ऊनाः प्याज के बढ़ रहे दामों ने लोगों को अपनी रसोई में विदेशी प्याज का तड़का लगाने को मजबूर कर दिया है. देश के विभिन्न राज्यों के बाद अब हिमाचल में भी अफगानिस्तान और तुर्की के प्याज ने दस्तक दे दी है. अफगानिस्तान और तुर्की का प्याज भारतीय प्याज से सस्ते दामों में बाजार में बिक रहा है.
जिला ऊना में भी लोग अफगानिस्तान और तुर्की प्याज की ओर आकर्षित हो रहे हैं. भारतीय प्याज जहां बाजार में 120 के करीब बिक रहा है. वहीं, अफगानी प्याज का भाव 90 रुपये और तुर्की के प्याज भाव 100 रुपये प्रति किलो है.
विदेशी प्याज के मार्केट में आने से लोग कुछ राहत महसूस तो कर ही रहे हैं, लेकिन इसका भाव भी 100 रुपये के पास होने के चलते लोग प्याज से दूरी बनाये हुए हैं. जहां पूरे देश में प्याज के बढ़ते दामों ने हर वर्ग की कमर तोड़कर रख दी है. वहीं, अब भारतीय प्याज को तुर्की और अफगानिस्तान के प्याज से कड़ी टक्कर मिल रही है.
देश के विभिन्न हिस्सों में तो अफगानी और तुर्की के प्याज ने कई दिन पहले ही दस्तक दे दी थी, लेकिन अब हिमाचल की सब्जी मंडियों में विदेशी प्याज हिमाचल की मंडियों विदेशी प्याज पहुंच गया है. प्याज की कीमतों में बढ़ोत्तरी का कारण प्याज की फसल न हो पाना माना जा रहा है, लेकिन अब राजस्थान का प्याज मंडियों में पहुंचना शुरू हो गया है.
बावजूद इसके भी प्याज के दामों में कमी नहीं आ रही है. सब्जी मंडी में व्यापार करने वाले आढ़तियों की माने तो अभी तक स्वदेशी प्याज के दाम कम होने की कोई उम्मीद नहीं है. सब्जी विक्रेता ने बताया कि स्वदेशी प्याज बाजार में 120 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है वहीं अफगानी प्याज 90 रुपये तो तुर्की का प्याज 100 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है. परचून विक्रेताओं की माने तो लोग विदेशी प्याज की भी खरीददारी कर रहे हैं, लेकिन देसी के मुकाबले विदेशी प्याज अभी कम ही बिक रहा है.
वहीं, विदेशी प्याज बाजार में आने के बाबजूद भी ग्राहक कुछ ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं. क्योंकि विदेशी प्याज का भाव भी कहीं न कहीं उनके बजट को बिगाड़ रहा है. स्थानीय लोगों की माने तो सरकार को जल्द से जल्द प्याज के दामों पर नियंत्रण करना चाहिए ताकि यह आम लोगों की पहुंच में रहे.
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