बद्दी: औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में देश के साथ-साथ कई विदेशी उद्योगपतियों ने अपने उद्योग स्थापित किये हैं. इन उद्योगों से लोगों को रोजगार तो मिलता ही है, लेकिन इन उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषण क्षेत्र के लिए समस्या बन गया है.
हालांकि प्रशासन इस क्षेत्र में उद्योगों द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए सभी तरह नियमों की पालना की बात तो करता है पर ये नाकाफी हैं. बीबीएन में कुछ बेलगाम उद्योग दिन-रात प्रदूषण फैला रहे हैं, जिन्हें न सरकार और न ही प्रशासन का डर है.
औद्योगिक क्षेत्र झाड़माजरी के काठा बाल्द नदी के समीप बनी काली राखी की डंपिंग साइट नदियों में जहर घोलने का कार्य कर रही है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से क्षेत्र में फैल रहे प्रदूषण को कम करने की मांग की है.
बाल्द नदी के एक किनारे पर बनी राखी की डंपिंग साइट से प्रदूषण अपनी चरम सीमा पर है. औद्योगिक क्षेत्र में यदि हल्की-हल्की हवा भी चलती है तो डंपिंग साइट से काली राखी हवा में मिलकर वायु प्रदूषण फैलाती है. हवा चलने पर हाल इतने बदतर हो जाते हैं कि आसपास के क्षेत्र के घरों और फसलों पर काली राखी पड़ी साफ नजर आती है.
काठा में नदी के किनारे बनी इस डंपिंग साइट का आसपास के लोगों ने कई बार विरोध किया, लेकिन अभी तक प्रशासन ने इस डंपिंग साइट से फैल रहे प्रदूषण का कोई भी उचित समाधान नहीं निकाला है.
बीबीएन प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एसई ने बताया कि उन्होंने अपने विभाग के जेई को मौके पर डंपिंग साइट का निरिक्षण करने के लिये भेज दिया है. यह साइट हिमाचल इंडस्ट्रियल सर्विसेज के अधीन है और उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है और सात दिन के भीतर जवाब मांगा है.
वहीं, एसडीएम नालागढ़ महेन्द्र पाल ने इस डंपिंग साइट से फैल रहे प्रदूषण को लेकर कहा कि सबंधित विभाग को जांच के लिए आदेश दे दिये गये हैं और उनसे जल्द ही इस मामले में रिर्पोट मांगी गई है.
वहीं, इस मामले के बारे में जब भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश कार्यकारणी अध्यक्ष मेला राम चन्देल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बढ़ रहे प्रदूषण का मुख्य कारण प्रदूषण विभाग ही है. इस प्रकार के कार्य विभाग की मिलीभगत से ही होते है.
मेला राम चन्देल ने कहा कि क्षेत्र में इस प्रकार प्रदूषण व अवैध कार्य करने वालो पर विभागों द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती. ऐसे लोगों पर विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए. चन्देल ने कहा कि या तो विभाग को इस डंपिंग साइट को नदी किनारे से हटाकर कहीं और शिफ्ट कर देना चाहिये या फिर नदी के साथ-साथ डंगा लगा देना चाहिए.
बता दें कि बरसात के मौसम में बाल्द नदी में जल स्तर काफी ज्यादा और बहाव भी तेज रहता है. नदी के एक तरफ बनी काली राखी की डंपिंग साइट से काली राखी पानी के बहाव में बहकर पूरी सरसा नदी का पानी प्रदूषित कर रही है.
बुधवार को क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण बाल्द नदी के किनारे बने काली राखी की डंपिंग साइट का एक बड़ा हिस्सा पानी के साथ बह गया. जिसके कारण बाल्द नदी के पानी के साथ ही क्षेत्र में बह रही सरसा नदी का पानी भी काला और प्रदूषित हो गया.
ये भी पढ़ें : हिमाचल में कोरोना से 18वीं मौत, चंबा की 48 वर्षीय महिला ने धर्मशाला में तोड़ा दम