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तारकोल प्लांट के खिलाफ लामबंद हुए पनोह के बाशिंदे, मांग न मानने पर दी आत्मदाह की चेतावनी - Una

पनोह गांव में करीब 2 माह पहले तारकोल संयंत्र का प्लांट लगाया गया है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने रोष जताया है. ग्रामीणों का कहना है कि संयंत्र के चलने से एक तो काफी शोर होता है और दूसरा संयंत्र से निकलने वाली जहरीली गैस से स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ रहा है.

The people of Penoh protest against the Tarakol Plant
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Published : Jun 29, 2019, 5:23 AM IST

ऊना: ऊना जिला के पनोह गांव में लगे तारकोल प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत की एनओसी के बिना ही गांव में तारकोल का प्लांट लगा दिया गया. जिससे गांव में प्रदूषण फैल गया है, ग्रामीणों ने बताया कि इतने प्रदूषण में उनका रहना दुश्वार हो गया है. वहीं, खेती-बाड़ी को भी भारी नुकसान हो रहा है.

ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शिकायतों के बावजूद भी प्रदूषण विभाग और प्रशासन प्लांट के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रहा है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही उनकी मांग पूरी न हुई तो उन्हें मजबूरन आत्मदाह करना पड़ेगा.

वीडियो.

ये भी पढ़ें: अब प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा हिमाचल, मुकेश अंबानी समेत देश के बड़े उद्यमियों ने दिया निवेश का आश्वासन

ऊना जिला के गांव में स्थापित तारकोल संयंत्र को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए हैं. शुक्रवार को ग्रामीणों ने उद्योग के बाहर पहुंचकर विरोध जताते हुए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों का आरोप है कि इस संयंत्र से निकलने वाले धुएं का ग्रामीणों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. प्लांग से निकलने वाली जहरीली गैस स्वास्थ्य से लेकर फसलों को भी नुकसान पहुंचा रही है. आरोप है कि बिना पंचायत की एनओसी के तारकोल का प्लांट लगाया गया है.

प्लांट लगने से ग्रामीणों में रोष
बता दें कि पनोह गांव में करीब 2 माह पहले तारकोल संयंत्र का प्लांट लगाया गया है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने रोष जताया है. ग्रामीणों ने बताया कि संयंत्र के चलने से एक तो काफी शोर होता है और दूसरा संयंत्र से निकलने वाली जहरीली गैस से स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. इतना ही नहीं संयंत्र खेतों के समीप लगाया गया है, जिससे ग्रामीणों की फसल भी बर्बाद हो रही है.

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र CM देवेन्द्र फडणवीस से मिले जयराम, मुंबई में हिमाचल भवन निर्माण के लिए मांगी जगह

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
ग्रामीणों ने बताया कि मामले की शिकायत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित प्रशासनिक अधिकारियों को भी दी गई. लेकिन आज दिन तक इस समस्या का कोई हल नहीं हो पाया है ग्रामीणों ने कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द ही तारकोल संयंत्र बन्द न किया तो बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने के अलावा आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. वहीं, गांव की प्रधान सुदेश कुमारी ने कहा कि इस प्लांट को स्थापित करने के लिए पंचायत से कोई अनुमति नहीं ली गई है. पंचायत प्रधान ने भी गांव से इस प्लांट को हटाने की मांग की है.

ऊना: ऊना जिला के पनोह गांव में लगे तारकोल प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत की एनओसी के बिना ही गांव में तारकोल का प्लांट लगा दिया गया. जिससे गांव में प्रदूषण फैल गया है, ग्रामीणों ने बताया कि इतने प्रदूषण में उनका रहना दुश्वार हो गया है. वहीं, खेती-बाड़ी को भी भारी नुकसान हो रहा है.

ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शिकायतों के बावजूद भी प्रदूषण विभाग और प्रशासन प्लांट के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रहा है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही उनकी मांग पूरी न हुई तो उन्हें मजबूरन आत्मदाह करना पड़ेगा.

वीडियो.

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ऊना जिला के गांव में स्थापित तारकोल संयंत्र को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए हैं. शुक्रवार को ग्रामीणों ने उद्योग के बाहर पहुंचकर विरोध जताते हुए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों का आरोप है कि इस संयंत्र से निकलने वाले धुएं का ग्रामीणों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. प्लांग से निकलने वाली जहरीली गैस स्वास्थ्य से लेकर फसलों को भी नुकसान पहुंचा रही है. आरोप है कि बिना पंचायत की एनओसी के तारकोल का प्लांट लगाया गया है.

प्लांट लगने से ग्रामीणों में रोष
बता दें कि पनोह गांव में करीब 2 माह पहले तारकोल संयंत्र का प्लांट लगाया गया है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने रोष जताया है. ग्रामीणों ने बताया कि संयंत्र के चलने से एक तो काफी शोर होता है और दूसरा संयंत्र से निकलने वाली जहरीली गैस से स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. इतना ही नहीं संयंत्र खेतों के समीप लगाया गया है, जिससे ग्रामीणों की फसल भी बर्बाद हो रही है.

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शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
ग्रामीणों ने बताया कि मामले की शिकायत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित प्रशासनिक अधिकारियों को भी दी गई. लेकिन आज दिन तक इस समस्या का कोई हल नहीं हो पाया है ग्रामीणों ने कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द ही तारकोल संयंत्र बन्द न किया तो बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने के अलावा आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. वहीं, गांव की प्रधान सुदेश कुमारी ने कहा कि इस प्लांट को स्थापित करने के लिए पंचायत से कोई अनुमति नहीं ली गई है. पंचायत प्रधान ने भी गांव से इस प्लांट को हटाने की मांग की है.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कैंपस सहित होस्टलों ओर टीचर कलोनी के साथ ही एचपीयू अपने इवनिंग कॉलेज को भी वाईफाई से लैस करेगा। इस पूरे कार्य पर 3 करोड़ 59 लाख से 63 हजार 36 रुपए का बजट खर्च किया जाएगा। कार्य को पूरा करने के लिए एचपीयू 3 करोड़ लाख रुपए खर्च करेगा। इस बात को लेकर अंतिम मोहर शुक्रवार को एचपीयू की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में लगाई गई। बैठक की अध्यक्षता एचपीयू के कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार ने की। बैठक में फैसला लिया गया कि एचपीयू में पढ़ रहे दिव्यांग छात्रों को हाइकोर्ट के निर्देशों के तहत 5 फीसदी आरक्षण देने के साथ ही एचपीयू अपनी दिव्यांग नीति बनायेगा जिसे अगली कार्यकारिणी परिषद की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।



Body:ईसी की बैठक में एचपीयू से निष्कासित 7 एसएफआई के छात्रों के निष्कासन को एचपीयू ने रद्द करने का फ़ैसला टाल दिया है। हालांकि पिछली ईसी की बैठक में इन सात छात्रों के निष्कासन को वापिस लेने का फ़ैसला लिया गया था लेकिन एचपीयू में अभी हाल में ही हुई हिंसा के बाद एचपीयू ने यह फ़ैसला लिया है। परिषद ने फैसला लिया कि प्रो.शशिकांत शर्मा रसायन विज्ञान विषय में जीवनवृत्त उन्नति योजना के तहत 23 मार्च 2009 से पदौन्नति को अनुमोदित किया। परिषद ने एनसीसी,एनएसएस के उन सभी छात्रों को जो अक्टूबर/नवंबर 2018 में कैम्प के कारण अपनी परीक्षाएं नहीं दे पाए उन्हें आगामी आने वाली परीक्षा देने का अवसर प्रदान करने की मंजूरी दी।


Conclusion:परिषद की बैठक में फ़ैसला लिया गया कि एचपीयू के यूआईआईटी संस्थान में प्रत्येक विषय अनुसार प्रोफेसर,सह-आचार्य,सहायक आचार्य को विषय विभाजन के अनुसार पद सृजित करने की स्वीकृति प्रदान की गई । बैठक में राकेश जम्वाल विधायक सुंदरनगर,प्रो.एन.के शारदा,प्रो.वी.पी.शर्मा,डॉ.आशु गुप्ता पचार्य दंत चिकित्सा महाविद्यालय,नवनीत कपूर उप सचिव शिक्षा,निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा,अजय श्रीवास्तव,सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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