सोलन: हिमाचल बीजेपी (Himachal Bjp) में इस्तीफे का दौर लगातार जारी है. बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष (BJP State Vice President) कृपाल परमार (Kripal parmar) के बाद अब सोलन बीजेपी (Solan BJP) के जिलाध्यक्ष और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पवन गुप्ता (State Working Committee member Pawan Gupta) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वरिष्ठ नेताओं के पार्टी से किनारा कसने से प्रदेश में सियासी माहौल गरमा गया है. पवन गुप्ता ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप (BJP State President Suresh kashyap) को भेज दिया है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान भाजपा नेता पवन गुप्ता ने बताया कि पिछले करीब 6 महीनों से वे प्रताड़ित सा महसूस कर रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप को भेज दिया है. पवन गुप्ता ने अफसरशाही पर हल्ला बोलते हुए सीएम कार्यालय में एक उच्च अधिकारी के ऊपर कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाएं हैं. उन्होंने कहा कि वे जल्द ही इस कथित भ्रष्टाचार को लेकर कई खुलासे करने वाले हैं.
वे कई बार आलाकमान के सामने अपनी बात को रख चुके हैं, लेकिन उनकी बात को अफसर द्वारा दबाया जा रहा है. जिसके चलते आज उन्होंने मजबूरी में आकर इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि वे भाजपा के कर्मठ नेता रहे हैं और पिछले 40 वर्षों से लगातार पार्टी की सेवा करते आए हैं. आगे भी वे इसी तरह भाजपा के साथ जुड़े रहेंगे.
पवन गुप्ता ने कहा कि सीएम कार्यालय के एक अधिकारी के दबाव के चलते उनका नॉमिनेशन बघाट बैंक के चुनाव में रिजेक्ट किया गया था, क्योंकि उन्होंने बघाट बैंक में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठाई थी और उंगलियां बघाट बैंक के उस अधिकारी पर उठ रही थी. पवन गुप्ता सोलन जिले के भाजपा अध्यक्ष, नगर परिषद सोलन (Municipal Council Solan) के अध्यक्ष और बघाट बैंक के चेयरमैन (Chairman of Baghat Bank) भी रह चुके हैं.
बता दें कि इससे पहले बीते मंगलवार को पूर्व सांसद कृपाल परमार (Former mp kripal parmar) ने भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya janta party) के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. परमार का कहना था कि उनके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है. कृपाल परमार का यह भी आरोप था कि पिछले चार सालों से सुनियोजित तरीके से पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है. इस मामले को लेकर सरकार और संगठन दोनों को सबूत सहित शिकायत दी, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.