सोलन: कुमारहट्टी के गांधीग्राम में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र में नशे की लत में जकड़े युवाओं का इलाज नींद और नशीली दवाओं से किया जा रहा था. यह केंद्र बिना अनुमति और जरूरी दस्तावेजों के चल रहा था. पुलिस ने इस अवैध नशा मुक्ति केंद्र के खिलाफ कार्रवाई कर केंद्र संचालक को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि नशे के आदी लोगों को इलाज के बहाने अवैध तरीके से कई-कई दिनों तक कमरों में बंद रखा जाता है. इस केंद्र में उन्हें नशीली और नींद की दवाइयां दी जाती हैं. इसकी जांच के लिए पुलिस ने टीम गठित कर इसकी सूचना ड्रग इंस्पेक्टर, स्थानीय प्रधान और वार्ड मेंबर को दी गई.
पुलिस ने मौके पर जाकर पाया कि एक तीन मंजिला किराये के मकान में माया फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र चलाया जा रहा था. जब पुलिस ने इसके डायरेक्टर जतिन नागर से अनुमति के बारे में पूछा तो वह कोई परमिशन नहीं दिखा सका. इसके बाद पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र की तलाशी ली जिसमें पुलिस को नशा मुक्ति केंद्र से 28 दवाइयां और दो छोटे पैकेट ब्लड कलेक्शन ट्यूब बरामद हुए.
इनकी रिपोर्ट ड्रग इंस्पेक्टर तैयार कर रहा है. इसके अलावा एक न्यू पेशेंट एंट्री रजिस्टर मिला है जिसमें 19 मरीजों के नाम दर्ज हैं. पुलिस को तलाशी में एक स्टाफ हाजिरी रजिस्टर, रसीदें, मोहरें, दो नशा मुक्ति केंद्र के विजिटिंग कार्ड भी बरामद हुए हैं. पुलिस ने इन्हें अपने कब्जे में लिया है. इस नशा मुक्ति के तार फर्जी डिग्री मामले से भी जुड़े हैं.
एएसपी शिव कुमार शर्मा ने बताया कि बरामद की गई दवाइयों, रिकॉर्ड और दस्तावेजों से प्रतीत हो रहा है कि इस नशा मुक्ति केंद्र को बिना अनुमति चला कर लोगों से नशा छुड़वाने के नाम पर बेईमानी से वसूली की जा ही है. मानसिक रोगियों को अवैध तरीके से इस नशा केंद्र में कई-कई दिनों तक बंद रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि केंद्र संचालक के तार फर्जी डिग्री मामले से जुड़ी यूनिवर्सिटी से भी हैं.
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