ETV Bharat / city

अब हिमाचल में होगी दालचीनी की खेती, कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ऊना से की पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत

author img

By

Published : Mar 23, 2022, 2:29 PM IST

Updated : Mar 23, 2022, 3:12 PM IST

दक्षिण भारत में उगाई जाने वाली दालचीनी की खेती अब हिमाचल प्रदेश में भी की (Cinnamon will grown in Himachal) जाएगी. सीएसआईआर वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध के प्रदेश के पांच जिले दालचीनी की खेती के लिए चिन्हित किए गए हैं. जिसका शुभारंभ कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने (Virender Kanwar started Cinnamon Cultivation) किया.

Cinnamon will grown in Himachal
हिमाचल में होगी दालचीनी की पैदावार

ऊना: हिमाचल प्रदेश के किसान अब दालचीनी की पैदावार कर अपनी आर्थिकी को मजबूत बना सकते (Cinnamon will grown in Himachal) हैं. सीएसआईआर पालमपुर के वैज्ञानिकों के शोध के बाद कृषि विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया (Cinnamon Cultivation started from Una) है. प्रदेश के पांच जिलों में की जाने वाली दालचीनी की खेती का शुभारंभ आज बुधवार को कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जिले के बरनोह में दालचीनी के पौधों का रोपण कर इस परियोजना का आगाज (Virender Kanwar started Cinnamon Cultivation) किया.

गौरतलब है कि भारत में हर साल 45 हजार टन के करीब दालचीनी बाहरी देशों से आयात की जाती है. ऐसे में अगर हिमाचल में इसकी अच्छी पैदावार होती है तो इससे किसानों की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी. कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है और दालचीनी की खेती इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगी.

हिमाचल में होगी दालचीनी की पैदावार.

यूं तो दालचीनी दक्षिण भारत का प्रमुख वृक्ष माना जाता है, लेकिन अब जल्द ही हिमाहल प्रदेश दालचीनी की पैदावार का हब बनने जा रहा है. दरअसल, इस समय दालचीनी की फसल असंगठित तौर पर तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में ही उगाई जाती है और स्वास्थ्य एवं विशिष्ट गंध की वजह से इसकी देश व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी मांग है. इस समय देश में दालचीनी की औसतन प्रति वर्ष करीब 50 हजार टन डिमांड है, जबकि असंगठित क्षेत्र में देश में लगभग पांच हजार टन दालचीनी फसल का उत्पादन किया जाता है.

ये भी पढ़ें: अब देश में ही उगाई जाएगी हींग, जानिए कहां होगी इसकी पहली खेती

देश में इस समय लगभग 45 हजार टन दालचीनी का आयात नेपाल, चीन और वियतनाम जैसे देशों में किया जाता है, लेकिन हिमाचल में बड़े स्तर पर इसकी खेती कर इस मांग को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है. वहीं, दालचीनी की खेती को अपनाकर हिमाचल के किसानों की आर्थिकी में भी खासा सुधार होगा. कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार ने प्रदेश में हींग और केसर की खेती को बढ़ावा दिया था और इसी कड़ी में अब दालचीनी की खेती को बढ़ावा दिया है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर में महकी केसर की खुशबू, विपरीत हालात में 'लाल सोने की खेती' कर सुभाष कमा रहे लाखों रुपये

हिमाचल में दालचीनी की खेती: राज्य में दालचीनी उगाने की पायलट परियोजना हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर और कृषि विभाग की संयुक्त तत्वावधान में चलाई जा रही है. हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर के वैज्ञानिकों की मानें तो हिमाचल में दालचीनी की पैदावार के लिए बाकायदा शोध किया गया है और इस शोध में पाया गया था कि प्रदेश के गर्म और आर्द्रता भरे मौसम एवं सामान्य तापमान वाले ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा तथा सिरमौर जिलों में दालचीनी की फसल सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें: हैप्पी बर्थ डे कंगना: कभी अचार और ब्रेड खाकर करना पड़ा था गुजारा, आज हैं बॉलीवुड की क्वीन

ऊना: हिमाचल प्रदेश के किसान अब दालचीनी की पैदावार कर अपनी आर्थिकी को मजबूत बना सकते (Cinnamon will grown in Himachal) हैं. सीएसआईआर पालमपुर के वैज्ञानिकों के शोध के बाद कृषि विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया (Cinnamon Cultivation started from Una) है. प्रदेश के पांच जिलों में की जाने वाली दालचीनी की खेती का शुभारंभ आज बुधवार को कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जिले के बरनोह में दालचीनी के पौधों का रोपण कर इस परियोजना का आगाज (Virender Kanwar started Cinnamon Cultivation) किया.

गौरतलब है कि भारत में हर साल 45 हजार टन के करीब दालचीनी बाहरी देशों से आयात की जाती है. ऐसे में अगर हिमाचल में इसकी अच्छी पैदावार होती है तो इससे किसानों की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी. कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है और दालचीनी की खेती इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगी.

हिमाचल में होगी दालचीनी की पैदावार.

यूं तो दालचीनी दक्षिण भारत का प्रमुख वृक्ष माना जाता है, लेकिन अब जल्द ही हिमाहल प्रदेश दालचीनी की पैदावार का हब बनने जा रहा है. दरअसल, इस समय दालचीनी की फसल असंगठित तौर पर तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में ही उगाई जाती है और स्वास्थ्य एवं विशिष्ट गंध की वजह से इसकी देश व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी मांग है. इस समय देश में दालचीनी की औसतन प्रति वर्ष करीब 50 हजार टन डिमांड है, जबकि असंगठित क्षेत्र में देश में लगभग पांच हजार टन दालचीनी फसल का उत्पादन किया जाता है.

ये भी पढ़ें: अब देश में ही उगाई जाएगी हींग, जानिए कहां होगी इसकी पहली खेती

देश में इस समय लगभग 45 हजार टन दालचीनी का आयात नेपाल, चीन और वियतनाम जैसे देशों में किया जाता है, लेकिन हिमाचल में बड़े स्तर पर इसकी खेती कर इस मांग को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है. वहीं, दालचीनी की खेती को अपनाकर हिमाचल के किसानों की आर्थिकी में भी खासा सुधार होगा. कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार ने प्रदेश में हींग और केसर की खेती को बढ़ावा दिया था और इसी कड़ी में अब दालचीनी की खेती को बढ़ावा दिया है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर में महकी केसर की खुशबू, विपरीत हालात में 'लाल सोने की खेती' कर सुभाष कमा रहे लाखों रुपये

हिमाचल में दालचीनी की खेती: राज्य में दालचीनी उगाने की पायलट परियोजना हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर और कृषि विभाग की संयुक्त तत्वावधान में चलाई जा रही है. हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर के वैज्ञानिकों की मानें तो हिमाचल में दालचीनी की पैदावार के लिए बाकायदा शोध किया गया है और इस शोध में पाया गया था कि प्रदेश के गर्म और आर्द्रता भरे मौसम एवं सामान्य तापमान वाले ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा तथा सिरमौर जिलों में दालचीनी की फसल सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें: हैप्पी बर्थ डे कंगना: कभी अचार और ब्रेड खाकर करना पड़ा था गुजारा, आज हैं बॉलीवुड की क्वीन

Last Updated : Mar 23, 2022, 3:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.