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यूक्रेन में फंसे बच्चों की चिंता में रो पड़े अभिभावक, कहा- 2 लाख में मिल रहा 20 हजार वाला टिकट

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Published : Feb 24, 2022, 8:25 PM IST

Updated : Feb 25, 2022, 1:41 PM IST

यूक्रेन और रूस के बीच शुरू हो चुके युद्ध में (Ukraine-Russia war) यूक्रेन में फंसे हिमाचली बच्चों के (children of Himachal stuck in Ukraine) अभिभावकों की चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. हालत यह है कि बच्चों की चिंता में डूबे अभिभावक किसी से भी बात करते समय रो पड़ते हैं. रूस द्वारा की जा रही यूक्रेन पर बमबारी के बीच हिमाचल के भी सैकड़ों बच्चे अपने आप को असुरक्षित और असहाय महसूस कर रहे हैं. हालत यह है कि वहां पर बच्चों को खाने-पीने तक के लाले पड़ते जा रहे हैं. कुछ बच्चे जो भारत आने की चाह में दूरदराज स्थित अपनी यूनिवर्सिटी छोड़कर एयरपोर्ट की तरफ निकले थे उनके लिए मुसीबतें ज्यादा बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. जिसका कारण एयरपोर्ट का बंद होना और वापसी में यूनिवर्सिटी में उन्हें आश्रय न मिलना है.

children of Himachal stuck in Ukraine
यूक्रेन में हिमाचल के बच्चे फसे

ऊना: यूक्रेन में फंसे हिमाचल के ऊना जिले के कई बच्चों के अभिभावक चिंता में डूबे हुए हैं. एक तरफ रूस द्वारा (children of Himachal stuck in Ukraine) की जा रही बमबारी के बीच उनके बच्चे असुरक्षित हैं तो वहीं, दूसरी तरफ बच्चों को भारत वापस लाने के लिए कहीं भी सुनवाई नहीं हो पा रही. इतना ही नहीं भारत वापसी के लिए प्रयास करने वाले बच्चों को लूट खसूट का भी सामना करना पड़ रहा है.

children of Himachal stuck in Ukraine
यूक्रेन में फंसे हिमाचल के बच्चों के अभिभावक चिंता में.

यूक्रेन से भारत आने के लिए (Ukraine-Russia war) जो एयर टिकट 27 से 28 हजार रुपये में उपलब्ध होता था. अब उसके ही दाम 2.12 लाख रुपए तक जा पहुंचे हैं. खून पसीना एक करके विदेश में बच्चों को डॉक्टरी की पढ़ाई कराने वाले अभिभावकों के लिए नित नई मुसीबतें मुंह बाए खड़ी हो रही हैं. अभिभावकों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि जिस तरह उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समय-समय पर पैदा हुए संकट के बीच विभिन्न देशों से भारत वासियों को सुरक्षित निकाला है, उसी तरह इस मामले में भी पहल करते हुए यूक्रेन में फंसे हिमाचल ही नहीं बल्कि भारत के प्रत्येक राज्य के नागरिकों को सुरक्षित निकालने की दिशा में कदम बढ़ाया जाना चाहिए.

यूक्रेन में फंसे बच्चों की चिंता में रो पड़े अभिभावक.

बच्चों को भारत वापस लाने की गुहार लगा रहे अभिभावकों के आंसू तक निकल पड़े जब उन्होंने यह बताया कि उनके लाडले यूनिवर्सिटी से एयरपोर्ट के लिए तो निकले थे, लेकिन एयरपोर्ट बंद होने के बाद उन्हें वहां पर कोई आश्रय नहीं मिल पा रहा. इतना ही नहीं भारतीय छात्रों के अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड भी यूक्रेन में चलना बंद हो चुके हैं. जिन-जिन शहरों में यह कार्ड चल रहे हैं वहां पर एटीएम के बाहर दो 2 किलोमीटर लंबी लाइनें लगी हैं. युद्ध के हालातों में यूक्रेन में भी स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित करने को प्राथमिकता दी जा रही है. ऐसे में भारतीय छात्रों का यूक्रेन में कौन खैरख्वाह बनेगा.

children of Himachal stuck in Ukraine
यूक्रेन में फंसे हिमाचल के बच्चों के अभिभावक चिंता में.

ये भी पढ़ें : सोलन: यूक्रेन से वापस पहुंचने वाली हैं हिमाचल की बेटी नितिका वालिया, सरकार का किया धन्यवाद

ऊना: यूक्रेन में फंसे हिमाचल के ऊना जिले के कई बच्चों के अभिभावक चिंता में डूबे हुए हैं. एक तरफ रूस द्वारा (children of Himachal stuck in Ukraine) की जा रही बमबारी के बीच उनके बच्चे असुरक्षित हैं तो वहीं, दूसरी तरफ बच्चों को भारत वापस लाने के लिए कहीं भी सुनवाई नहीं हो पा रही. इतना ही नहीं भारत वापसी के लिए प्रयास करने वाले बच्चों को लूट खसूट का भी सामना करना पड़ रहा है.

children of Himachal stuck in Ukraine
यूक्रेन में फंसे हिमाचल के बच्चों के अभिभावक चिंता में.

यूक्रेन से भारत आने के लिए (Ukraine-Russia war) जो एयर टिकट 27 से 28 हजार रुपये में उपलब्ध होता था. अब उसके ही दाम 2.12 लाख रुपए तक जा पहुंचे हैं. खून पसीना एक करके विदेश में बच्चों को डॉक्टरी की पढ़ाई कराने वाले अभिभावकों के लिए नित नई मुसीबतें मुंह बाए खड़ी हो रही हैं. अभिभावकों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि जिस तरह उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समय-समय पर पैदा हुए संकट के बीच विभिन्न देशों से भारत वासियों को सुरक्षित निकाला है, उसी तरह इस मामले में भी पहल करते हुए यूक्रेन में फंसे हिमाचल ही नहीं बल्कि भारत के प्रत्येक राज्य के नागरिकों को सुरक्षित निकालने की दिशा में कदम बढ़ाया जाना चाहिए.

यूक्रेन में फंसे बच्चों की चिंता में रो पड़े अभिभावक.

बच्चों को भारत वापस लाने की गुहार लगा रहे अभिभावकों के आंसू तक निकल पड़े जब उन्होंने यह बताया कि उनके लाडले यूनिवर्सिटी से एयरपोर्ट के लिए तो निकले थे, लेकिन एयरपोर्ट बंद होने के बाद उन्हें वहां पर कोई आश्रय नहीं मिल पा रहा. इतना ही नहीं भारतीय छात्रों के अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड भी यूक्रेन में चलना बंद हो चुके हैं. जिन-जिन शहरों में यह कार्ड चल रहे हैं वहां पर एटीएम के बाहर दो 2 किलोमीटर लंबी लाइनें लगी हैं. युद्ध के हालातों में यूक्रेन में भी स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित करने को प्राथमिकता दी जा रही है. ऐसे में भारतीय छात्रों का यूक्रेन में कौन खैरख्वाह बनेगा.

children of Himachal stuck in Ukraine
यूक्रेन में फंसे हिमाचल के बच्चों के अभिभावक चिंता में.

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Last Updated : Feb 25, 2022, 1:41 PM IST
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