सोलनः हिमाचल प्रदेश में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की कवायद लगातार जारी है. अभी तक बसों के माध्यम से करीब 14000 मजदूर अपने घर जा चुके हैं. वहीं, बाकी बचे प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों के माध्यम से उनके घर भेजा जा रहा है, ताकि वह सुरक्षित अपने घर पहुंच सके.
वहीं बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को भी घर लाने की कवायद लगातार जारी है. हर दिन श्रमिक ट्रेनों में करीब 800-1000 मजदूर ट्रेनों के माध्यम से अपने घर भेजे जा रहे हैं. डीसी सोलन केसी चमन ने कहा कि प्रशासन और सरकार लगातार प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने की कवायद में लगी हुई है. इसी के चलते अभी तक करीब 2000 प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेज दिया गया है.
वहीं, आगे भी इसी तरह से कालका से ट्रेनों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने यूपी सरकार से बातचीत की है, जिसके बाद से यहां से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है. प्रशासन उन्हें मास्क, ग्लव्ज, सेनिटाइज और रास्ते में खाने के लिए फूड पैकेट भी दिए जा रहे हैं, ताकि उन्हें घर पहुंचने में किसी भी तरह से कोई असुविधा ना हो.
उपायुक्त केसी चमन ने इस सम्बन्ध में कहा कि अभी तक करीब उत्तर प्रदेश के बरेली के 1376 व्यक्तियों को घर भेजा गया है. उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत पंजीकरण करवाने वाले सभी व्यक्ति इस रेलगाड़ी से अपने-आने गंतव्य स्थलों के लिए रवाना हुए. इनमें 932 व्यक्ति सोलन जिला के बद्दी से, 204 व्यक्ति ऊना जिला से, 97 व्यक्ति जिला सिरमौर से, 59 व्यक्ति बिलासपुर से, 34 व्यक्ति सोलन के परवाणु से, 28 व्यक्ति सोलन से तथा 07 व्यक्ति जिला हमीरपुर से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुए. इससे पहले भी करीब 700 लोगों को ट्रेन के माध्यम से उनके घर भेजा गया है.
केसी चमन ने कहा कि कोविड-19 के खतरे के कारण लोग अपने घर जाने के इच्छुक हैं. केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार इन लोगों के जाने का समुचित प्रबन्ध किया जा रहा है. जिला प्रशासन पूर्ण तत्परता एवं संवेदन शीलता के साथ राज्य में आने वाले प्रदेशवासियों और यहां से बाहर जाने वाले व्यक्तियों की सहायता सुनिश्चित बना रहा है. इस सम्बन्ध में पंचकूला जिला प्रशासन के साथ पूर्ण समन्वय स्थापित किया गया है.