ETV Bharat / city

चरने गई 7 गायों की मौत, गोशाला प्रधान का आरोप: घास पर छिड़का गया था जहर

सोलन के अद्यौगिक क्षेत्र नालागढ़ में जहरीला पदार्थ खाने से करीब आधा दर्जन गोवंश की मौत हो गई है और करीब 100 गोवंशों का ईलाज जारी हैं.

seven cattles die due to poisonous grass
author img

By

Published : Oct 2, 2019, 8:02 PM IST

Updated : Oct 3, 2019, 8:42 AM IST

सोलनः जिला सोलन के अद्यौगिक क्षेत्र नालागढ़ में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. अद्यौगिक क्षेत्र में जहरीला पदार्थ खाने से करीब आधा दर्जन गोवंश की मौत हो गई है.
गौशाला के प्रधान दौलतराम ने कहा कि गौशाला में करीब 700 गोवंश हैं. जिनमें से तकरीबन 100 के करीब गोवंश गौशाला से बाहर चराने के लिए ले जाई जाती हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि किसी शरारती तत्व ने घास में जहरीला पदार्थ छिड़क दिया था, जिसके के चलते घास खाने के बाद मवेशियों की तबीयत खराब होने लगी.

वीडियो.

गौशाला प्रबंधकों ने तुरंत सरकारी हस्पताल से डॉक्टरों को बुलाया. उन्होंने बताया कि जहरीली घास खाने से दो मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 3 गौशाला लौटते समय और दो गाय गौशाला में उपचार के दौरान जान गवां बैठी.

गौशाला प्रबंधक ने प्रशासन और सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस मामले की छानबीन होनी चाहिए और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने बताया कि आसपास के गांव के भी कई मवेशी जहरीला घास खाने से मरे हैं.

बता दें कि हिमाचल सरकार अपने भाषणों में प्रदेश में जैविक खेती की ओर बढ़ावा देने की बात तो करती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर लोगों में सही जागरूकता ना होने से जहरीले पदार्थ और कीटनाशकों का इस्तेमाल फसलों को उगाने के लिए किया जा रहा है. इनके इस्तेमाल से आबोहवा दूषित होती जा रही है. अगर सरकार द्वारा जल्दी इस और कड़े कदम नहीं उठाए गए तो मवेशियों के साथ-साथ आने वाले समय में लोगों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें- महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को कांग्रेस ने किया याद, बापू के मार्ग पर चलने का लिया संकल्प

सोलनः जिला सोलन के अद्यौगिक क्षेत्र नालागढ़ में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. अद्यौगिक क्षेत्र में जहरीला पदार्थ खाने से करीब आधा दर्जन गोवंश की मौत हो गई है.
गौशाला के प्रधान दौलतराम ने कहा कि गौशाला में करीब 700 गोवंश हैं. जिनमें से तकरीबन 100 के करीब गोवंश गौशाला से बाहर चराने के लिए ले जाई जाती हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि किसी शरारती तत्व ने घास में जहरीला पदार्थ छिड़क दिया था, जिसके के चलते घास खाने के बाद मवेशियों की तबीयत खराब होने लगी.

वीडियो.

गौशाला प्रबंधकों ने तुरंत सरकारी हस्पताल से डॉक्टरों को बुलाया. उन्होंने बताया कि जहरीली घास खाने से दो मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 3 गौशाला लौटते समय और दो गाय गौशाला में उपचार के दौरान जान गवां बैठी.

गौशाला प्रबंधक ने प्रशासन और सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस मामले की छानबीन होनी चाहिए और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने बताया कि आसपास के गांव के भी कई मवेशी जहरीला घास खाने से मरे हैं.

बता दें कि हिमाचल सरकार अपने भाषणों में प्रदेश में जैविक खेती की ओर बढ़ावा देने की बात तो करती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर लोगों में सही जागरूकता ना होने से जहरीले पदार्थ और कीटनाशकों का इस्तेमाल फसलों को उगाने के लिए किया जा रहा है. इनके इस्तेमाल से आबोहवा दूषित होती जा रही है. अगर सरकार द्वारा जल्दी इस और कड़े कदम नहीं उठाए गए तो मवेशियों के साथ-साथ आने वाले समय में लोगों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें- महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को कांग्रेस ने किया याद, बापू के मार्ग पर चलने का लिया संकल्प

Intro:

उद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में सामने आया एक दिल दहला देने वाला मामला
जहरीला पदार्थ खाने से दर्जनों गोवंश की हुई मौत और सैकड़ों गोवंश मरने की कगार पर
Body:मिली जानकारी के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ से स्वारघाट रोड पर महादेव खंड के समीप निर्मित शिव शंकर गौशाला कि लगभग सैकड़ों गोवंश जहरीला घास खाने के बाद से एक एक करके मरने लगी है जिनकी गिनती दर्जनों में पहुंच चुकी है और साथ ही आस-पास के गांव के कुछ लोगों के भी मवेशी जहरीला घास खाने के कारण मर चुके हैं वही गौशाला के प्रधान दौलतराम का कहना है कि उनकी गौशाला में तकरीबन 700 के करीब गोवंश है जिनमें से तकरीबन 100 के करीब गोवंश गौशाला से बाहर चरने के लिए लेजाई जाती है किसी शरारती तत्व द्वारा घास में जहरीला पदार्थ छिड़कने के चलते जैसे ही मवेशियों द्वारा वह घास खाया गया उसी समय मवेशियों की तबीयत खराब होने लगी और दो तो वही मौके पर ही मृत हो गई जबकि 3 गए रास्ते में आते वक्त और दो गाय गौशाला में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई गौशाला प्रबंधकों द्वारा तुरंत सरकारी हस्पताल से डॉक्टरों को बुलाया गया और मवेशियों का इलाज शुरू कर दिया गया है वही प्रधान ने बताया कि आसपास के गांव के भी कई मवेशी जहरीला घास खाने से मरे हैं उन्होंने प्रशासन और सरकार से मांग की है कि जिस भी व्यक्ति द्वारा यह जहरीला पदार्थ घास में मिलाया गया था उसकी छानबीन होनी चाहिए और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए वही देखा जाए तो हिमाचल सरकार अपने भाषणों में हिमाचल को जैविक खेती की ओर बढ़ावा देने की बात तो करती हैं मगर जमीनी स्तर पर लोगों में सही जागरूकता ना होने के कारण आज भी जहरीले पदार्थ और जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल फसलों को उगाने के लिए किया जा रहा है जिससे आबोहवा दूषित होती जा रही है और अगर सरकार द्वारा जल्दी इस और कड़े कदम नहीं उठाए गए तो मवेशियों के साथ-साथ आने वाले समय में लोगों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है अब देखना है कि सरकार सिर्फ भाषणों तक ही सीमित है या जमीनी स्तर पर भी योजनाओं को लागू करवा पाते हैंConclusion:BYTE : SURJEET SINGH STHANIY NIWASI
BYTE : DOLAT RAM ( प्रधान गौ शाला )
BYTE : OMKAR RANOT (DOCTOR )
Last Updated : Oct 3, 2019, 8:42 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.