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मंत्री सैजल ने पुष्पांजलि अर्पित कर हिमाचल निर्माता को किया याद - सोलन में मनाई गए डॉ. वाईएस परमार की जयंती

सोलन में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने डॉ. वाईएस परमार की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें याद किया. इसी बीच उन्होंने कहा कि डॉ. वाईएस परमार के नेतृत्व में किए गए संघर्ष की बदौलत ही इस पहाड़ी राज्य को अलग पहचान, आकार और अपने प्रारंभिक वर्षों में विकास के लिए सुदृढ़ आधार मिला है.

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Published : Aug 4, 2020, 8:20 PM IST

सोलन: पूरे प्रदेश में आज हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देकर याद किया जा रहा है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने सोलन के मॉल रोड़ पर बने चिल्ड्रन पार्क में स्थापित डॉ. वाईएस परमार की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें याद किया.

राजीव सैजल ने कहा कि डॉ. परमार पहाड़ी संस्कृति, सभ्यता और शालीनता के प्रतीक थे और उन्होंने प्रदेश के लोगों में आत्मविश्वास पैदा करके हिमाचल प्रदेश के निर्माण की बुनियाद रखी.

वीडियो.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल ने कहा कि डॉ. वाईएस परमार के नेतृत्व में किए गए संघर्ष की बदौलत ही इस पहाड़ी राज्य को अलग पहचान, आकार और अपने प्रारंभिक वर्षों में विकास के लिए सुदृढ़ आधार मिला है.

उन्होंने कहा कि डॉ. वाईएस परमार ने प्रदेश के अलग अस्तित्व की पैरवी की और इसे सकारात्मक रूप प्रदान किया. साथ ही कहा कि प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व प्राप्त होने से पहाड़ी लोगों को अपनी पहचान बनाते हुए देखने की आकांक्षा रखने वाले डॉ. परमार के सपनों को पूरा करने के लिए विकास को गति मिली है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पर्यावरण की जिस चिंता में आज प्रदेश, देश और पूरा विश्व डूबा है, उस कर्मयोद्धा ने इसकी आहट को दशकों पहले ही सुन लिया था. उन्होंने कहा कि एक भाषण में उन्होंने कहा था कि वन हमारी बहुत बड़ी संपदा हैं, इसलिए इनकी हिफाजत हर हिमाचली को हर हाल में करनी है.

उन्होंने कहा था कि नंगे पहाड़ों पर हमें हरियाली की चादर ओढ़ाने का संकल्प लेना है. साथ ही कहा कि प्रदेश के भविष्य के प्रति स्पष्ट सोच रखते थे और संघर्ष पैरवी के बाद उनके प्रयासों से प्रदेश को 25 जनवरी 1971 में पूर्ण राज्यत्व दर्जा मिला था.

ये भी पढ़ें: नालागढ़ में पड़ोसी ने की दिव्यांग व्यक्ति की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

सोलन: पूरे प्रदेश में आज हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देकर याद किया जा रहा है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने सोलन के मॉल रोड़ पर बने चिल्ड्रन पार्क में स्थापित डॉ. वाईएस परमार की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें याद किया.

राजीव सैजल ने कहा कि डॉ. परमार पहाड़ी संस्कृति, सभ्यता और शालीनता के प्रतीक थे और उन्होंने प्रदेश के लोगों में आत्मविश्वास पैदा करके हिमाचल प्रदेश के निर्माण की बुनियाद रखी.

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स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल ने कहा कि डॉ. वाईएस परमार के नेतृत्व में किए गए संघर्ष की बदौलत ही इस पहाड़ी राज्य को अलग पहचान, आकार और अपने प्रारंभिक वर्षों में विकास के लिए सुदृढ़ आधार मिला है.

उन्होंने कहा कि डॉ. वाईएस परमार ने प्रदेश के अलग अस्तित्व की पैरवी की और इसे सकारात्मक रूप प्रदान किया. साथ ही कहा कि प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व प्राप्त होने से पहाड़ी लोगों को अपनी पहचान बनाते हुए देखने की आकांक्षा रखने वाले डॉ. परमार के सपनों को पूरा करने के लिए विकास को गति मिली है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पर्यावरण की जिस चिंता में आज प्रदेश, देश और पूरा विश्व डूबा है, उस कर्मयोद्धा ने इसकी आहट को दशकों पहले ही सुन लिया था. उन्होंने कहा कि एक भाषण में उन्होंने कहा था कि वन हमारी बहुत बड़ी संपदा हैं, इसलिए इनकी हिफाजत हर हिमाचली को हर हाल में करनी है.

उन्होंने कहा था कि नंगे पहाड़ों पर हमें हरियाली की चादर ओढ़ाने का संकल्प लेना है. साथ ही कहा कि प्रदेश के भविष्य के प्रति स्पष्ट सोच रखते थे और संघर्ष पैरवी के बाद उनके प्रयासों से प्रदेश को 25 जनवरी 1971 में पूर्ण राज्यत्व दर्जा मिला था.

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