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नालागढ़ में 2 प्रवासी बच्चों की पपीते के पत्तों का काढ़ा पीने से मौत, जांच में जुटी पुलिस

सोलन के औद्योगिक कस्बे नालागढ़ के तहत आने वाले जोगों में 2 प्रवासी बच्चों की पपीते के पत्तों का काढ़ा पीने से मौत का मामला सामने आया है. वहीं, एक बच्ची की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. बहरहाल पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.

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Published : Apr 11, 2021, 6:00 PM IST

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सोलन: जिला के औद्योगिक कस्बे नालागढ़ के तहत आने वाले जोगों में 2 प्रवासी बच्चों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि तीन भाई-बहनों ने पपीते के पत्तों का काढ़ा पिया था. जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई और दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर हालत में पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती है. बहरहाल पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.

उत्तर प्रदेश के बदायूं के हैं प्रवासी बच्चे

जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बदायूं के खजूरिया गांव की राम देवी पत्नी किशनपाल पिछले 7 साल से जोगों में रहकर मजदूरी कर परिवार पाल रही हैं. महिला की दो बेटियां और एक बेटा था. जिसमें एक बेटी और एक बेटे की मौत हो गई है, जबकि दूसरी बेटी पीजीआई में भर्ती है.

सोशल मीडिया पर सीखा था पपीता का काढ़ा बनाना

वहीं, पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बच्चियों को कुछ समय से बुखार था और उन्होंने सोशल मीडिया पर इसके इलाज के लिए पपीते का काढ़ा बनाकर पीने का नुस्खा सिखा था. इसके बाद बच्चे भी पपीते के पत्ते लाए और कूटकर काढ़ा बनाकर पी लिया इसके बाद इनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद तीनों को नालागढ़ अस्पताल लाया जा रहा था, तभी शिवानी उम्र 10 की रास्ते में मौत हो गई. वहीं, उसके भाई सचिन उम्र 18 और बहन खुशबू उम्र 14 को बेहोशी की हालत में पीजीआई रेफर कर दिया गया, जहां सचिन की भी मौत हो गई, जबकि खुशबू की हालत नाजुक बनी हुई है.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

डीएसपी बद्दी नवदीप सिंह ने बताया कि जोगों में 2 प्रवासी बच्चों की पपीते के पत्तों का काढ़ा पीने से मौत का मामला सामने आया है. वहीं, एक बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

ये भी पढ़ें: सिरमौर में वैक्सीनेशन की शुरुआत, 80 केंद्रों पर लगाए जा रहे कोविड-19 के टीके

सोलन: जिला के औद्योगिक कस्बे नालागढ़ के तहत आने वाले जोगों में 2 प्रवासी बच्चों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि तीन भाई-बहनों ने पपीते के पत्तों का काढ़ा पिया था. जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई और दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर हालत में पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती है. बहरहाल पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.

उत्तर प्रदेश के बदायूं के हैं प्रवासी बच्चे

जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बदायूं के खजूरिया गांव की राम देवी पत्नी किशनपाल पिछले 7 साल से जोगों में रहकर मजदूरी कर परिवार पाल रही हैं. महिला की दो बेटियां और एक बेटा था. जिसमें एक बेटी और एक बेटे की मौत हो गई है, जबकि दूसरी बेटी पीजीआई में भर्ती है.

सोशल मीडिया पर सीखा था पपीता का काढ़ा बनाना

वहीं, पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बच्चियों को कुछ समय से बुखार था और उन्होंने सोशल मीडिया पर इसके इलाज के लिए पपीते का काढ़ा बनाकर पीने का नुस्खा सिखा था. इसके बाद बच्चे भी पपीते के पत्ते लाए और कूटकर काढ़ा बनाकर पी लिया इसके बाद इनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद तीनों को नालागढ़ अस्पताल लाया जा रहा था, तभी शिवानी उम्र 10 की रास्ते में मौत हो गई. वहीं, उसके भाई सचिन उम्र 18 और बहन खुशबू उम्र 14 को बेहोशी की हालत में पीजीआई रेफर कर दिया गया, जहां सचिन की भी मौत हो गई, जबकि खुशबू की हालत नाजुक बनी हुई है.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

डीएसपी बद्दी नवदीप सिंह ने बताया कि जोगों में 2 प्रवासी बच्चों की पपीते के पत्तों का काढ़ा पीने से मौत का मामला सामने आया है. वहीं, एक बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

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