बिलासपुर: जिला बिलासपुर में स्कूलों में छापेमारी करके निरीक्षण किया गया. प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक बिलासपुर बीडी शर्मा ने जिला के 48 स्कूलों में छापामारी की. स्कूलों में छापामारी करने के बाद 6 स्कूलों में बहुत सी खामियां पाई गई हैं. कई स्कूलों में ऑफिस रजिस्टर तक मैंनटेन नहीं किया गया था तो कई स्कूलों में टीचर्स और प्रिंसिपल के टाइम पर स्कूल न आने के मामले सामने आए हैं.
स्कूलों को नोटिस जारी: ऐसे में उपनिदेशक ने तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए स्कूल प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. जिनसे जल्द से जल्द जवाब तलब किया गया है. वहीं, कई स्कूलों में शिक्षा का स्तर भी सही नहीं पाया गया, जिसपर उपनिदेशक ने संबंधित विषय के अध्यापकों की खूब क्लास लगाई.
बिलासपुर में 574 प्राइमरी स्कूल: स्कूलों में छापेमारी की जानकारी देते हुए प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक बिलासपुर बीडी शर्मा ने बताया कि बिलासपुर जिले में कुल 574 प्राइमरी स्कूल हैं. जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या करीब 7 हजार है. उन्होंने बताया कि अभी भी जिले के कुछ स्कूल ऐसे हैं, जहां बच्चों को रीडिंग और राइटिंग में समस्या आ रही है. जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर इसका जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन को बताया है.
स्कूल प्रबंधन पर शिक्षा विभाग की सख्ती: उपनिदेशक बीडी शर्मा ने बताया कि ने छापेमारी के दौरान एक स्कूल के प्रिंसिपल तो स्कूल से ही गायब पाए गए. जिनको विभाग की ओर से बतौर नोटिस भी जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले में सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने साफ तौर पर निर्देश जारी किए हैं कि अगर किसी भी स्कूल में कोई खामियां पाई जाती हैं या फिर स्कूल टीचर व प्रिंसिपल समय पर स्कूल नहीं आते हैं या नदारद रहते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एजुकेशन लेवल सही करने की जरूरत: उपनिदेशक ने कहा कि बिलासपुर में विद्यार्थियों का शिक्षा स्तर सुधारने की बहुत जरूरत है. उन्होंने निरीक्षण में पाया है कि जिले में कुछ स्कूल बेहद ही लो लेवल में है. इन स्कूलों के बच्चों की शिक्षा के स्तर को सही करने के लिए शिक्षकों को ज्यादा से ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
स्कूल के टाइम टेबल में बदलाव: गौरतलब है कि शिक्षा विभाग द्वारा बिलासपुर जिले में अभी हाल ही में शिक्षा स्तर को बेहतर करने के लिए समय सारणी में भी बदलाव किया गया है. जिसमें बच्चों को 4 बजे तक स्कूलों में पढ़ाई करवाने के आदेश जारी किए गए हैं. हालांकि इस समय सारिणी को लेकर कुछ परिजनों ने आपत्ति भी जताई है. हालांकि उपनिदेशक का कहना है कि जिन स्कूलों की परफॉर्मेंस कमजोर है, उन स्कूलों में इस आदेश के सख्ती से पालना के निर्देश दिए गए हैं.
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