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World Radio Day: आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है 'रेडियो', नहीं खत्म हुई है दीवानगी

हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है. विश्व रेडियो दिवस 2022 का थीम 'Radio and Trust' है. आज के दौर में विविधता को बढ़ावा देना और अधिक शांतिपूर्ण और समावेशी दुनिया का निर्माण करना आवश्यक है. कई देशों में रेडियो प्राथमिक माध्यम और सूचना का स्रोत है.

World Radio Day
विश्व रेडियो दिवस
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Published : Feb 13, 2022, 10:10 AM IST

शिमला: आज 'विश्व रेडियो दिवस' है. हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है. 29 सितंबर 2011 को इसकी शुरुआत हुई थी. जमाना भले ही स्मार्टफोन्स का हो, लेकिन रेडियो के लिए लोगों की दीवानगी आज भी कम नहीं हुई है. रेडियो शिक्षित करने और जानकारी प्रदान करने का एक माध्यम है. यह संस्कृतियों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में भी मदद करता है.

विश्व रेडियो दिवस 2022 का थीम 'Radio and Trust' है. रेडियो, जागरूकता बढ़ाने और प्रसारकों के बीच नेटवर्किंग को मजबूत बनाने का एक माध्यम है. रेडियो एक सदी पुराना है, लेकिन यह सामाजिक संपर्क का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. हम यह कैसे भूल सकते हैं कि इसने आपदा राहत और आपातकालीन प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

जैसे-जैसे दुनिया बदलती है, वैसे-वैसे रेडियो भी में बदलाव आया है. कोविड-19 महामारी के दौरान भी रेडियो ने सीखने की निरंतरता सुनिश्चित करने और गलत सूचना के खिलाफ लड़ने में अहम योगदान दिया. आज के दौर में विविधता को बढ़ावा देना और अधिक शांतिपूर्ण और समावेशी दुनिया का निर्माण करना आवश्यक है. कई देशों में रेडियो प्राथमिक माध्यम और सूचना का स्रोत है.

रेडियो दिवस की शुरुआत: स्पेन के एक प्रस्ताव के बाद यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड ने 2011 में यूनेस्को द्वारा किए गए परामर्श प्रक्रिया के आधार पर विश्व रेडियो दिवस के उद्घोषणा की घोषणा की. इसके बाद, यूनेस्को के तत्कालीन महानिदेशक ने 13 फरवरी, 1946 के संयुक्त राष्ट्र रेडियो के गठन के प्रस्ताव को रखा और इसके बाद अपने 36 वें सत्र में, यूनेस्को ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में घोषित कर दिया.

रेडियो दिवस का उद्देश्य: संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व रेडियो दिवस का उद्देश्य जनता और मीडिया के बीच रेडियो के महत्व के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता बढ़ाना है. इस दिन का उद्देश्य रेडियो स्टेशनों को अपने माध्यम से सूचना तक पहुंच प्रदान करना और प्रसारकों के बीच नेटवर्किंग और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना भी है.

भारत में रेडियो की शुरुआत: भारत की बात करें तो, सन् 1927 तक यहां कई रेडियो क्लब की स्थापना हो चुकी थी, लेकिन उससे पहले भी अनाधिकृत रूप से मुंबई, कोलकाता और मद्रास में रेडियो प्रसारण किया जा रहा था. वर्ष 1936 में इंपोरियल रेडियो ऑफ इंडिया की शुरुआत हुई. आगे चलकर जिसका नाम 'ऑल इंडिया रेडियो' हुआ. सन् 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत होने पर भारत में भी रेडियो के सारे लाइसेंस रद्द कर दिए. यहां भी ट्रांसमीटर को सरकार ने जमा करने के आदेश दिए थे.

पीएम मोदी ने की 'मन की बात': प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर अक्टूबर-2014 में पहली बार 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए जनता से संवाद किया था. उस समय प्रधानमंत्री ने लोगों से गांधीजी के प्रिय खादी के उत्पादों को पहनने की अपील की थी. स्वामी विवेकानंद का दृष्टांत भी सुनाया था. इसके साथ ही लोगों से सुझाव भी मांगे थे. उनका जिक्र तभी से पीएम अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में करते हैं.

क्या है इस दिन का महत्व: विश्व रेडियो दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनता और मीडिया के बीच रेडियो के महत्व को बढ़ाने के लिए जागरूकता फैलाना है. यह निर्णय कर्ताओं को रेडियो के माध्यम से सूचनाओं की स्थापना और जानकारी प्रदान करने, नेटवर्किंग बढ़ाने और प्रसारकों के बीच एक प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है.

ये भी पढ़ें: EXCLUSIVE INTERVIEW CM JAIRAM: पंजाब के विकास के लिए कांग्रेस और केजरीवाल मॉडल नहीं हो सकता- जयराम ठाकुर

शिमला: आज 'विश्व रेडियो दिवस' है. हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है. 29 सितंबर 2011 को इसकी शुरुआत हुई थी. जमाना भले ही स्मार्टफोन्स का हो, लेकिन रेडियो के लिए लोगों की दीवानगी आज भी कम नहीं हुई है. रेडियो शिक्षित करने और जानकारी प्रदान करने का एक माध्यम है. यह संस्कृतियों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में भी मदद करता है.

विश्व रेडियो दिवस 2022 का थीम 'Radio and Trust' है. रेडियो, जागरूकता बढ़ाने और प्रसारकों के बीच नेटवर्किंग को मजबूत बनाने का एक माध्यम है. रेडियो एक सदी पुराना है, लेकिन यह सामाजिक संपर्क का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. हम यह कैसे भूल सकते हैं कि इसने आपदा राहत और आपातकालीन प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

जैसे-जैसे दुनिया बदलती है, वैसे-वैसे रेडियो भी में बदलाव आया है. कोविड-19 महामारी के दौरान भी रेडियो ने सीखने की निरंतरता सुनिश्चित करने और गलत सूचना के खिलाफ लड़ने में अहम योगदान दिया. आज के दौर में विविधता को बढ़ावा देना और अधिक शांतिपूर्ण और समावेशी दुनिया का निर्माण करना आवश्यक है. कई देशों में रेडियो प्राथमिक माध्यम और सूचना का स्रोत है.

रेडियो दिवस की शुरुआत: स्पेन के एक प्रस्ताव के बाद यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड ने 2011 में यूनेस्को द्वारा किए गए परामर्श प्रक्रिया के आधार पर विश्व रेडियो दिवस के उद्घोषणा की घोषणा की. इसके बाद, यूनेस्को के तत्कालीन महानिदेशक ने 13 फरवरी, 1946 के संयुक्त राष्ट्र रेडियो के गठन के प्रस्ताव को रखा और इसके बाद अपने 36 वें सत्र में, यूनेस्को ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में घोषित कर दिया.

रेडियो दिवस का उद्देश्य: संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व रेडियो दिवस का उद्देश्य जनता और मीडिया के बीच रेडियो के महत्व के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता बढ़ाना है. इस दिन का उद्देश्य रेडियो स्टेशनों को अपने माध्यम से सूचना तक पहुंच प्रदान करना और प्रसारकों के बीच नेटवर्किंग और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना भी है.

भारत में रेडियो की शुरुआत: भारत की बात करें तो, सन् 1927 तक यहां कई रेडियो क्लब की स्थापना हो चुकी थी, लेकिन उससे पहले भी अनाधिकृत रूप से मुंबई, कोलकाता और मद्रास में रेडियो प्रसारण किया जा रहा था. वर्ष 1936 में इंपोरियल रेडियो ऑफ इंडिया की शुरुआत हुई. आगे चलकर जिसका नाम 'ऑल इंडिया रेडियो' हुआ. सन् 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत होने पर भारत में भी रेडियो के सारे लाइसेंस रद्द कर दिए. यहां भी ट्रांसमीटर को सरकार ने जमा करने के आदेश दिए थे.

पीएम मोदी ने की 'मन की बात': प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर अक्टूबर-2014 में पहली बार 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए जनता से संवाद किया था. उस समय प्रधानमंत्री ने लोगों से गांधीजी के प्रिय खादी के उत्पादों को पहनने की अपील की थी. स्वामी विवेकानंद का दृष्टांत भी सुनाया था. इसके साथ ही लोगों से सुझाव भी मांगे थे. उनका जिक्र तभी से पीएम अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में करते हैं.

क्या है इस दिन का महत्व: विश्व रेडियो दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनता और मीडिया के बीच रेडियो के महत्व को बढ़ाने के लिए जागरूकता फैलाना है. यह निर्णय कर्ताओं को रेडियो के माध्यम से सूचनाओं की स्थापना और जानकारी प्रदान करने, नेटवर्किंग बढ़ाने और प्रसारकों के बीच एक प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है.

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