सोलनः जिला सोलन में गुरुवार को केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ सीटू व अन्य मजदूर-किसान से जुड़ें संगठनों ने रैली निकाल कर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जम कर नारेबाजी की. इस विरोध प्रदर्शन में जहां एक और मजदूर संगठनों ने भाग लिया वहीं, किसानों और कर्मचारियों ने भी भी भारी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई.
जनता की आवाज को दबाने के लिए बन रहे नए कानून
एटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश भारद्वाज ने कहा कि आम जनता बेहद दुखी है. किसान, मजदूर और कर्मचारी सड़कों पर हैं और पूंजीपति आराम से अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. किसान, मजदूर और कर्मचारियों की आवाज दबाने के लिए नए-नए कानून और नियम बनाए जा रहे हैं. बड़े-बड़े उद्योगपतियों को संरक्षण दिया जा रहा है. यही वजह है कि आज सभी का गुस्सा केंद्र सरकार के खिलाफ फूटा है और सड़कों पर उतरने को सभी मजबूर हुए हैं.
'किसानों पर लगाए गए हैं काले कानून'
जगदीश भारद्वाज ने कहा कि भाजपा द्वारा श्रम कानूनों को बदला गया है और किसानों पर काले कानूनों को लादा गया है, जिसका वह पूर्ण रूप से विरोध करते हैं. इसलिए आज हिमाचल की दस ट्रेड यूनियनों ने धरना-प्रदर्शन किया है.
उन्होंने कहा कि देश में पूंजीपतियों की सरकार चल रही है किसान और मजदूरों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश के विकास में मजदूर और किसान अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन आज यह दोनों अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं और भाजपा के शोषण का शिकार हो रहे है, लेकिन वह ऐसा कतई होने नहीं देंगे और उनका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि केंद्र की सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं लेती है.
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