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SHIMLA: कच्ची घाटी में भवन निर्माण पर लग सकती है रोक, कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट - शिमला लेटेस्ट न्यूज़

उपनगर कच्ची घाटी शिमला (Kachi Ghati Shimla) में नए भवनों के निर्माण (Construction of new buildings) पर रोक लग सकती है. कच्ची घाटी में बहुमंजिला भवन गिरने के बाद बनाई गई तकनीकी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में साफ है कि जो भवन गिरने की कगार पर हैं उन्हें बचाने का काम भवन मालिक अपने जोखिम पर कर सकते हैं, यदि बचाने की संभावना है तो ही ये अनुमति दी जाएगी.

There may be a ban on building construction in Kachi Ghati shimla
फोटो.
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Published : Nov 25, 2021, 10:09 PM IST

शिमला: उपनगर कच्ची घाटी शिमला (Kachi Ghati Shimla) में नए भवनों के निर्माण (Construction of new buildings) पर रोक लग सकती है. कच्ची घाटी में बहुमंजिला भवन गिरने के बाद बनाई गई तकनीकी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. कमेटी में उपायुक्त शिमला नगर निगम के आयुक्त के अलावा सदस्य शामिल थे और इस क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए विस्तृत रिपोर्ट बनाई गई है रिपोर्ट में भवन निर्माण के लिए इस क्षेत्र को पूरी तरह से असुरक्षित पाया है.

इस रिपोर्ट में साफ है कि जो भवन गिरने की कगार पर हैं उन्हें बचाने का काम भवन मालिक अपने जोखिम पर कर सकते हैं, यदि बचाने की संभावना है तो ही ये अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही भवनों के नींव मजबूत करने के भवन मालिक को ही अपने जोखिम पर ये काम करवाना होगा. इसकी रिपोर्ट तैयार कर कमेटी ने टीम को सौंप दी है.

कमेटी की ओर से 12 पन्ने की बनाई गई रिपोर्ट में ये साफ है कि इन असुरक्षित भवनों को तब तक खाली रखा जाएगा जब तक इन्हें रहने लायक सुरक्षित नहीं बनाया जाता. विशेषज्ञों की रिपोर्ट को प्रशासन ने सरकार को सौंप दिया है. कच्ची घाटी में असुरक्षित भवनों को गिराने से पहले इन्हें बचाने की संभावना तलाशने के लिए आइआइटी मंडी, एनआइटी हमीरपुर, लोक निर्माण विभाग के विशेषज्ञ सहित कमेटी का गठन किया था.

कमेटी ने जब मौके का दौरा किया था तो शहर के आला अधिकारी भी मौजूद रहे.वही अब सरकार ही कच्ची घाटी शिमला (Kachi Ghati Shimla) में भवन निर्माण पर रोक लगाने का फैसला ले सकती है. नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि कच्चिघाटी में भवन गिरने के बाद यहां निर्माण कार्य की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी ओर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी गई है अब सरकार इस पर फैसला लेगी.

कच्ची घाटी में महीना भर पहले आठ मंजिला इमारत के अचानक गिरने के कारण साथ लगती इमारतों के ढहने का खतरा बन गया था. इस कारण जानमाल के नुकसान की आशंका बनी हुई थी. आठ मंजिला इमारत दर्शन काटेज में शिमला के बड़े कारोबारी गुरबचन सिंह और गुरमीत सिंह के परिवार रहते थे. इसके अलावा केआर शर्मा, राजीव सूद, नारायण सिंह और विक्की सूद के परिवार भी रहते थे.

सभी परिवारों को सुरक्षित दूसरी जगह पर ठहराया गया है. इस इमारत की चपेट में दो मंजिला इमारत भी आ गई थी. यह मकान निर्मला भवन था. इसके अलावा इमारत के ढहने से दो बहुमंजिला इमारतें भी खतरे की जद में हैं. उनमें से एक हरी पैलेस होटल (Hari Palace Hotel) है. इसके साथ बनी एक अन्य इमारत है. दोनों इमारतों को खाली करवा दिया गया है.

ये भी पढ़ें- खबरां पहाड़ां री: अनुराग ठाकुर रे 'आदर्श गांव' री हकीकत: अणु पंचायत च गंदगी रा अंबार

शिमला: उपनगर कच्ची घाटी शिमला (Kachi Ghati Shimla) में नए भवनों के निर्माण (Construction of new buildings) पर रोक लग सकती है. कच्ची घाटी में बहुमंजिला भवन गिरने के बाद बनाई गई तकनीकी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. कमेटी में उपायुक्त शिमला नगर निगम के आयुक्त के अलावा सदस्य शामिल थे और इस क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए विस्तृत रिपोर्ट बनाई गई है रिपोर्ट में भवन निर्माण के लिए इस क्षेत्र को पूरी तरह से असुरक्षित पाया है.

इस रिपोर्ट में साफ है कि जो भवन गिरने की कगार पर हैं उन्हें बचाने का काम भवन मालिक अपने जोखिम पर कर सकते हैं, यदि बचाने की संभावना है तो ही ये अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही भवनों के नींव मजबूत करने के भवन मालिक को ही अपने जोखिम पर ये काम करवाना होगा. इसकी रिपोर्ट तैयार कर कमेटी ने टीम को सौंप दी है.

कमेटी की ओर से 12 पन्ने की बनाई गई रिपोर्ट में ये साफ है कि इन असुरक्षित भवनों को तब तक खाली रखा जाएगा जब तक इन्हें रहने लायक सुरक्षित नहीं बनाया जाता. विशेषज्ञों की रिपोर्ट को प्रशासन ने सरकार को सौंप दिया है. कच्ची घाटी में असुरक्षित भवनों को गिराने से पहले इन्हें बचाने की संभावना तलाशने के लिए आइआइटी मंडी, एनआइटी हमीरपुर, लोक निर्माण विभाग के विशेषज्ञ सहित कमेटी का गठन किया था.

कमेटी ने जब मौके का दौरा किया था तो शहर के आला अधिकारी भी मौजूद रहे.वही अब सरकार ही कच्ची घाटी शिमला (Kachi Ghati Shimla) में भवन निर्माण पर रोक लगाने का फैसला ले सकती है. नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि कच्चिघाटी में भवन गिरने के बाद यहां निर्माण कार्य की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी ओर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी गई है अब सरकार इस पर फैसला लेगी.

कच्ची घाटी में महीना भर पहले आठ मंजिला इमारत के अचानक गिरने के कारण साथ लगती इमारतों के ढहने का खतरा बन गया था. इस कारण जानमाल के नुकसान की आशंका बनी हुई थी. आठ मंजिला इमारत दर्शन काटेज में शिमला के बड़े कारोबारी गुरबचन सिंह और गुरमीत सिंह के परिवार रहते थे. इसके अलावा केआर शर्मा, राजीव सूद, नारायण सिंह और विक्की सूद के परिवार भी रहते थे.

सभी परिवारों को सुरक्षित दूसरी जगह पर ठहराया गया है. इस इमारत की चपेट में दो मंजिला इमारत भी आ गई थी. यह मकान निर्मला भवन था. इसके अलावा इमारत के ढहने से दो बहुमंजिला इमारतें भी खतरे की जद में हैं. उनमें से एक हरी पैलेस होटल (Hari Palace Hotel) है. इसके साथ बनी एक अन्य इमारत है. दोनों इमारतों को खाली करवा दिया गया है.

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