सोलन: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच अब रिफाइंड और तेल की कीमतों में भी उछाल देखने को मिल रहा है. रिफाइंड तेल की कीमतों में बाजारों में अब 30% दामों में उछाल देखने को दिखाई दे रहा है. वहीं, अगर बात सनफ्लावर ऑयल कि की जाए तो फिलहाल हिमाचल प्रदेश में इस के बढ़ते दाम को लेकर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि हिमाचल में बहुत कम लोग सनफ्लावर ऑयल का इस्तेमाल खाने के लिए करते हैं.
व्यापार मंडल सोलन के सदस्य कुलभूषण गुप्ता ने बताया कि काफी समय से वे फूड ग्रेन, ऑयल सीड्स तथा आयल का व्यापार करते हैं. उन्होंने कहा कि रिफाइंड के दामों की अगर बात की जाए तो रिफाइंड मलेशिया जैसे बाहरी देशों से इंपोर्ट किया जाता है. उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच (Conflict between Russia and Ukraine) जारी संघर्ष के (sunflower oil prices in Himachal) पहले से ही इसके दाम बढ़ना शुरू हो गए थे. उन्होंने कहा कि पाइप बिल्कुल खाली है. ऐसे में 30% तक के दाम रिफाइंड के बढ़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि सप्लाई नहीं हो पा रही है.
सरसों के तेल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना: कुलभूषण गुप्ता ने बताया कि होलसेल मार्केट से ही रिफाइंड (refined oil price in himachal) के दाम बढ़ने शुरू हो चुके हैं. वहीं, सरसों तेल की अगर बात की जाए तो नई फसल शुरू होने वाली है ऐसे में आने वाले 1 सप्ताह के भीतर सरसों में भी मंदी आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सनफ्लावर ऑयल का इस्तेमाल (Sunflower oil use in HP) बेहद कम लोग करते हैं. ऐसे में इसके बढ़ते दामों का असर हिमाचल प्रदेश में देखने को नहीं मिल रहा है.
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में सोयाबीन और सरसों का तेल (Mustard oil rate in Himachal) के दामों से बढ़ने से लोगों पर भी गहरा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि रिफाइंड तेल के दामों में 30% तक दाम बढ़े है. गुप्ता ने बताया कि जो रिफाइंड पहले ₹130 लीटर मिलता था वहीं अब 160 से ₹165 लीटर मिल रहा है.
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