सोलन: हिमाचल में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 लागू (Himachal Land Acquisition Act 2013) करने को लेकर सोमवार को सोलन शहर के माल रोड पर परवाणू सोलन शिमला फोरलेन संघर्ष समिति के लोगों ने रैली निकालकर अपना रोष सरकार के प्रति व्यक्त किया. फोरलेन संघर्ष समिति ( Fourlane Sangharsh Samiti rally In Solan) का कहना है कि हिमाचल में भूमि अधिग्रहण 2013 कानून ( पुनर्स्थापना, पुनर्वास और चार गुना मुवावजा ) लागू किया ( implement Himachal Land Acquisition Act 2013) जाए. नारों के माध्यम से समिति के सदस्यों ने माल रोड पर अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखने का प्रयास किया.
चार गुना मुआवजे का आश्वासन: इस मौके पर फोरलेन संघर्ष समिति सोलन इकाई के अध्यक्ष जेसी शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव के दौरान उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्हें चार गुना मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अभी तक सरकार इस मुद्दे पर टालमटोल कर रही है. उन्होंने कहा कि कुल्लू, मंडी और अन्य जिलों में भी फोरलेन प्रभावित परिवार के लोग सीएम जयराम ठाकुर से मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक इस बारे में बात नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा.
घर बनाने की अनुमति दी जाए: उन्होंने कहा कि चार गुना मुआवजे के साथ उनकी ये भी मांग है कि जो जमीन बची हुई है वह बेहद कीमती है. उसका वन टाइम सेटलमेंट करके 1 मीटर सड़क से पीछे उन्हें घर बनाने की परमिशन बिना टीसीपी और नगर निगम की परमिशन से दी जाए. उन्होंने कहा कि जिनके पास जमीन कम है. उन्हें जमीन अलॉट करवाई जाए. वहीं, कृषि कानून 2013 के तहत जो भी प्रावधान मुआवजा प्रभावित परिवारों को मिलना है उसे ध्यान में रखकर उन्हें मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी की एक बैठक सरकार द्वारा अभी तक नहीं बुलाई गई है, वे फोरलेन प्रभावित परिवार मंच की ओर से मांग करते हैं कि सरकार जल्द प्रभावित परिवार मंच की प्रदेश कार्यकारिणी की एक बैठक बुलाकर सभी बातों पर चर्चा करे.
नई रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण: बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्षों से राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण द्वारा विभिन्न अंतराल से अनेक फोरलेन सड़कें बनाई जा रही हैं ,जिसमें मुख्यतः परवाणू-शिमला, किरतपुर-मनाली, मटोर-शिमला, पठानकोट-मंडी, पिंजौर-नालागढ़, हमीरपुर-कोटली-मंडी आदि मार्ग शामिल हैं. इन फोरलेन के अतिरिक्त लगभग 63 नए राष्ट्रीय उच्च मार्ग बनाने के लिए परियोजनाओं के प्रारूप तैयार किये जा रहे हैं. रेलवे लाइन बिछाने के लिए भानुपल्ली से बिलासपुर–लेह व चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन के लिए भी भूमि अधिग्रहण की जा रही है और एयरपोर्ट निर्माण व विस्तार के लिए भी भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव है. इससे पूर्व पिछली सरकारों द्वारा बिजली निर्माण के लिए बांध-टावर लाइन बिछाने के लिए भी जमीन का अधिग्रहण किया गया है या आज भी किया जा रहा है.
प्रभावित लोगों का ध्यान रखा जाए : फोरलेन संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि यह सभी परियोजनाएं देश व प्रदेश के विकास के लिए आवश्यक है, लेकिन इसके साथ ही जुड़ा हुआ एक दूसरा पहलू भूमि अधिग्रहण से प्रभावित उन किसानों, दुकानदारों व अन्य नागरिकों का है जिनकी कृषि भूमि और आजीविका, इस भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होती है.
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