ऊना: हिमाचल प्रदेश को आजाद पंजाब का हिस्सा बताकर खालिस्तानी झंडे फहराने की गाहे-बगाहे बात करने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया है कि उनके एक्टिविस्ट युवाओं ने ऊना के डीसी ऑफिस परिसर में खालिस्तानी झंडा लहरा कर 29 अप्रैल को शिमला में झंडा लहराने के मंसूबों को बल प्रदान किया (Raise Khalistan Flag In UNA) है. अब प्रदेश के कई पत्रकारों को ई-मेल भेजकर डीसी ऑफिस परिसर में खालिस्तानी झंडा लहराए जाने की बात कही है. पन्नू के इस ताजा मेल के बाद पुलिस जहां सतर्क हो गई है वहीं खुफिया एजेंसियां भी मुस्तैद हो गई है.
पन्नू द्वारा भेजी गई ईमेल में डीसी ऑफिस ऊना का चित्र भी लगाया गया (Sikh for Justice organization) है. हिमाचल प्रदेश के पत्रकारों और विधायकों को समय-समय पर फोन और व्हाट्सऐप के माध्यम से खालिस्तानी झंडे लहराने की धमकियां देने वाला गुरपतवंत सिंह पन्नू अब ईमेल के माध्यम से वही मांगे दोहरा रहा है. रविवार सुबह हिमाचल प्रदेश के पत्रकारों को मिले ईमेल के माध्यम से पन्नू ने कई दावे किए हैं. उसने कहा है कि 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तानी झंडा लहराने की मुहिम के तहत सिख फॉर जस्टिस के युवाओं ने डीसी कार्यालय परिसर में खालिस्तानी झंडा लहरा दिया है.
इतना ही नहीं इस ईमेल में जिला मुख्यालय के डीसी कार्यालय परिसर का भी चित्र संलग्न किया गया (GURPATWANT SINGH PANNU THREAT) है. इस ईमेल में पन्नू ने दावा किया है कि 6 अप्रैल को मंडी में हुई आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान उसकी संस्था सिख फॉर जस्टिस ने पर्याप्त मात्रा में खालिस्तानी झंडे हिमाचल प्रदेश में पहुंचा दिए (ASP Una on Pannu threat) है. इतना ही नहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी शक्ति प्रदर्शन के लिए इस रैली में पंजाब से अनगिनत सिख युवकों को शामिल किया था.
बता दें कि गुरपतवंत ने कहा है कि हिमाचल आजाद पंजाब का ही हिस्सा है और उसे इसमें शामिल किया जाएगा. पन्नू ने कहा कि डीसी ऑफिस परिसर में खालिस्तानी झंडा लहराए जाने की घटना यह साबित करती है कि प्रो. खालिस्तानी गतिविधियां किस हद तक हिमाचल प्रदेश में शुरू हो चुकी (Khalistani flags in Shimla on 29 April) हैं. यही गतिविधियां खालिस्तानी घोषणा दिवस 29 अप्रैल को शिमला में झंडा लहराने के लिए मजबूती प्रदान कर रही हैं. वहीं, इस ईमेल के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई है. एएसपी ऊना परवीन धीमान ने कहा कि अक्सर ऐसी धमकियां मिलती रहती हैं और पुलिस ऐसे मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है.
ये भी पढ़ें: खालिस्तानी झंडे फहराने की धमकी में कोई गंभीरता नहीं: सीएम जयराम ठाकुर