सोलन: नशे का सेवन कर अपने जीवन को तबाह कर चुके लोगों के लिए नई दिशा केंद्र उनके जीवन के लिए एक नई दिशा बन रहा है. जिला सोलन में करीब 300 से ज्यादा लोग नशे का सेवन छोड़ चुके हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा नशे का सेवन करने वाले, मानसिक रूप से प्रताड़ित लोगों का स्वास्थ्य ठीक करने के लिए नई दिशा केंद्र प्रत्येक जिले में स्थापित किए गए हैं.
जिला सोलन में भी 6 केंद्र नई दिशा केंद्र के बनाए गए हैं जिसमें कंडाघाट, सोलन, परमाणु, नालागढ़, बद्दी व अर्की है. जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अजय सिंह ने बताया कि नशे की प्रवृत्ति से अपना जीवन तबाह कर चुके मरीज व मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहे लोगों समेत किशोरावस्था से जुड़ी बच्चों की प्रॉब्लम को नई दिशा केंद्र में सुलझाया जाता है. उन्होंने कहा कि जिला में इन केंद्रों पर इन समस्याओं का निदान किया जाता है.
अभी तक ठीक हो चुके लोगों में 150 से ज्यादा लोग (drug deaddiction center solan) अफीम, गांजा, चरस का सेवन कर अपना जीवन तबाह कर चुके थे. वहीं, 40 से अधिक लोग शराब से अपना जीवन खराब कर चुके थे. जिनका संपूर्ण इलाज किया गया है.
योगा कक्ष भी किया गया है स्थापित: डॉ. अजय सिंह ने बताया कि क्षेत्रीय अस्पताल सोलन (Regional Hospital Solan) में योग कक्ष के साथ-साथ फिजियोथेरेपी कक्ष भी बनाया गया है. जहां पर लोगों का मानसिक रूप से ठीक किया जाता है. वहीं, योगा के साथ-साथ लोगों को मोटिवेट भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि केंद्र से जुड़ने वाले लोगों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी संपर्क किया जाता है और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जाती है. वहीं, उन पर निगरानी भी रखी जाती है कि कहीं वे दोबारा नशे की गिरफ्त में तो नहीं आ चुके हैं.
गांव-गांव में आयोजित किए जा रहे शिविर: उन्होंने कहा कि अभी तक (rehabilitation center in Solan) नई दिशा केंद्र के माध्यम से गांव-गांव में शिविर आयोजित किए जा चुके हैं. जिसमें लोगों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक किया गया है. वहीं, शिविर के माध्यम से आकलन किया गया कि मानसिक तनाव से जूझ रहे लोग शराब का सेवन कर रहे हैं. वहीं, लोगों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में चरस यानी भांग का सेवन किया जा रहा है.
नशे के दलदल में लड़कियां भी: डॉ. अजय सिंह ने बताया कि नशे की गिरफ्त में लड़कों के साथ साथ लड़कियां भी आगे हैं. उन्होंने कहा कि जिला सोलन में मेडिकल कॉलेज के साथ मिलकर गांव-गांव में कैंप का आयोजन किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों से ग्रामीण क्षेत्रों में जोड़ा जा सके. उन्होंने कहा कि नेशनल क्राइम रिव्यू ब्यूरो के द्वारा देशभर का डाटा अपडेट किया जाता है. जिसमें नशे से प्रभावित लोगों का डाटा रखा गया है. उन्होंने कहा कि 2018 के आंकड़े को देखते हुए अभी तक सोलन में इसके मूल्यांकन नहीं हुआ है, लेकिन अब इस पर रिसर्च की जा रही है.
जन जागरण अभियान से लोगों को किया जा रहा जागरूक: उन्होंने कहा कि जन जागरण अभियान चलाते हुए लोगों द्वारा किस तरह से नशे का सेवन किया जा रहा है इसका पता लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिला सोलन में साल 2021 में 300 से ज्यादा मरीजों का इलाज इन दिशा केंद्र में किया गया है. वहीं, साल 2022 में करीब 10 मरीज इस केंद्र से जुड़ चुके हैं. उन्होंने बताया कि जिला सोलन के साथ बिलासपुर, सिरमौर, शिमला और अन्य जिलों के मरीज भी यहां पर आकर नशे के सेवन से छुटकारा पा रहे हैं.
वहीं, सोलन, शिमला, बिलासपुर और सिरमौर से नशे का सेवन छोड़ चुके युवक-युवतियों का कहना है कि नशे का सेवन करने से जहां एक ओर वे अपने जीवन को खत्म कर रहे थे वहीं, दूसरी और उनका परिवार भी उनकी इस दशा से परेशान हो चुका था, लेकिन नई दिशा केंद्र ने उन्हें जीवन जीने की एक नई राह दिखाई है. इसके बाद वे खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. अब एक सामान्य जीवन वे लोग व्यतीत कर रहे हैं.
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