सोलन: हिमाचल सरकार खिलाड़ियों को सुविधाएं देने का दावा तो बहुत करती है लेकिन इन दावों की हकीकत खोखली नजर आती है. यह हम नहीं सोलन के राष्ट्रीय दृष्टि बाधित कबड्डी टीम के सदस्य कह रहे हैं. सरकारी सुविधाओं के नाम पर इस दिव्यांग टीम को कुछ नहीं मिला है. यहीं कारण है कि इन खिलाड़ियों को ठोडो मैदान में मिट्टी में खेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
दिल्ली में आयोजित हो रही राष्ट्रीय दृष्टिबाधित कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने जा रही हिमाचल की टीम के खिलाड़ियों के पास न किट है और न ही पहनने के लिए जूते हैं. दृष्टिबाधित खिलाड़ी लक्की, राजकुमार और पंकज ने बताया कि वे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जा रहे हैं.
प्रदेश भर के खिलाड़ी सोलन में अभ्यास कर रहे हैं. उनके लिए सरकार की ओर से किसी तरह की सुविधाएं नहीं मिली हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के समक्ष उन्होंने कई बार अपनी मांगों को रखा, लेकिन सरकार उनकी बातों पर गौर नहीं कर रही है.
दृष्टिहीन खिलाड़ियों को सुविधाएं नहीं
खिलाड़ियों का कहना है कि वे अपने आपको अक्षम नहीं मानते, लेकिन सरकार उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान नहीं कर अपने आपको अक्षम साबित कर रही है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि दृष्टिहीन खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं मुहैया करवाई जाए ताकि उनका मनोबल बढ़ सके.
मिट्टी में खेलने पर मजबूर खिलाड़ी
राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता मैट पर खेली जानी है, लेकिन इनके पास प्रैक्टिस के लिए कोई मैट नहीं उपलब्ध कराई गई है. जिस कारण खिलाड़ियों को मिट्टी में खेलना पड़ रहा है. खिलाड़ी अपना पैसा खर्च कर किट और जूते खरीद रहे है. ठोडो मैदान में नंगे पांव खेलते-खेलते कुछ खिलाड़ी जख्मी हो गए थे. यही नहीं, धूल-मिट्टी में खेलने के कारण कई खिलाड़ी बीमार भी हो गए हैं.
4 जनवरी को दिल्ली में शुरू होगी प्रतियोगिता
राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता 4 जनवरी से दिल्ली में शुरू होनी है. हिमाचल की टीम का सोलन के ठोडो मैदान में कैंप चल रहा है. इस शिविर में राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयनित 12 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. इसमें 3-4 खिलाड़ी ऐसे हैं, जो कई बार नेशनल टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
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