बिलासपुर: हिमाचल में चल रहे सीमेंट विवाद (Cement controversy in Himachal) में अब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की एंट्री हो गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि अपने ही गृह क्षेत्र में ट्रक ऑपरेटर जेपी नड्डा के खिलाफ बगावत के मूड में दिख रहे (Bilaspur Truck operators on JP Nadda) हैं. लगभग 24 दिनों से चल रहा ऑपरेटरों का आंदोलन अब उग्र रूप धारण कर रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को एशिया की सबसे बड़ी टक यूनियन बीडीटीएस संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बिलासपुर में प्रेस वार्ता कर जेपी नड्डा के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि इस वक्त ऑपरेटरों की हालत बहुत दयनीय हो चुकी है. जिले के सभी ऑपरेटरों सड़कों पर उतर आए हैं. लेकिन जेपी नड्डा और उनका परिवार दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है. समिति के पदाधिकारी नीलम शर्मा ने बताया कि कुछ समय पहले वह इस सारे मसले को लेकर बिलासपुर में ही जेपी नड्डा से मिले थे. उस समय नड्डा ने आश्वासन दिया था कि मेरी बात अडानी से हो चुकी है. दो दिन में फैक्ट्री शुरू हो जाएगी. लेकिन जेपी नड्डा ने दिल्ली जाने के बाद एक बार भी बिलासपुर मुड़कर नहीं देखा.
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब कुछ मिलीभगत से हुआ है और मात्र चुनावों के समय बिलासपुर की जनता को मुर्ख बनाने के लिए नड्डा परिवार ने यहां पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए थे. अब अगर असल में बिलासपुर के लोगों को नड्डा परिवार की सख्त जरूरत है, तो नड्डा परिवार बिलासपुर छोड़कर दिल्ली चला गया है. उन्होंने इस सारे मसले को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर पर भी खूब गुस्सा (Bilaspur Truck operators protest) निकाला.
उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर तीन बार से हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद हैं, लेकिन उन्होंने भी बिलासपुर की जनता की इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया. आज बिलासपुर जिले के ऑपरेटरों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है. 24 दिनों से ट्रक खड़े हैं, उनकी किश्तें तक देना मुश्किल हो गया है. लेकिन कोई भी नेता इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने साफ शब्दों में केंद्र के दोनों बड़े नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस समस्या में दोनों नेताओं ने ऑपरेटरों की मदद नहीं की, तो आने वाले संसदीय चुनावों में इसका करारा जवाब दिया जाएगा.
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