच्चों के मोबाइल पर फेक लिंक भेजे जा रहे हैं. जिसमें बाहर शिक्षा या ज्ञान से संबंधित कॉन्टेंट लिखा होता है, जबकि लिंक क्लिक करके उसमें दुनिया भर की गंदगी होती है. इसके मद्देनजर मिनिस्ट्री ऑफ वूमन एंड चाइल्ड वेलफेयर ने कड़ा संज्ञान लिया है और देश के सभी राज्यों को बाकायदा इस बावत गाइडलाइन जारी कर सुरक्षा अपनाने के निर्देश दिए हैं.

केंद्र सरकार और एनसीईआरटी द्वारा जारी गाइडलाइंस

  • ऑनलाइन पढ़ाई के समय बच्चा अपने अभिभावक के साथ बैठकर पढ़ाई करे.
  • अभिभावक तय करेंगे कि कौन सी साइट खोलनी है या कौन सी नहीं.
  • अभिभावक अपने मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप का पासवर्ड स्ट्रांग बनाएं और कुछ समय के बाद इसे बदलते रहें.
  • प्राइवेसी सेटिंग, वेबसाइट पर कुछ भी कॉन्टेंट डालने से पहले सुनिश्चित करें कि उस पोस्ट का प्रारूप क्या है.
  • किसी अनजान व्यक्ति को अपने सिस्टम पर न बैठने दें.
  • अकांऊट हैक होने की स्थिति में तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें.
  • मान्यता प्राप्त या अधिकृत सॉफ्टवेयर का प्रयोग करें.
  • पासवर्ड सबसे गोपनीय दस्तावेज हैं, इसे किसी से भी साझा न करें.
  • ऐसी पोस्ट बिल्कुल न डालें जो किसी दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हों.
  • अफवाहों को नजरअंदाज करें, बिना पुष्टि के कोई दस्तावेज या बात फॉर्वड करने से परहेज करें.
  • सिस्टम को तभी छोड़ें जब यह सुनिश्चित हो जाए कि सिस्टम लॉग आउड हो चुका है.
  • गौर रहे कि केंद्र सरकार एवं एनसीईआरटी द्वारा जारी गाइडलाइंस के तहत जागरूकता ही इसका एकमात्र उपाय है.

साइबर बुलिंग में इन्वॉल्विंग सेफ यूज ऑफ इंटरनेट के तहत जारी गाइडलाइंस का अगर समय रहते पालन न किया गया, तो परिणाम निकट भविष्य में घातक साबित हो सकते हैं. एनसीआरटी की भी गाइडलाइंस है कि साइबर बुलिंग पर ध्यान न दें. अगर जाने या अनजाने में बच्चों द्वारा इस प्रकार का कोई साइबर क्राइम हो जाता है, तो नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोटर्ल पर तुरंत जानकारी दें या टोल फ्री नंबर 155260 पर सूचित करें.

गौरतलब है कि अभी हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ वूमन एंड चाइल्ड वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा 30 बड़े शहरों में सर्वे करवाया गया. जिसमें चौकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं, इंटरनेट पर पढ़ाई कर रहे कई बच्चों ने इसका गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया है.

बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं एनसीईआरटी द्वारा जारी गाइडलाइंस के तहत अधिसूचना जारी हुई है. जिसमें बच्चों को मोबाइल गैजेट, सिस्टम के प्रयोग और सावधानियों के बारे में बताया जाएगा. बच्चों की सुरक्षा के लिए इन नियमों और कायदों का पालन करना बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए जरूरी है.

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