सोलनः जिला सोलन के अद्यौगिक क्षेत्र नालागढ़ में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. अद्यौगिक क्षेत्र में जहरीला पदार्थ खाने से करीब आधा दर्जन गोवंश की मौत हो गई है.
गौशाला के प्रधान दौलतराम ने कहा कि गौशाला में करीब 700 गोवंश हैं. जिनमें से तकरीबन 100 के करीब गोवंश गौशाला से बाहर चराने के लिए ले जाई जाती हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि किसी शरारती तत्व ने घास में जहरीला पदार्थ छिड़क दिया था, जिसके के चलते घास खाने के बाद मवेशियों की तबीयत खराब होने लगी.
गौशाला प्रबंधकों ने तुरंत सरकारी हस्पताल से डॉक्टरों को बुलाया. उन्होंने बताया कि जहरीली घास खाने से दो मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 3 गौशाला लौटते समय और दो गाय गौशाला में उपचार के दौरान जान गवां बैठी.
गौशाला प्रबंधक ने प्रशासन और सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस मामले की छानबीन होनी चाहिए और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने बताया कि आसपास के गांव के भी कई मवेशी जहरीला घास खाने से मरे हैं.
बता दें कि हिमाचल सरकार अपने भाषणों में प्रदेश में जैविक खेती की ओर बढ़ावा देने की बात तो करती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर लोगों में सही जागरूकता ना होने से जहरीले पदार्थ और कीटनाशकों का इस्तेमाल फसलों को उगाने के लिए किया जा रहा है. इनके इस्तेमाल से आबोहवा दूषित होती जा रही है. अगर सरकार द्वारा जल्दी इस और कड़े कदम नहीं उठाए गए तो मवेशियों के साथ-साथ आने वाले समय में लोगों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है.
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