शिमला: रिज मैदान पर स्थित ऐहतिहासिक स्टेट लाइब्रेरी के जीर्णोद्धार का मामला (Shimla State Library) गरमाने लगा है और छात्र नगर निगम से इस भवन का स्वरूप न बदलने की मांग कर रहे है. बुधवार को भारत की जनवादी नौजवान सभा (DFYI) के साथ छात्र नगर निगम की महापौर का घेराव करने पहुंचे और करीब आधे घंटे तक महापौर सत्या कौंडल के दफ्तर में बैठे रहे.
इस दौरान छात्रों ने किसी भी सूरत में स्टेट लाइब्रेरी का स्वरुप न बदलने की मांग की. साथ ही यदि इसका स्वरूप बदला जाता है तो उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. छात्रों का कहना है कि इस लाइब्रेरी के हजारों सदस्य हैं और शहर में पहले ही लाइब्रेरी की कमी है. ऐसे में नगर निगम इस लाइब्रेरी का जीर्णोद्धार कर यहां बुक कैफे खोलने जा रहा है जिससे छात्र यहां पढ़ाई नहीं कर पाएंगे.
नगर निगम से कई बार इसका स्वरूप न बदलने और जीर्णोद्धार के दौरान छात्रों के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था करने की गुहार लगाई जा रही है, लेकिन निगम कोई बात नहीं कर रहा है. उनका कहना है कि भाजपा शासित नगर निगम युवाओं के भविष्य के खिलाफ खिलवाड़ कर रहा है. उनका कहना है कि जीर्णोद्धार के खिलाफ नहीं हैं और न ही वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ हैं, लेकिन छात्रों के हितों को ध्यान में रखा जाए. यही नहीं छात्रों ने सभी पार्षदों से भी नगर निगम की मासिक बैठक में इस मामले को उठाने की मांग की और यदि ऐसा नहीं होता है तो चार माह बाद होने वाले नगर निगम चुनावों में छात्र इन पार्षदों के खिलाफ काम करेंगे.
बता दें नगर निगम द्वारा ढाई करोड़ से रिज पर स्थित स्टेट लाइब्रेरी के भवन का जीर्णोद्धार करवा रहा है और यहां कैफे खोलने की बात कही जा रही थी. हालांकि नगर निगम ने इसका स्वरूप न बदलने की बात कही जा रही है, लेकिन छात्र नगर निगम से सहमत नहीं है और लिखित रूप से देने ओर निर्माण कार्य के दौरान छात्र कहा बैठ कर पढ़ाई करेंगे इसके बारे में स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे है.
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