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कांग्रेस एक-दूसरे पर फोड़ रही हार का ठीकरा, रायजादा ने वीरभद्र की जिद को ठहराया जिम्मेदार - ऊना  सदर विधायक

हिमाचल की चारों सीट कांग्रेस को मिली हार के बाद ऊना सदर विधायक सतपाल रायजादा ने अपनी ही पार्टी के नेताओं को कसूरवार ठहराया है. वहीं, उन्होंने बीजेपी नेताओं की भी तारीफ की है.

सतपाल रायजादा, विधायक ऊना सदर.
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Published : May 24, 2019, 4:41 PM IST

ऊना: लोकसभा चुनाव में मोदी की सुनामी चलते हिमाचल प्रदेश में चारों सीटें हारने के बाद हिमाचल कांग्रेस में पड़ी दरार खुलकर सामने आ गई है. ऊना सदर विधायक सतपाल रायजादा ने हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जिद को कसूरवार ठहराया है. उन्होंने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह पर पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को हटाकर संगठन की जड़ें काटने का आरोप भी लगाया है. वहीं, रायजादा ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत का हवाला देते हुए उन्हें चाणक्य की उपाधि तक दे डाली.

सतपाल रायजादा, विधायक ऊना सदर.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार पर रायजादा ने कहा कि पार्टी के नेताओं को आत्ममंथन करना चाहिए. कांग्रेस की इस बड़ी हार का जिम्मेदार मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले वार्षिक 6000 रुपयों को बताया है. उन्होंने नई सरकार में अगले पांच वर्ष तक लागू रहने पर शंका व्यक्त की है.

ये भी पढे़ें: अधिकारियों की पहली पसंद बने रामस्‍वरूप शर्मा, पोस्‍टल मत में भी आश्रय शर्मा को किया चित्त

हिमाचल में कांग्रेस के सभी चार उम्मीदवारों को तीन लाख के अधिक अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा. लेकिन इस हार पर मंथन की अपेक्षा प्रदेश कांग्रेस में पड़ी दरार खुलकर सामने आ गई है. हार के समय जिम्मेदारी लेने की अपेक्षा नेतागण एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं. पार्टी विधायक सतपाल रायजादा ने इस हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जिद को दोषी ठहराया है.

ऊना: लोकसभा चुनाव में मोदी की सुनामी चलते हिमाचल प्रदेश में चारों सीटें हारने के बाद हिमाचल कांग्रेस में पड़ी दरार खुलकर सामने आ गई है. ऊना सदर विधायक सतपाल रायजादा ने हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जिद को कसूरवार ठहराया है. उन्होंने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह पर पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को हटाकर संगठन की जड़ें काटने का आरोप भी लगाया है. वहीं, रायजादा ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत का हवाला देते हुए उन्हें चाणक्य की उपाधि तक दे डाली.

सतपाल रायजादा, विधायक ऊना सदर.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार पर रायजादा ने कहा कि पार्टी के नेताओं को आत्ममंथन करना चाहिए. कांग्रेस की इस बड़ी हार का जिम्मेदार मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले वार्षिक 6000 रुपयों को बताया है. उन्होंने नई सरकार में अगले पांच वर्ष तक लागू रहने पर शंका व्यक्त की है.

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हिमाचल में कांग्रेस के सभी चार उम्मीदवारों को तीन लाख के अधिक अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा. लेकिन इस हार पर मंथन की अपेक्षा प्रदेश कांग्रेस में पड़ी दरार खुलकर सामने आ गई है. हार के समय जिम्मेदारी लेने की अपेक्षा नेतागण एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं. पार्टी विधायक सतपाल रायजादा ने इस हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जिद को दोषी ठहराया है.

Intro:चुनाव परिणामों के बाद हिमाचल कांग्रेस में पड़ी दरार, ऊना सदर के विधायक सतपाल रायजादा ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जिद्द को बताया जिम्मेदार, केंद्र किसान सम्मान निधि योजना को बताया रिश्वत, बीजेपी के कार्यकर्ता संगठन मजबूत अपने नेताओं को बताया जड़ काटू।


Body:लोकसभा चुनाव में मोदी की सुनामी चलते हिमाचल प्रदेश में चारों सीटें हारने के बाद हिमाचल कांग्रेस में पड़ी दरार खुलकर सामने आई गई है। ऊना सदर विधायक सतपाल रायजादा ने हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जिद्द को कसूरवार ठहराया है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र द्वारा पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुखु को हटाकर संगठन की जड़े काटने का आरोप लगाया है। रायजादा ने वीरभद्र सिंह द्वारा सुखविंद्र सिंह सुखु की बार बार आलोचना करना गलत बताया। वहीं रायजादा ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत का हवाला देते उन्हें चाणक्य की उपाधि तक दे डाली । विधायक ने केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि को रिश्वत तक कह डाला।

बाइट--सतपाल रायजादा (विधायक,ऊना सदर) Raizada-2

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार पर रायजादा ने कहा कि पार्टी के नेताओं को आत्ममंथन करना चाहिए । कांग्रेस की इस बड़ी हार का जिम्मेदार मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले वार्षिक 6000 रूपयों को बताया। उन्होंने नई सरकार में अगले पांच वर्ष तक लागू रहने पर शंका व्यक्त की है।


बाइट-- सतपाल रायजादा( विधायक, ऊना सदर)
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हिमाचल में कांग्रेस के सभी चार उम्मीदवारों को तीन लाख के अधिक अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन इस हार पर मंथन की अपेक्षा प्रदेश कांग्रेस में पड़ी दरार खुलकर सामने आ गई है। हार के समय जिम्मेदारी लेने की अपेक्षा नेतागण एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। पार्टी विधायक सतपाल रायजादा ने इस हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जिद्द को दोषी ठहराया। उन्होंने वीरभद्र पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को हटाकर संगठन की जड़े काटने का आरोप लगाया है। रायजादा ने कहा कि राजा वीरभद्र सिंह द्वारा सुखू की बार-बार खुली आलोचना करना पार्टी के नजरिए से गलत बताया।


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