सोलन: एसएफआई और डीवाईएफआई ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम डीसी कार्यालय के माध्यम से ज्ञापन (SFI and DYFI sent memorandum to PM through DC) सौंपा है. ज्ञापन के माध्यम से यह मांग की गई है कि भारतीय सेना के लिए सैनिकों के एक नए बैच को लेने के लिए किसी भी भर्ती रैली का आयोजन पिछले 2 साल से नहीं हो पाया है. जबकि सेना से सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों की संख्या में कमी नहीं हुई है, जैसा कि रक्षा मंत्रालय द्वारा सूचित किया गया है. एसएफआई जिला अध्यक्ष वंशिका ने बताया कि बड़ी संख्या में छात्र और युवा अपने देश की सेवा करने और एक स्थिर करियर बनाने के लिए भारतीय सेना में नौकरी की तलाश करते हैं.
युवावों का कहना है कि भर्ती रैलियों के बंद होने से कई वर्षों से भर्ती परीक्षा और शारीरिक परीक्षण की तैयारी कर रहे इन उम्मीदवारों के जीवन में गंभीर संकट पैदा हो गया है. क्योंकि इनमें से कुछ मेहनती उम्मीदवार जो 2020-2021 की भर्ती रैलियों के लिए प्रशिक्षण ले रहे थे, वे भी अब ओवरएज हो गए हैं. भारतीय सेना, राष्ट्र की संप्रभुत्ता की रक्षा के लिए एक प्रतिष्ठित संस्थान होने के अलावा, हर साल लाखों उम्मीदवारों को रोजगार प्रदान करने का एक माध्यम है, जिन्होंने हमेशा सेना में शामिल होने की योजना बनाई है. छात्र संगठनों का कहना है कि सेना भर्ती रैलियों के आयोजन में विफलता न केवल भारतीय सेना के संचालन के लिए एक जोखिम है, बल्कि इन छात्रों और युवा उम्मीदवारों के लिए भी बेहद अनुचित है, जिन्होंने वर्षों से तैयारी की है और रोजगार की तलाश कर रहे हैं.
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया समयबद्ध तरीके से भर्ती रैलियों का आयोजन (Army Recruitment Process in Himachal) करने में केंद्र सरकार से मांग करती है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन सभी छात्र और युवा उम्मीदवारों को जो वर्ष 2020 तथा 2021 में भर्ती होने के योग्य है, उन्हें कम से कम 2 वर्ष की आयु छूट दी जानी चाहिए. इसके साथ-साथ भारतीय सेना (Indian Army Jobs) और अन्य रक्षा सेवा में सभी रिक्त स्थानों को तुरंत भरा जाए.