ऊना: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत बुधवार को जिला के सीमांत गांव सनोली में किसान यूनियन के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे. इस मौके पर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिन्दर सिंह नॉटी, पूर्व विधायक मंजीत डोगरा यूनियन के जिला अध्यक्ष बृजेश शर्मा समेत तमाम अन्य लोग भी मौजूद रहे. इस मौके पर राकेश टिकैत ने गांव में स्थापित की गई शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में पहुंचकर माथा टेका. जबकि इसके बाद गुरुद्वारा साहिब के ही साथ आयोजित सभा में उन्होंने किसानों के साथ रूबरू होते हुए किसानों की समस्याओं को भी सुना.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत (rakesh tikait in una) बुधवार को जिला के सीमांत गांव सनोली में किसान सभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे. इस मौके पर राकेश टिकैत ने शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका. उन्होंने भारतीय किसान यूनियन टिकैत की जिला इकाई द्वारा आयोजित किए गए समारोह में शिरकत करते हुए किसानों से उनकी समस्याओं के बारे में भी मालूमात हासिल की.
इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश के तमाम किसानों से मुलाकात कर उनके समस्याओं को जान रहे हैं. इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में सेब उत्पादन से जुड़े (tikait on msp guarantee law) किसानों और धान की खेती करने वाले किसानों से मुलाकात की है. वही अब प्रदेश की लोअर बैल्ट के किसानों से मुलाकात करते हुए उनकी समस्याओं को भी जानेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में लंबे समय तक संघर्ष किया.
वहीं सरकार ने किसानों के आगे झुकते हुए कृषि विधेयक को वापस भी लिया. लेकिन इसके बावजूद ना तो आज तक किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लिया गया है और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य के संबंध में कानून को लागू किया जा सका है. उन्होंने कहा कि देश के किसानों की हालत ऐसी है कि यदि वे आंदोलन करते हैं तो उनके उत्पादन की खरीद कर ली जाती है लेकिन यदि किसान चुप रहता है तो कोई उसे पूछने वाला नहीं है.
हिमाचल में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय किसान यूनियन की भूमिका के संबंध में पूछे गए सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. यूनियन केवल किसान हित की बात करती है और इसके लिए वह किसी भी समय आवाज बुलंद कर सकती है. उन्होंने कहा कि अग्रिपथ योजना (tikait on Agnipath recruitment scheme) की अग्रि आज पूरे देश में भड़क रही है. उन्होंने कहा कि सभी जवानों को 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद सेना में सेवा का मौका दिया जाए, जिसके बाद युवा अलग-अलग क्षेत्र में अपना काम धंधा करे सके. केवल मात्र चार वर्ष सेना में सेवा देने के बाद घर भेजना पूरी तरह गलत है. इससे युवाओं का मनोबल पूरी तरह से टूट जाएगा.
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