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रेल मंत्रालय की मंजूरी के बाद भी नहीं बढ़ी कालका-शिमला ट्रैक की स्पीड, जानिए क्या है वजह ?

कालका-शिमला ट्रैक पर सफर करने में 5 घंटे से अधिक का समय लगता है. इस ट्रैक पर सफर करने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक है. विश्व धरोहर में शामिल इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर निर्देश केंद्रीय रेल मंत्री ने दिए थे.

शिमला रेलवे स्टेशन की तस्वीर.
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Published : May 3, 2019, 7:27 PM IST

शिमला: विश्वधरोहर कालका-शिमला ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने के लिए रेल मंत्रालय की मंजूरी के बाद भी गाड़ियों की स्पीड नहीं बढ़ाई जा रही है. अभी भी ट्रैक पर जो गाड़ियां चल रही हैं वह सभी पहले से ही तय स्पीड में ट्रैक पर चलाई जा रही है. ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की स्पीड को ना बढ़ाए जाने के पीछे की वजह यह है की रेल मंत्रालय ने केवल नए कोचों में ही स्पीड बढ़ाने की मंजूरी दी है. लेकिन इस रूट पर ज्यादा नए कोच नहीं है. जिसके चलते गाड़ियों की स्पीड नहीं बढ़ाई जा रही है.

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रेल मंत्रालय की ओर से कालका-शिमला ट्रैक पर स्पीड को बढ़ाने के लिए ट्रायल किए गए थे. इसके बाद गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने की मंजरी मंत्रालय ने दी थी. ट्रैक पर अभी कुछ समय के अंदर ही कुछ नए कोच चलाए गए हैं. कुछ एक गाड़ियां जो इस ट्रैक पर चल रही हैं उसमें नए और पुराने कोच चलाए जा रहे हैं. ऐसे में रेलवे द्वारा ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ा पाना संभव नहीं हो पा रहा है. अब कालका-अंबाला डिवीजन को ट्रैक पर नए कोचों की संख्या बढ़ने का इंतजार है. इसके बाद ही गाड़ियों की स्पीड भी कालका-शिमला ट्रैक पर 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ा कर 30 से 35 कर दी जाएगी.

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बता दें कि कालका-शिमला ट्रैक पर सफर करने में 5 घंटे से अधिक का समय लगता है. इस ट्रैक पर सफर करने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक है. ऐसे में सफर को जल्द पूरा किया जा सके इसके लिए विश्व धरोहर में शामिल इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर निर्देश केंद्रीय रेल मंत्री ने दिए थे.

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निर्देश मिलने के बाद 96 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल रेलवे की तकनीकी टीम ने शुरू कर दिए थे, लेकिन ट्रैक पर 48 डिग्री के घुमावदार मोड़ होने की वजह से पुराने कोच के साथ स्पीड नहीं बढ़ पा रही है. स्पीड बढ़ाने से दुर्घटना का खतरा बढ़ रहा है और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने मंजूरी के बाद भी स्पीड को नहीं बढ़ाया है.

शिमला: विश्वधरोहर कालका-शिमला ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने के लिए रेल मंत्रालय की मंजूरी के बाद भी गाड़ियों की स्पीड नहीं बढ़ाई जा रही है. अभी भी ट्रैक पर जो गाड़ियां चल रही हैं वह सभी पहले से ही तय स्पीड में ट्रैक पर चलाई जा रही है. ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की स्पीड को ना बढ़ाए जाने के पीछे की वजह यह है की रेल मंत्रालय ने केवल नए कोचों में ही स्पीड बढ़ाने की मंजूरी दी है. लेकिन इस रूट पर ज्यादा नए कोच नहीं है. जिसके चलते गाड़ियों की स्पीड नहीं बढ़ाई जा रही है.

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रेल मंत्रालय की ओर से कालका-शिमला ट्रैक पर स्पीड को बढ़ाने के लिए ट्रायल किए गए थे. इसके बाद गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने की मंजरी मंत्रालय ने दी थी. ट्रैक पर अभी कुछ समय के अंदर ही कुछ नए कोच चलाए गए हैं. कुछ एक गाड़ियां जो इस ट्रैक पर चल रही हैं उसमें नए और पुराने कोच चलाए जा रहे हैं. ऐसे में रेलवे द्वारा ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ा पाना संभव नहीं हो पा रहा है. अब कालका-अंबाला डिवीजन को ट्रैक पर नए कोचों की संख्या बढ़ने का इंतजार है. इसके बाद ही गाड़ियों की स्पीड भी कालका-शिमला ट्रैक पर 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ा कर 30 से 35 कर दी जाएगी.

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बता दें कि कालका-शिमला ट्रैक पर सफर करने में 5 घंटे से अधिक का समय लगता है. इस ट्रैक पर सफर करने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक है. ऐसे में सफर को जल्द पूरा किया जा सके इसके लिए विश्व धरोहर में शामिल इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर निर्देश केंद्रीय रेल मंत्री ने दिए थे.

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निर्देश मिलने के बाद 96 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल रेलवे की तकनीकी टीम ने शुरू कर दिए थे, लेकिन ट्रैक पर 48 डिग्री के घुमावदार मोड़ होने की वजह से पुराने कोच के साथ स्पीड नहीं बढ़ पा रही है. स्पीड बढ़ाने से दुर्घटना का खतरा बढ़ रहा है और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने मंजूरी के बाद भी स्पीड को नहीं बढ़ाया है.

Intro:विश्वधरोहर कालका-शिमला ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने की भले ही रेल मंत्रालय की ओर से मंजूरी मिल गई हो बावजूद इसके भी इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड नहीं बढ़ाई जा रही है। अभी भी ट्रैक पर जो गाड़ियां चल रही है वह सभी पहले से ही तय स्पीड में ट्रैक पर चलाई जा रही है। ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की स्पीड को ना बढ़ाए जाने के पीछे की वजह यह है की रेल मंत्रालय ने केवल नए कोचों में ही स्पीड बढ़ाने की मंजूरी दी है ओर पर्याप्त संख्या में नए कोच कालका-शिमला ट्रैक पर ना हों पाने की वजह से गाड़ियों की स्पीड नहीं बढ़ाई जा रही है।


Body:रेल मंत्रालय की ओर से कालका-शिमला ट्रैक पर स्पीड को बढ़ाने को लेकर किए गए ट्रायल्स के बाद स्पीड को बढ़ाने को लेकर मंजूरी दे दी थी। ट्रैक पर अभी कुछ समय के अंदर ही कुछ नए कोच चलाए गए है। कुछ एक गाड़ियां जो इस ट्रैक पर चल रही है उसमें नए ओर पुराने कोच चलाए जा रहे है ऐसे में ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ा पाना संभव नहीं हो पा रहा है। अब कालका-अंबाला डिवीजन को इंतजार है कि ट्रैक पर नए कोच की संख्या जब बढ़ेगी तब ही गाड़ियों की स्पीड भी कालका-शिमला ट्रैक पर 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ा कर 30 से 35 कर दी जाएगी।


Conclusion:बता दे कालका-शिमला ट्रैक पर सफर करने में 5 घंटे से अधिक का समय लगता है। इस ट्रैक पर सफ़र करने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक है ऐसे में सफर को जल्द पूरा किया जा सके इसके लिए विश्व धरोहर में शामिल इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर निर्देश केंद्रीय रेल मंत्री ने दिए थे। निर्देश मिलने के बाद 96 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने को लेकर ट्रायल रेलवे की तकनीकी टीम ने शुरू कर दिए थे, लेकिन ट्रैक पर 48 डिग्री के घुमावदार मोड़ होने की वजह से पुराने कोच के साथ स्पीड नहीं बढ़ पा रही है। स्पीड बढ़ाने से दुर्घटना का खतरा बढ़ रहा है और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने मंजूरी के बाद भी स्पीड को नहीं बढ़ाया है। अब जब तक नए कोच इस ट्रैक पर नहीं मिलते है तब तक 25 किलोमीटर की स्पीड से ही कालका-शिमला ट्रैक पर सफर पर्यटकों को करना होगा।
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