बिलासपुर: हिमाचल एनजीटी के दिशा निर्देशों की अवहेलना पाए जाने के चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से रेलवे लाइन की टनल का निर्माण कर रहे एक कांट्रेक्टर को 29.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. चिन्हित साइट के बजाए गोबिंद सागर झील में कई जगहों पर डंपिंग करने के चलते कांट्रेक्टर को 4 बार नोटिस दिए गए मगर कोई असर न होने के चलते अब भारी भरकम जुर्माना ठोका गया है. जुर्माना करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव को प्रस्ताव भेजा गया है.
कांट्रेक्टर को जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि उक्त कांट्रेक्टर रेलवे लाइन में टनल का निर्माण कर रहा है. तीन टनल का कार्य इस कांट्रेक्टर के पास है. दरअसल, पिछले लंबे समय से निरंतर गोबिंद सागर झील में कई जगहों पर डंपिंग कर रहा है. जो चिन्हित साइट है वहां पर मलबा फेंकने के बजाए यहां वहां कई जगहों पर मलबा फेंका गया है. कई संपर्क रास्ते ऐसे हैं जहां मलबे के ट्रक भरकर फेंके जा रहे हैं. ऐसे में कई जगहों पर मलबा फेंके जाने पर संज्ञान लिया गया.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का तर्क है कि जब पहली बार नोटिस जारी किया गया था तो कांट्रेक्टर ने जगह-जगह डंप किए गए मलबे को उठाने की बात कही थी, लेकिन उसके बावजूद किया कराया कुछ भी नहीं. कांट्रेक्टर की ओर से जगह-जगह गिराए गए मलबे को न उठाए जाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से दूसरा नोटिस जारी किया और इसका कांट्रेक्टर पर कोई असर नहीं हुआ. फिर तीसरा और बाद में चौथा नोटिस जारी किया. ऐसे में बार बार नोटिस जारी करने के बावजूद कांट्रेक्टर द्वारा मनमानी किए जाने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए बोर्ड ने भारी भरकम जुर्माना ठोका है.
उधर, इस संदर्भ में बात करने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बिलासपुर में कार्यरत क्षेत्रीय अधिकारी ईं. अतुल परमार ने बताया कि चार बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद कांट्रेक्टर ने कोई जबाव नहीं दिया जिसके चलते अब 29.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इस बारे में बोर्ड के सचिव को प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा है. उन्होंने कहा कि जितना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएंगे यह भविष्य के लिए उतना ही खतरनाक भी साबित होगा. प्रकृति से छेड़छाड़ के परिणाम इस बार की बरसात में सामने आए हैं.