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ग्लेशियर की चपेट में आने से बिलासपुर के सैनिक की मौत, क्षेत्र में छाया मातम

बिलासपुर के एक सैनिक की ग्लेशियर की चपेट में आने से मौत हो गई है. मृतक सैनिक की पहचान घुमारपुर निवासी हवलदार राकेश कुमार पुत्र चरंजी लाल (41) के रूप में हुई है. यह सैनिक जेके राइफल-7 में तैनात था.

राकेश कुमार
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Published : Feb 21, 2019, 1:29 PM IST

बिलासपुरः जिला के एक सैनिक की ग्लेशियर की चपेट में आने से मौत हो गई है. मृतक सैनिक की पहचान घुमारपुर निवासी हवलदार राकेश कुमार पुत्र चरंजी लाल (41) के रूप में हुई है. यह सैनिक जेके राइफल-7 में तैनात था.

rakesh kumar
राकेश कुमार

राकेश कुमार भारत चीन बॉर्डर के पास जिला किन्नौर के नामज्ञा डोगरी के पास बुधवार को ग्लेशियर की चपेट में आने से मौत हो गई. बुधवार रात ही सेना के सूबेदार मेजर द्वारा हवलदार के पिता चिरंजी लाल को मोबाइल पर इस हादसे की सूचना मिली. सूचना मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर है. सैनिक की मौत से क्षेत्र में मातम छा गया है.

हेड कांस्टेबल राकेश कुमार 7 जेके राइफल में 20 वर्षों से कार्यरत्त था. राकेश कुमार दो बेटे मनीष व विवेक और पत्नी ममता कुमारी को पीछे छोड़ गया है. राकेश अपने माता पिता का इकलौटा बैटा था और शहीद राकेश की 4 बहनें है.

चिरंजी लाल आईपीएच विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं और 2 वर्ष पहले इन्हें भी पैरालाइज का अटैक हुआ है. अभी भी पैरालाइसिस ग्रस्त चिरंजी लाल चिकित्सीय इलाज करवा रहे हैं. इस घटना से पूरा क्षेत्र गमहीन है. परिवार को सेना से मिली जानकारी के अनुसार राकेश कुमार का पार्थिव शरीर किन्नौर में ही है, क्योंकि मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर की उड़ान नहीं हो पाई है. पहले पार्थिव शरीर को जालंधर में सेना के हेड क्वार्टर लाया जाएगा, जिसके बाद घर पहुंचाया जाएगा.

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बिलासपुरः जिला के एक सैनिक की ग्लेशियर की चपेट में आने से मौत हो गई है. मृतक सैनिक की पहचान घुमारपुर निवासी हवलदार राकेश कुमार पुत्र चरंजी लाल (41) के रूप में हुई है. यह सैनिक जेके राइफल-7 में तैनात था.

rakesh kumar
राकेश कुमार

राकेश कुमार भारत चीन बॉर्डर के पास जिला किन्नौर के नामज्ञा डोगरी के पास बुधवार को ग्लेशियर की चपेट में आने से मौत हो गई. बुधवार रात ही सेना के सूबेदार मेजर द्वारा हवलदार के पिता चिरंजी लाल को मोबाइल पर इस हादसे की सूचना मिली. सूचना मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर है. सैनिक की मौत से क्षेत्र में मातम छा गया है.

हेड कांस्टेबल राकेश कुमार 7 जेके राइफल में 20 वर्षों से कार्यरत्त था. राकेश कुमार दो बेटे मनीष व विवेक और पत्नी ममता कुमारी को पीछे छोड़ गया है. राकेश अपने माता पिता का इकलौटा बैटा था और शहीद राकेश की 4 बहनें है.

चिरंजी लाल आईपीएच विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं और 2 वर्ष पहले इन्हें भी पैरालाइज का अटैक हुआ है. अभी भी पैरालाइसिस ग्रस्त चिरंजी लाल चिकित्सीय इलाज करवा रहे हैं. इस घटना से पूरा क्षेत्र गमहीन है. परिवार को सेना से मिली जानकारी के अनुसार राकेश कुमार का पार्थिव शरीर किन्नौर में ही है, क्योंकि मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर की उड़ान नहीं हो पाई है. पहले पार्थिव शरीर को जालंधर में सेना के हेड क्वार्टर लाया जाएगा, जिसके बाद घर पहुंचाया जाएगा.

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From: bilaspur news <subhashh2@gmail.com>
Date: Thu, Feb 21, 2019, 11:24 AM
Subject: गलेशियर की चपेट में आने से जिला बिलासपुर के सैनिक की मौत जिला बिलासपुर के एक सैनिक की ग्लेशियर की चपेट में आने की मौत हो गई है । मृतक सैनिक की पहचान हवलदार राकेश कुमार पुत्र चरंजीलाल उम्र 41 साल गांव घुमारपुर डाकघर घराण तहसील झंडुता जिला बिलासपुर के रूप में हुई है । यह सैनिक जे के रैफल सात का सैनिक था ।
To: <hpdesk@etvbharat.com>, <rajneeshkumar@etvbharat.com>


जिला बिलासपुर का राकेश कुमार आयु 41 वर्ष सेवेन जैके राइफल सेना में बतौर हवलदार कार्यरत का भारत चीन बॉर्डर के पास जिला किन्नौर के नामज्ञा डोगरी के पास बुधवार को बर्फ  ग्लेशियर  की चपेट में दब जाने से शहीद हुए का समाचार मिलते ही परिवार में चीखों पुकार शुरू हो गई
 
बुधवार रात्रि ही सेना के सूबेदार मेजर द्वारा शहीद हवलदार के पिता चिरंजीलाल को मोबाइल पर इस हादसे की सूचना मिली फिर क्या था पूरे ही गांव में शोक की लहर चल पड़ी और साथ लगते क्षेत्रों में भी मातम छा गया।

 ज्ञात रहे झंडुत्ता चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत  पंचायत घराण गांव घुमारपुर का  रहने वाला था।
 
हेड कांस्टेबल राकेश कुमार 7 जेके राइफल में 20 वर्षों से कार्यरत था। राकेश कुमार के दो बेटे मनीष और विवेक और पत्नी ममता कुमारी को पीछे छोड़ गया। बड़ा लड़का मनीष दसवीं कक्षा में जबकि छोटा बेटा विवेक आठवीं कक्षा में पढ़ता है। वहीं अपने माता कोशल्या और पिता चिरंजीलाल का इकलौता बेटा था और चार बहने जिनकी शादी हो चुकी है पीछे छोड़ गया।

चिरंजीलाल आईपीएच विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं और 2 वर्ष पहले इन्हीं भी पैरालाइज का अटैक हुआ है  अभी भी पैरालाइसिस ग्रस्त चिरंजीलाल चिकित्सीय इलाज करवा रहे हैं ।

हादसे का शिकार हुए राकेश कुमार ने प्लस टू सीनियर सेकेंडरी स्कूल तलाई से ही की थी। राकेश कुमार के सहपाठी चमन ने बताया की राकेश कुमार काफी मिलनसार और बहादुर स्कूल टाइम से ही रहा है।

घटित इस घटना के बाद पूरा क्षेत्र गममीन हुआ है। परिवार को मिली सेना से जानकारी अनुसार अभी शहीद राकेश कुमार का पार्थिव शरीर किन्नौर में ही है क्योंकि मौसम खराब की वजह से हेलीकॉप्टर की उड़ान नहीं हो पाई है ज्ञात रहे पहले पार्थिव शरीर को जालंधर पंजाब सेना के हेड क्वार्टर में पहुंचाने के बाद बाया सड़क से घर पहुंचाया जाएगा।


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