सोलन: पूरा देश इन दिनों कोरोना महामारी से जूझ रहा है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के संकटकाल मे भी राजनीति अपने चरम पर है. विपक्ष और सरकार लगातार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने सोलन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सोलन के विधायक और पूर्व मंत्री धनीराम शांडिल पर तीखे प्रहार किए. मंत्री सैजल ने कहा कि कांग्रेस ने बीते दिनों एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा था.
मंत्री सैजल ने सोलन के विधायक धनीराम शांडिल पर तंज कसते हुए कहा कि करीब 72 दिनों से ना जाने किन कंदराओं और गुफाओं में वे वास कर रहे थे, फिर अचानक अनलॉक की घोषणा होते ही बोतल के जिन्न की तरह प्रकट हो गए और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगने लगे.
उन्होंने शांडिल से मीडिया के माध्यम से पूछा कि वह कोरोना के संकटकाल में कहा थे यह बताएं, उन्होंने इस काल में जनता के लिए क्या किया इसकी जानकारी सार्वजनिक करें.
उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर सोशल मीडिया पर केवल विधायक जी बाजा बजाते और भजन गाते जरूर नजर आए, लेकिन जनता को जब अपने विधायक की सबसे ज्यादा जरूरत थी वह नदारद रहे. इसलिए उन्हें भाजपा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं है.
मंत्री सैजल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जो कोरोना काल में प्रदेश की जनता के बीच में रहे जिनके कुशल नेतृत्व में हिमाचल में कोरोना वायरस अपने पैर न पसार सका ऐसे साफ स्वच्छ वाले मुख्यमंत्री पर उंगली उठाना कांग्रेस की राजनीति को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि विपक्ष घर बैठकर उनके कार्यों पर नकारात्मक टिप्पणियां करता रहा, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया. जो वर्ग कोरोना संकट में हाशिए पर था उनके लिए मदद के लिए हाथ बढ़ाते रहे. जिन्हें राहत पहुंचाने की आवश्यकता थी उन्हें राहत भी पहुंचाई.
उन्होंने कहा कि सोलन में उनके विधायकों ने बीबीएन में मजदूरों की सहायता के लिए बढ़-चढ़कर भाग लिया उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करने दिया. बता दें कि बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले को लेकर हिमाचल में खूब राजनीति हो रही है. पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे को कटघरे में खड़ा करने में लगे हुए हैं.