कसौली/सोलनः महिला हेल्थ वर्कर यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल से मिला. इस दौरान यूनियन द्वारा अपनी मांगों से जुड़ा एक ज्ञापन भी सौंपा गया. यूनियन ने मांग करते हुए कहा कि जल्द उनकी मांगों पर गौर किया जाए और पदौन्नति के द्वार खोलें जाएं.
पुरुष हेल्थ वर्करों के बराबर नहीं मिलती पदोन्नति
इस मौके पर महिला हेल्थ वर्कर यूनियन की प्रधान आशा कंवर ने कहा कि प्रदेश में महिला हेल्थ वर्करों की पदोन्नति नहीं हो रही है. लगभग 35 वर्षों की सेवाएं देने के बाद भी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक ही पद से सेवानिवृत होने पर मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि महिला हेल्थ वर्कर की पदोन्नति पुरुष हेल्थ वर्करों के बराबर नहीं है. इसी के चलते महिला हेल्थ वर्करों का 1988 का बेच भी अभी तक पदोन्नति की राह देख रहा है, जबकि पुरुष हेल्थ वर्करों में 1997 का बैच जा रहा है.
आर एंड पी रूल्स दुरस्त करने की मांग
उन्होंने कहा की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक ही पद और एक ही कार्य व एक ही वेतन होने के बाबजूद पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता ही पदोन्नति पा रहे हैं. साथ ही इस दौरान आर एंड पी रूल्स को लेकर भी बातचीत की गई है. बातचीत में बताया गया कि इस रूल्स को भी सरकार के द्वारा दुरुस्त किया जाए. प्रदेश में अभी पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पद 2008 है, जबकि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के 2213 पद है. पुरुष पर्यवेक्षक के 413 पद है और महिला पर्यवेक्षक के 350 पद है.
मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने दिया ये आश्वाशन
ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि पदोन्नति के लिए पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का 50 बैच का जाता है, जबकि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का केवल 30 का बैच भेजा जाता है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का 100 का बैच यानी एक मुश्त महिलाओं की पदोन्नति हो और लगभग 20 साल में पदोन्नति का सरकार से आग्रह किया है. इस दौरान मंत्री डॉ. राजीव सैजल महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि उनकी सभी मांगों पर ध्यान दिया जाएगा और विभाग से इस बारे चर्चा की जाएगी.
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