ETV Bharat / city

ऊना में बैसाखी पर्व पर पीरनिगाह में मेले का आयोजन, मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता

बैसाखी के पावन पर्व के अवसर पर उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीरनिगाह में मेले का आयोजन (Pirnigah Darbar Una) किया गया. सुबह सवेरे झंडा चढ़ाने की रस्म अदा करने के बाद मेला शुरू हुआ. मेले को लेकर मंदिर परिसर को रंग-बिरंगे फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया. वहीं ढोल-नगाड़े की थाप पर श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर शीश नवाते रहे.

Pirnigah Darbar Una
ऊना में मनाई बैसाखी
author img

By

Published : Apr 13, 2022, 4:40 PM IST

ऊना: बैसाखी के पावन पर्व के अवसर पर उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीरनिगाह में मेले का आयोजन किया गया. सुबह सवेरे झंडा चढ़ाने की रस्म अदा करने के बाद मेला शुरू (Baisakhi in Pirnigah Darbar Una) हुआ. मेले को लेकर मंदिर परिसर को रंग-बिरंगे फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया. वहीं ढोल-नगाड़े की थाप पर श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर शीश नवाते रहे. मंदिर परिसर के समीप स्थित तालाब इस पर्व पर नहाने का भी विशेष महत्व है. उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल में बैसाखी के पर्व पर भव्य मेला लगता रहा है, लेकिन बीते सालों में कोविड-19 की परिस्थितियों के चलते मेले का स्वरूप भी काफी हद तक बदल चुका है.

उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीरनिगाह में बैसाखी का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. ध्वजारोहण से शुरू हुए मेले के दौरान हजारों की संख्या में हिमाचल ही नहीं पंजाब और हरियाणा सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु मंदिर परिसर पहुंचे. इस दौरान श्रद्धालुओं ने पीरनिगाह में माथा टेका और मन्नते भी (Baisakhi celebrated in Pirnigah) मांगी. बैसाखी के पर्व पर दूरदराज इलाकों से श्रद्धालु गेंहूं की फसल का कुछ हिस्सा लेकर पीर बाबा के अर्पण करते है. इस अवसर पर मंदिर परिसर को रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया था. इतिहास के जानकारों के मुताबिक यह धार्मिक स्थल पांडव काल में बनाया गया है.

Pirnigah Darbar Una
ऊना में मनाई गई बैसाखी.

वहीं, एक कथा के अनुसार इसी धार्मिक स्थल के समीप एक गांव में पंडित निगाहिया नामक व्यक्ति रहता था, जोकि कुष्ठ रोग से ग्रसित था. कुष्ठ रोग से पीड़ित होने के बाद किसी ने उस ब्राह्मण को बताया कि पास ही के गांव बसोली के जंगल में लखदाता पीर जी आते हैं. वहीं उसके इस रोग को ठीक कर सकते (Pirnigah Darbar Una) हैं. जिसके बाद वह ब्राह्मण इस स्थान पर रहकर लखदाता पीर जी की आराधना करने लगा जिसके बाद लखदाता पीर जी वहां पहुंचे और पंडित निगाइयां को पास ही के एक तालाब में स्नान करने को कहा. तालाब में स्नान करने के बाद पंडित निगाइयां कुष्ट रोग से मुक्त हो गया.

Pirnigaha Darbar Una
बैसाखी के पावन पर्व के अवसर पर उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीरनिगाह में मेले का आयोजन.

उसके बाबा लखदाता पीर जी वहां से चले गए और पंडित निगाइयां को इसी स्थान पर रहकर पूजा-अर्चना करने के निर्देश (Baisakhi festival 2022) दिए. वहीं पीरनिगाह मंदिर कमेटी की अध्यक्षा शशि देवी ने कहा कि हर साल बैसाखी पर पीरनिगाह में मेले का आयोजन किया जाता है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं के लिए मंदिर कमेटी द्वारा विशेष प्रबंध किये गए है. वहीं, दूरदराज से पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि वो पिछले लंबे समय से पीरनिगाह मंदिर में आ रहे है और इस धार्मिल स्थान पर श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

ऊना: बैसाखी के पावन पर्व के अवसर पर उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीरनिगाह में मेले का आयोजन किया गया. सुबह सवेरे झंडा चढ़ाने की रस्म अदा करने के बाद मेला शुरू (Baisakhi in Pirnigah Darbar Una) हुआ. मेले को लेकर मंदिर परिसर को रंग-बिरंगे फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया. वहीं ढोल-नगाड़े की थाप पर श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर शीश नवाते रहे. मंदिर परिसर के समीप स्थित तालाब इस पर्व पर नहाने का भी विशेष महत्व है. उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल में बैसाखी के पर्व पर भव्य मेला लगता रहा है, लेकिन बीते सालों में कोविड-19 की परिस्थितियों के चलते मेले का स्वरूप भी काफी हद तक बदल चुका है.

उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीरनिगाह में बैसाखी का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. ध्वजारोहण से शुरू हुए मेले के दौरान हजारों की संख्या में हिमाचल ही नहीं पंजाब और हरियाणा सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु मंदिर परिसर पहुंचे. इस दौरान श्रद्धालुओं ने पीरनिगाह में माथा टेका और मन्नते भी (Baisakhi celebrated in Pirnigah) मांगी. बैसाखी के पर्व पर दूरदराज इलाकों से श्रद्धालु गेंहूं की फसल का कुछ हिस्सा लेकर पीर बाबा के अर्पण करते है. इस अवसर पर मंदिर परिसर को रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया था. इतिहास के जानकारों के मुताबिक यह धार्मिक स्थल पांडव काल में बनाया गया है.

Pirnigah Darbar Una
ऊना में मनाई गई बैसाखी.

वहीं, एक कथा के अनुसार इसी धार्मिक स्थल के समीप एक गांव में पंडित निगाहिया नामक व्यक्ति रहता था, जोकि कुष्ठ रोग से ग्रसित था. कुष्ठ रोग से पीड़ित होने के बाद किसी ने उस ब्राह्मण को बताया कि पास ही के गांव बसोली के जंगल में लखदाता पीर जी आते हैं. वहीं उसके इस रोग को ठीक कर सकते (Pirnigah Darbar Una) हैं. जिसके बाद वह ब्राह्मण इस स्थान पर रहकर लखदाता पीर जी की आराधना करने लगा जिसके बाद लखदाता पीर जी वहां पहुंचे और पंडित निगाइयां को पास ही के एक तालाब में स्नान करने को कहा. तालाब में स्नान करने के बाद पंडित निगाइयां कुष्ट रोग से मुक्त हो गया.

Pirnigaha Darbar Una
बैसाखी के पावन पर्व के अवसर पर उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीरनिगाह में मेले का आयोजन.

उसके बाबा लखदाता पीर जी वहां से चले गए और पंडित निगाइयां को इसी स्थान पर रहकर पूजा-अर्चना करने के निर्देश (Baisakhi festival 2022) दिए. वहीं पीरनिगाह मंदिर कमेटी की अध्यक्षा शशि देवी ने कहा कि हर साल बैसाखी पर पीरनिगाह में मेले का आयोजन किया जाता है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं के लिए मंदिर कमेटी द्वारा विशेष प्रबंध किये गए है. वहीं, दूरदराज से पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि वो पिछले लंबे समय से पीरनिगाह मंदिर में आ रहे है और इस धार्मिल स्थान पर श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.