शिमलाः कोरोना संकट के बीच हिमाचल प्रदेश सरकार आफतें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. निजी बस संचालकों का कहना है कि सरकार ने अगर उनकी मांगे नहीं मानीं, तो वह हड़ताल जारी रखेंगे.
निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव रमेश कमल का कहना है कि सरकार द्वारा बार-बार उनसे वायदे तो किए जा रहे हैं, लेकिन उन वादों पर को अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना के बीच निजी बस संचालक बहुत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें कोई राहत नहीं दी गई.
स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स माफ करने की मांग
निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव ने मांग की है कि प्रदेश सरकार उनके स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स को माफ करें. उन्होंने कहा कि सरकार निजी बस संचालकों से डीजल, स्पेयर पार्ट और बस से जुड़ी अन्य चीजों से करीब साढ़े तीन अरब की कमाई करते हैं और निजी बस संचालक केवल 40 करोड़ का टैक्स माफ करने की बात कर रहे हैं. ऐसे में फैसला सरकार को करना है कि सरकार टैक्स माफ करना चाहती है या अपनी कमाई को खत्म करना चाहती है.
सरकार से मिला है आश्वासन
निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव रमेश कमल ने कहा कि प्रदेश के परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर से मुलाकात के बाद उन्हें आश्वासन मिला है, लेकिन अभी तक आश्वासन से आगे बढ़कर कुछ होता हुआ नजर नहीं आ रहा है.
4 मई से हड़ताल जारी
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के टैक्सी ऑपरेटर व संचालक 4 मई से हड़ताल में पर हैं. अगर प्रदेश सरकार उनकी मांग नहीं मानती है, तो आने वाले समय में सभी बस ऑपरेटर वर्चुअल बैठक के जरिए हड़ताल की रूपरेखा तय करेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर प्रदेश सरकार उनकी बात नहीं मानती है, तो वे हड़ताल जारी रखेंगे.
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