ऊना: ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने पंजाब सीमा के साथ सटे गांव सनोली (Minister Sukhram Chaudhary Una visit) सहित 5 गांव का दौरा कर वहां के लोगों की समस्याओं को सुना. इस मौके पर वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती भी उनके साथ मौजूद रहे. इस दौरान मलूकपुर, बीनेवाल, पूहना, सनोली एवं मजारा गांव के लोगों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के गठन के बाद उनकी जमीने पंजाब में रह गई थी और यह परिवार हिमाचल में आ गए थे.
अब उक्त लोगों को पंजाब में आने वाली जमीनों पर मकान बनाने सहित अन्य कामों के लिए बिजली व पानी के कनेक्शन लेने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, लोगों ने पीएसीएल से निकलने वाले गंदे पानी की समस्या भी मंत्री के समक्ष रखी. हिमाचल प्रदेश के गठन से पूर्व ऊना जिला पंजाब का हिस्सा हुआ करता था. उस वक्त वर्तमान पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों को पंजाब से अलग करके हिमाचल में जोड़ा गया था. उस वक्त (Problems of the people of Una) किसी ने यह न सोचा होगा कि इन लोगों के लिए हिमाचल के गठन के करीब 50 साल बाद ऐसी समस्याएं खड़ी होने वाली हैं जिसके चलते इन्हें दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ सकता है.
जिला के सीमांत क्षेत्र में बसे 5 गांव के हजारों लोग हिमाचल और पंजाब दोनों राज्यों में अपनी जमीनें होने का खामियाजा भुगतने को मजबूर हो रहे हैं. हालत यह हैं कि हिमाचल के स्थाई निवासी इन लोगों की जमीनें पंजाब में है, लेकिन ना तो यह मकान बना सकते हैं और ना ही खेती कारोबार कर सकते हैं. दो राज्यों के बीच रह रहे इन लोगों को पंजाब में पड़ने वाली जमीनों पर ना तो पंजाब सरकार बिजली कनेक्शन देने को तैयार है और ना ही सीमा पार जाकर हिमाचल सरकार इन्हें सुविधा देने की जहमत उठा रही है. कुछ दिन पूर्व स्थानीय लोगों ने शिमला पहुंच सीएम जयराम ठाकुर के समक्ष अपना दुखड़ा रोया था जिसके बाद हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी जहां पहुंचे और लोगों की समस्याओं को जाना.
सनोली, मजारा, पूहना, बीनेवाल और मलूकपुर के दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि पंजाब से अलग कर हिमाचल में जोड़े गए इस क्षेत्र के लोगों की जमीन है हिमाचल की सीमा से उस पार पंजाब में भी पड़ती हैं, लेकिन इन जमीनों को ना तो को खेती कारोबार में इस्तेमाल कर सकते हैं और न ही वहां मकान बना सकते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इनके राशन कार्ड और तमाम दस्तावेज हिमाचली है ऐसे में पंजाब की सरकार उन्हें बिजली और पानी के कनेक्शन (Electricity and water connections Una) देने से साफ इंकार करती है. जबकि हिमाचल की सरकार पंजाब राज्य में जाकर उन्हें बिजली और पानी के कनेक्शन देने में हाथ खड़े कर चुकी है.
इतना ही नहीं ग्रामीणों ने पड़ोसी राज्य पंजाब के कस्बा नगर क्षेत्र एक उद्योग के जहरीले पानी का मसला भी ऊर्जा मंत्री के समक्ष उठाया. इस पानी के चलते हिमाचल में पढ़ने वाली उनकी जमीनें बंजर होती जा रही है. कुल मिलाकर हिमाचल की जमीने बेकार हो रही हैं तो पंजाब में पड़ी जमीनों का वह दोहन भी नहीं कर पा रहे. वहीं, इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दिशा निर्देश में वह इस क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए पहुंचे हैं. इस संबंध में उपायुक्त ऊना को राजस्व विभाग के साथ मिल बैठकर विस्तृत रिपोर्ट बनाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. विस्तृत रिपोर्ट को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा जिसके बाद हिमाचल और पंजाब की सरकारें मिल बैठकर इन लोगों की समस्याओं का निदान करेंगी.
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