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बागा सराहन मैदान में बसी हैं मां झराणी, मुराद पूरी होने पर भक्त चढ़ाते हैं लोहा

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Published : Aug 2, 2020, 3:42 PM IST

Updated : Aug 2, 2020, 6:20 PM IST

100 बीघा से भी अधिक भूमि पर फैले बागा सराहन मैदान में ऐतिहासिक व पौराणिक झराणी माता का मंदिर मौजूद है. हर साल मां के दर्शनों के लिए लाखों श्रद्धालुओं मां के दरबार में पहुंचते हैं. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां आकर मां से मन्नत मांगता है उसकी सभी इच्छा पूर्ण हो जाती है और जब दोबारा आते हैं तो माता को भेंट के रूप में लोहा चढ़ाते हैं.

Jharani Mata Temple in rampur
बागा सराहन मैदान में झराणी माता का मंदिर.

रामपुर: कुल्लू जिला के निरमंड के अंतर्गत आने वाला और प्रकृति की गोद में बसा बागा सराहन अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. 100 बीघा से भी अधिक भूमि पर फैले बागा सराहन मैदान में ऐतिहासिक व पौराणिक झराणी माता का मंदिर मौजूद है, जो यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

ये मंदिर बागा सराहन के मैदान में स्थित है और यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक व श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु यहां आकर मां से मन्नत मांगता है उसकी सभी इच्छा पूर्ण हो जाती है और जब दोबारा आते हैं तो माता को भेंट के रूप में लोहा चढ़ाते हैं.

वीडियो.

इतिहासकार दीपक शर्मा ने बताया कि इस मंदिर में पाषाण काल की मां की मूर्ति स्थापित है और उसे मां भगवती के रूप में भी माना जाता है. उन्होंने बताया कि हर साल मां झराणी के दरबार में मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें कई देवी-देवता मौजूद रहते हैं.

स्थानीय निवासियों ने बताया कि ये एक ऐतिहासिक मंदिर है और जब यहां पर कोई कार्यक्रम होता है तो उस दौरान यहां पर भिन्न-भिन्न क्षेत्र से देवी-देवता आकर शमिल होते हैं. उन्होंने बताया किझराणी मां के मंदिर परिसर में हवन और यज्ञ का आयोजन किया जाता है. वहीं, जिस भक्त की मुराद पूरी होती है, वो मां को भेंट के रूप में लोहा चढ़ाता है.

श्रद्धालुओं ने बताया कि ये मंदिर बेहद खूबसूरत व प्राचीन है और यहां पर आने से सुकून और शांति मिलती है. उन्होंने कहा कि जो सच्चे दिल से मां की पूजा और उन्हें याद करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

बता दें कि निरमंड क्षेत्र के साथ लगते बागा सराहन में मां भगवती का मंदिर मौजूद है और यहां पर चारों तरफ देवदार के पेड़ हैं. साथ ही यहां पर एक मैदान है जो बागा सराहन के नाम से प्रसिद्ध है. ये मैदान लगभग 100 बीघा से भी अधिक भूमि पर फैला हुआ है और मान्यता है कि इस मैदान को पांडवों ने अज्ञातवास के समय एक रात में ही बनाया था.

ये भी पढ़ें: चीड़ की पत्तियों से राखी बना रही हैं धर्मशाला की सुदर्शना, बचपन में जल गए थे दोनों हाथ

रामपुर: कुल्लू जिला के निरमंड के अंतर्गत आने वाला और प्रकृति की गोद में बसा बागा सराहन अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. 100 बीघा से भी अधिक भूमि पर फैले बागा सराहन मैदान में ऐतिहासिक व पौराणिक झराणी माता का मंदिर मौजूद है, जो यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

ये मंदिर बागा सराहन के मैदान में स्थित है और यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक व श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु यहां आकर मां से मन्नत मांगता है उसकी सभी इच्छा पूर्ण हो जाती है और जब दोबारा आते हैं तो माता को भेंट के रूप में लोहा चढ़ाते हैं.

वीडियो.

इतिहासकार दीपक शर्मा ने बताया कि इस मंदिर में पाषाण काल की मां की मूर्ति स्थापित है और उसे मां भगवती के रूप में भी माना जाता है. उन्होंने बताया कि हर साल मां झराणी के दरबार में मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें कई देवी-देवता मौजूद रहते हैं.

स्थानीय निवासियों ने बताया कि ये एक ऐतिहासिक मंदिर है और जब यहां पर कोई कार्यक्रम होता है तो उस दौरान यहां पर भिन्न-भिन्न क्षेत्र से देवी-देवता आकर शमिल होते हैं. उन्होंने बताया किझराणी मां के मंदिर परिसर में हवन और यज्ञ का आयोजन किया जाता है. वहीं, जिस भक्त की मुराद पूरी होती है, वो मां को भेंट के रूप में लोहा चढ़ाता है.

श्रद्धालुओं ने बताया कि ये मंदिर बेहद खूबसूरत व प्राचीन है और यहां पर आने से सुकून और शांति मिलती है. उन्होंने कहा कि जो सच्चे दिल से मां की पूजा और उन्हें याद करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

बता दें कि निरमंड क्षेत्र के साथ लगते बागा सराहन में मां भगवती का मंदिर मौजूद है और यहां पर चारों तरफ देवदार के पेड़ हैं. साथ ही यहां पर एक मैदान है जो बागा सराहन के नाम से प्रसिद्ध है. ये मैदान लगभग 100 बीघा से भी अधिक भूमि पर फैला हुआ है और मान्यता है कि इस मैदान को पांडवों ने अज्ञातवास के समय एक रात में ही बनाया था.

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Last Updated : Aug 2, 2020, 6:20 PM IST
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