सोलन: प्रदेश सरकार भले ही 2022 तक प्रदेश को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने का दावा कर रही हो लेकिन अभी भी प्रदेश में बेसहारा पशुओं की तादाद कम होने (Destitute Animals Problem In Himachal) का नाम नहीं ले रही है. जिला सोलन में भी इन पशुओं की संख्या बढ़ने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक जहां ओर बेसहारा पशु सड़क दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर यही पशु गांव में पहुंचकर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. हालांकि जिला प्रशासन बेसहारा पशुओं को गौ सदन भेज जरूर रहा है, लेकिन फिर भी इनकी (homeless animals in solan) संख्या में कोई कमी होती नहीं दिख रही है.
पशुपालन विभाग सोलन के उपनिदेशक डॉ.बी.बी. गुप्ता ने बताया कि लगातार सरकार के (Animal Husbandry Department Solan) निर्देशों के बाद बेसहारा पशुओं को सड़कों से उठाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि सोलन को आवारा पशु मुक्त जिला बनाया जा सके. उन्होंने बताया कि हर तीसरे महीने एक अभियान के तौर पर बेसहारा पशुओं को काऊ सेंचुरी में भेजा जा (Cow Sanctuary Solan) रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी 1200 ऐसे बेसहारा पशु थे (homeless animals in solan) जिनकी जानकारी विभाग को मिली थी. इनमें से 900 पशुओं को गौ सदनों और काऊ सेंचुरी में भेजा गया था. उन्होंने कहा कि अभी भी जिला में 200 से ज्यादा आवारा पशु हैं जिन्हें विभाग आश्रय गौसदन तक भेज रहा है.
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