शिमला: स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (Swachh Survekshan 2021) में राजधानी शिमला के पिछड़ने पर विपक्षी दल मुखर हो गए हैं और इसके लिए नगर निगम की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) के पूर्व उपमहापौर टिकेंद्र पंवर ने इसके लिए भाजपा शासित नगर निगम (Municipal Corporation) को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने सफाई व्यवस्था के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी पिछड़ने की बात कही है.
पूर्व उपमहापौर टिकेंद्र पंवर (Tikender Panwar) ने आरोप लगाए कि नगर निगम शहर के लोगों को बिजली कूड़े, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं देने में भी असफल रही है. उन्होंने कहा कि शहर की रैंकिंग इसलिए गिरी है, क्योंकि नगर निगम कार्य को सही तरीके से नहीं कर पा रहा. निगम घरों से उठा रहे कूड़े को भी सही तरीके से डंप नही कर रहा है. लोगों को जिस तरह की सुविधाएं मिलनी चाहिए थी वैसी नहीं मिल पा रही हैं.
टिकेंद्र पंवर (Tikender Panwar) ने कहा कि कोविड के दौरान लोगों के घरों से कूड़ा उठाया नहीं और बिल हर महीने वसूले गए. जिससे लोगों ने भी अपना गलत फीडबैक दिया. उन्होंने कहा कि नगर निगम ने करोड़ों की सफाई की मशीनें (Cleaning Machines) खरीद रखी हैं, जोकि किसी काम की नहीं हैं. यह समझ नहीं आ रहा है कि नगर निगम को मंत्री चला रहे हैं या मेयर. उन्होंने कहा कि लोगों को निगम की कार्यप्रणाली पर विश्वास नहीं रहा है.
वहीं, स्मार्ट सिटी (Smart City) के कार्यों को लेकर भी टिकेंद्र पंवर ने निशाना साधा और कहा कि कड़ी मेहनत के बाद शिमला स्मार्ट सिटी (Shimla Smart City) में आया, लेकिन निगम शहर को स्मार्ट बनाने में असफल रहा. स्मार्ट सिटी में शहर का कायाकल्प होना था, लेकिन निगम डंगे लगाने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा. उन्होंने कहा कि नगर निगम, प्रदेश और केंद्र में सरकार एक दल होने के बावजूद भी स्मार्ट सिटी (Smart City) पर काम नहीं हो पाया जो कि शर्मनाक है.
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