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जुर्माना न भरने पर उद्योग के खिलाफ एक्शन, ज्वाइंट कमिश्नर बोले- सीज करने की कारवाई शुरू - una news

औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल में एक उद्योग के खिलाफ आबकारी एवं कराधान विभाग ने कार्रवाई की है. विभाग ने दो करोड़ से ज्यादा का जुर्माना न भरने के चलते ये कार्रवाई की है. विभाग ने इस बड़ी खामी को पकड़ा और पाया कि रिटर्न में जो टैक्स की अदायगी की जानी चाहिए थी वह नहीं की गई.

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Published : Oct 14, 2020, 10:40 PM IST

ऊना: एक करोड़ से अधिक का जुर्माना न भरने के चलते औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल के एक उद्योग के खिलाफ आबकारी एवं कराधान विभाग ने जीएसटी नियमों के तहत कारवाई शुरू कर दी है. गद्दे बनाने वाले उद्योग ने लगभग 2 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी के तहत ई वे बिल तो काटे लेकिन उन्हें रिटर्न में नहीं दर्शाया गया.

विभाग ने इस बड़ी खामी को पकड़ा और पाया कि रिटर्न में जो टैक्स की अदायगी की जानी चाहिए थी वह नहीं की गई. इस पर आबकारी एवं कराधान विभाग के मध्य क्षेत्र के ज्वाइंट कमिश्नर राकेश भारतीय की अगुवाई में कारवाई शुरू की गई. उद्योग को एक करोड़ 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया और एक महीने की अवधि के भीतर टैक्स अदा करने के निर्देश दिए गए.

एक महीने की तय अवधि के बाद भी जुर्माना राशि न आने पर अब विभाग ने उद्योग को सीज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. मामले की पुष्टि करते हुए विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर राकेश भारतीय ने माना कि उद्योग ने 2 करोड़ 77 लाख रुपए के ईवे बिलों को नहीं दर्शाया था और ना ही इसकी रिटर्न भरी. इस पर उद्योग को ब्याज और जुर्माने सहित कुल एक करोड़ 12 लाख रुपए भरने का नोटिस दिया गया था, लेकिन इसकी अदायगी एक महीने बाद भी न होने से अब उद्योग के खिलाफ सख्त कारवाई शुरू की जा रही है.

ये भी पढ़ें - चिंतपूर्णी में भीख मांग रही थी महिला, पुलिस ने दर्ज किया केस

ऊना: एक करोड़ से अधिक का जुर्माना न भरने के चलते औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल के एक उद्योग के खिलाफ आबकारी एवं कराधान विभाग ने जीएसटी नियमों के तहत कारवाई शुरू कर दी है. गद्दे बनाने वाले उद्योग ने लगभग 2 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी के तहत ई वे बिल तो काटे लेकिन उन्हें रिटर्न में नहीं दर्शाया गया.

विभाग ने इस बड़ी खामी को पकड़ा और पाया कि रिटर्न में जो टैक्स की अदायगी की जानी चाहिए थी वह नहीं की गई. इस पर आबकारी एवं कराधान विभाग के मध्य क्षेत्र के ज्वाइंट कमिश्नर राकेश भारतीय की अगुवाई में कारवाई शुरू की गई. उद्योग को एक करोड़ 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया और एक महीने की अवधि के भीतर टैक्स अदा करने के निर्देश दिए गए.

एक महीने की तय अवधि के बाद भी जुर्माना राशि न आने पर अब विभाग ने उद्योग को सीज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. मामले की पुष्टि करते हुए विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर राकेश भारतीय ने माना कि उद्योग ने 2 करोड़ 77 लाख रुपए के ईवे बिलों को नहीं दर्शाया था और ना ही इसकी रिटर्न भरी. इस पर उद्योग को ब्याज और जुर्माने सहित कुल एक करोड़ 12 लाख रुपए भरने का नोटिस दिया गया था, लेकिन इसकी अदायगी एक महीने बाद भी न होने से अब उद्योग के खिलाफ सख्त कारवाई शुरू की जा रही है.

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