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50 की उम्र पार करने के बाद भी हिमालय जैसा इन महिलाओं का हौसला, 37 दर्रों को फतेह करने निकली ये 11 पर्वतारोही

ट्रांस हिमालय की गगनचुंबी चोटियों और 37 दर्रों को फतेह करने के लिए निकली 50 वर्ष से अधिक आयु की 11 सदस्य महिला पर्वतारोही दल का वीरवार किन्नौर के करच्छम (Women climbers team reached Kinnaur) पहुंचा. करच्छम पहुंचने पर ट्राई पीक ब्रिगेड की 4 असम रेजिमेंट के जवानों द्वारा उनका स्वागत किया गया. पढ़ें पूरी खबर...

महिला पर्वतारोही दल पहुंचा किन्नौर
महिला पर्वतारोही दल पहुंचा किन्नौर
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Published : Jul 8, 2022, 11:34 AM IST

किन्नौर: ट्रांस हिमालय की गगनचुंबी चोटियों और 37 दर्रों को फतेह करने के लिए निकली 50 वर्ष से अधिक आयु की 11 सदस्य महिला पर्वतारोही दल का वीरवार किन्नौर (Women climbers team reached Kinnaur) के करच्छम पहुंचा. जहां ट्राई पीक ब्रिगेड की 4 असम रेजिमेंट के जवानों द्वारा उनका करच्छम पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान पर्वतारोहण दल का नेतृत्व कर रही भारत की पहली महिला माउंट एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल और उनके दल में शामिल सभी पर्वतारोही महिलाओं को ब्रिगेडियर प्रदीप कुमार मेहता व उनकी धर्म पत्नी ने पारम्परिक किन्नौरी टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया.

ब्रिगेडियर प्रदीप कुमार मेहता ने पर्वतारोही दल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि 50 वर्ष उम्र पार कर चुकी इन महिलाओं का हौंसला व जज्बा हम सभी को सीख देता है कि यदि किसी कार्य को करने का दिल में जज्बा बिठा लें तो मंजिल दूर नहीं होती है. उन्होंने सभी पर्वतारोही महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि इन महिलाओं ने सिद्ध किया है कि यदि किसी कार्य को करने का ठान लिया जाए तो उम्र का पड़ाव कोई महत्व नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि कठिन चुनौतियों व हर कदम जोखिम भरा होने के बावजूद भी कठिन से कठिन कार्य को पूरा किया जा सकता है.

इस दौरान दल का नेतृत्व कर रही बछेंद्री पाल ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए कठिन परिश्रम व ईमानदारी का होना अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि वे इसे अपने जीवन में आत्मसात करते हुए आज इस मुकाम पर पहुंची है. उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मिशन (Fit India Mission) व महिला सशक्तिकरण के बारे आम लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ लोगों को समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों के बारे में भी जागरूक करना है.

उन्होंने युवाओं को भी संदेश दिया कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीवन में कड़ी मेहनत करें. उन्होंने कहा कि आज इस पर्वतारोही दल में जहां मैं स्वयं 68 वर्ष की हूं, वहीं दल में 76 वर्ष की महिला भी शामिल है. जिन्होंने कल ही विश्व का विकटतम लामखागा दर्रा पार किया है. उन्होंने इस अवसर पर सेना का भी आभार व्यक्त किया. इस दल में देश के विभिन्न राज्यों की 11 महिलाएं शामिल हैं, जिसका नेतृत्व प्रथम भारतीय महिला माउंट एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल (Bachendri Pal Mount Everest) कर रही हैं.

बत दें कि 12 मार्च 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मिशन के तहत 50 वर्ष की उम्र पार कर चुकी 11 पर्वतारोही महिलाओं का एक दल भारत-म्यामांर सीमा पर स्थित पांगसायु से टाईगर हिल तक पर्वतारोहण के लिए पद्म श्री बिछेंद्री पाल के नेतृत्व में रवाना हुआ था. यह दल अरुणाचल, असम, पश्चिमी बंगाल, सिक्कम, उतराखण्ड व हिमाचल होते हुए लगभग 5 हजार किलोमीटर की दूरी व 37 पर्वती दर्रों को पार करते हुए 5 माह में टाईगर हिल पहुंचेगा.

किन्नौर: ट्रांस हिमालय की गगनचुंबी चोटियों और 37 दर्रों को फतेह करने के लिए निकली 50 वर्ष से अधिक आयु की 11 सदस्य महिला पर्वतारोही दल का वीरवार किन्नौर (Women climbers team reached Kinnaur) के करच्छम पहुंचा. जहां ट्राई पीक ब्रिगेड की 4 असम रेजिमेंट के जवानों द्वारा उनका करच्छम पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान पर्वतारोहण दल का नेतृत्व कर रही भारत की पहली महिला माउंट एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल और उनके दल में शामिल सभी पर्वतारोही महिलाओं को ब्रिगेडियर प्रदीप कुमार मेहता व उनकी धर्म पत्नी ने पारम्परिक किन्नौरी टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया.

ब्रिगेडियर प्रदीप कुमार मेहता ने पर्वतारोही दल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि 50 वर्ष उम्र पार कर चुकी इन महिलाओं का हौंसला व जज्बा हम सभी को सीख देता है कि यदि किसी कार्य को करने का दिल में जज्बा बिठा लें तो मंजिल दूर नहीं होती है. उन्होंने सभी पर्वतारोही महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि इन महिलाओं ने सिद्ध किया है कि यदि किसी कार्य को करने का ठान लिया जाए तो उम्र का पड़ाव कोई महत्व नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि कठिन चुनौतियों व हर कदम जोखिम भरा होने के बावजूद भी कठिन से कठिन कार्य को पूरा किया जा सकता है.

इस दौरान दल का नेतृत्व कर रही बछेंद्री पाल ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए कठिन परिश्रम व ईमानदारी का होना अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि वे इसे अपने जीवन में आत्मसात करते हुए आज इस मुकाम पर पहुंची है. उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मिशन (Fit India Mission) व महिला सशक्तिकरण के बारे आम लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ लोगों को समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों के बारे में भी जागरूक करना है.

उन्होंने युवाओं को भी संदेश दिया कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीवन में कड़ी मेहनत करें. उन्होंने कहा कि आज इस पर्वतारोही दल में जहां मैं स्वयं 68 वर्ष की हूं, वहीं दल में 76 वर्ष की महिला भी शामिल है. जिन्होंने कल ही विश्व का विकटतम लामखागा दर्रा पार किया है. उन्होंने इस अवसर पर सेना का भी आभार व्यक्त किया. इस दल में देश के विभिन्न राज्यों की 11 महिलाएं शामिल हैं, जिसका नेतृत्व प्रथम भारतीय महिला माउंट एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल (Bachendri Pal Mount Everest) कर रही हैं.

बत दें कि 12 मार्च 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मिशन के तहत 50 वर्ष की उम्र पार कर चुकी 11 पर्वतारोही महिलाओं का एक दल भारत-म्यामांर सीमा पर स्थित पांगसायु से टाईगर हिल तक पर्वतारोहण के लिए पद्म श्री बिछेंद्री पाल के नेतृत्व में रवाना हुआ था. यह दल अरुणाचल, असम, पश्चिमी बंगाल, सिक्कम, उतराखण्ड व हिमाचल होते हुए लगभग 5 हजार किलोमीटर की दूरी व 37 पर्वती दर्रों को पार करते हुए 5 माह में टाईगर हिल पहुंचेगा.

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