हिमाचल में शिमला, कांगड़ा और सोलन को सबसे अधिक जख्म दे रहे सड़क हादसे, लाहौल-स्पीति सबसे सुरक्षित: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को सड़क हादसे (road accidents in himachal) गहरा जख्म देते हैं. हिमाचल की सड़कें हादसों के प्रति संवेदनशील हैं और सभी प्रयास करने के बावजूद दुर्घटनाएं थम नहीं रहीं हैं. न साल के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो इन तीन जिलों में 1354 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से प्रदेश का सबसे छोटा जिला लाहौल-स्पीति सबसे सुरक्षित है.
4 से 7 जून तक शिमला के रिज मैदान पर होगा समर फेस्टिवल का आयोजन: राजधानी शिमला में दो साल बाद अंतरराष्ट्रीय शिमला समर फेस्टिवल आयोजन (International Summer Festival Shimla) होने जा रहा है. कोरोना के चलते दो साल तक समर फेस्टिवल का आयोजन नहीं किया जा सका था. वहीं, इस साल कोरोना के मामले कम होने पर जिला प्रशासन ने 4 जून से 7 जून तक रिज मैदान पर फेस्टिवल करने का फैसला लिया है.
कांगड़ा: मंडल मिलान कार्यक्रम के तहत सीएम जयराम ने की भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने दो दिवसीय प्रवास को लेकर जिला कांगड़ा के शाहपुर (Shahpur visit of CM Jai Ram Thakur) में पहुंचे हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा कई विकासनात्मक योजनाओं का भी शिलान्यास किया गया. पढे़ं पूरी खबर...
उत्तरी भारत को पानी देने वाला हिमाचल आज खुद है प्यासा: आम आदमी पार्टी: हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता पंकज पंडित ने आरोप लगाए हैं कि जो पहाड़ी प्रदेश पूरे उत्तर भारत को पानी देता है वही प्रदेश, आज भाजपा सरकार की वजह से पानी की किल्लत झेल रहा है. पढे़ं पूरी खबर...
आग से धधक रहे हिमाचल के जंगल, सरकार के तमाम दावे फेल: पिछले कुछ ही दिनों में प्रदेश के जंगलों में 877 जगह पर आग लगने की घटनाएं सामने आई है. अब तक कुल मिलाकर 6961.75 हैक्टेयर क्षेत्र आग की (Cases of forest fire in Himachal Pradesh) चपेट में आया है. जिसमें 5672.77 हेक्टेयर प्राकृतिक वन भूमि और 1246.98 हैक्टेयर प्लांटेशन वाला क्षेत्र शामिल है. आग लगने से कई वन्य जीव भी काल का ग्रास बन गए हैं. इस सीजन में यानी एक महीने के अंदर 1 करोड़ 84 लाख 38 हजार 588 रुपए का नुकसान हो चुका है.
अमेरिका यात्रा: तिब्बत के राष्ट्रपति पेनपा सेरिंग ने न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के तिब्बतियों से की मुलाकात: तिब्बत के राष्ट्रपति पेनपा सेरिंग ने अपनी पहली अमेरिका यात्रा के (Tibet President Penpa Tsering) अंतिम चरण में न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के तिब्बतियों से मुलाकात की और उन्हें संबोधित भी किया. इसके अलावा पेनपा सेरिंग ने इलियट स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स (GWU) द्वारा आयोजित एक सेमिनार में भाग लिया.
मानवता शर्मसारः जोनल अस्पताल मंडी के शौचालय में मिला नवजात का शव: जोनल अस्पताल मंडी (Zonal Hospital Mandi) के शौचालय में एक नवजात बच्चे का शव बरामद (Newborn dead body found in the toilet) हुआ है. मंडी जोनल अस्पताल स्थित एसआरएल लैब के साथ लगते पब्लिक शौचालय में सोमवार सुबह अस्पताल के सफाई कर्मचारियों को शौचालय में रखे एक पानी के डिब्बे में एक बच्चा दिखाई दिया. एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने (SP Mandi on Newborn dead body found in the toilet) मामले की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि सदर थाना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज आगामी कार्रवाई में जुट गई है.
स्नो हार्वेस्टिंग से दूर होगा हिमाचल का सूखा, परियोजना के लिए 353.57 करोड़ रुपए स्वीकृत: हिमाचल के सूखे को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार स्नो हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट (snow harvesting project) पर काम करने जा रही है. हिमाचल के पहाड़ों पर बर्फ (snow on the mountains of himachal) के रूप में अनमोल दौलत है, इस दौलत की एक-एक बूंद को सहेजने के लिए ही इस परियोजना पर काम किया जाएगा. जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के अनुसार प्रदेश के कुछ इलाकों में सूखे से निपटने के लिए यह परियोजना कारगर साबित होगी. इसके लिए राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) ने 353.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है.
सिरमौर: दो अलग-अलग मामलों में चरस और चूरा पोस्त बरामद, 3 आरोपी गिरफ्तार: नशा तस्करी के खिलाफ सिरमौर पुलिस की मुहिम अब रंग लाती नजर आ रही है. जिला पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में चरस व चूरापोस्त बरामद किया है. पुलिस ने इन दोनों मामलों में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पहले मामले में शिलाई पुलिस थाना टीम (Shillai Police Station Team) ने नाकाबंदी के दौरान दो मोटरसाइकिल सवार युवकों से चरस की खेप बरामद की है. वहीं, दूसरे मामले में सिरमौर पुलिस की विशेष अन्वेषण टीम (Special Investigation Team of Sirmaur Police) ने एक दुकान से 953 ग्राम चूरा पोस्त बरामद किया है. एसपी सिरमौर ओमापति जम्वाल ने मामले की पुष्टि की है.
किन्नौर के दर्जनों स्कूलों में अध्यापकों की कमी, अंधकार में डूबा छात्रों का भविष्य: किन्नौर जिले के स्कूलों में अध्यापकों की कमी के कारण छात्रों का भविष्य अंधकार में डूबता नजर आ रहा है. जिला किन्नौर में 12 ऐसे स्कूल हैं जहां (Lack of teachers in many schools of Kinnaur) प्रिंसिपल के पद खाली चल रहे हैं. वहीं, कई स्कूलों में अध्यापकों की कमी के चलते कई छात्र पढ़ाई के लिए शिमला आने के लिए मजबूर हैं.