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शहीद दिवस पर विशेषः बापू पर पहले भी पांच बार हुआ था हमला

दिल्ली का बिड़ला भवन जिसे अब गांधी स्मृति भवन कहा जाता है, यहीं पर एक सिरफरे ने 30 जनवरी, 1948 को गाेली मारकर बापू की हत्या कर दी थी. ऐसा नहीं है कि महात्मा गांधी पर 30 जनवरी काे पहली बार हमला किया गया था. इससे पहले भी उन पर साजिशन हमला किया गया था.

शहीद दिवस पर विशेष
शहीद दिवस पर विशेष
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Published : Jan 30, 2022, 11:34 AM IST

नई दिल्ली: आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (Mahatma Gandhi Death Anniversary 2022) है. हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनायी जाती है. अहिंसा का यह पुजारी 30 जनवरी 1948 काे एक हिंसा का शिकार हाे गया. एक सरफिरे नाथूराम गाेडसे ने उनकी हत्या कर दी. ऐसा नहीं है कि महात्मा गांधी पर 30 जनवरी काे पहली बार हमला किया गया था. इससे पहले भी उन पर साजिशन हमला किया गया था. हर बार वाे बच गये. यहां पर हम आपकाे बताने जा रहे हैं कि गांधी जी पहले भी कब कब हमला किये गये थे.

25 जून, 1934 काे पुणे में जब गांधी जी भाषण देने आए थे ताे बापू पर हमले की साजिश रची गयी थी. साजिशकर्ताओं न गलतफहमी में एक दूसरी कार पर बमबारी की. जुलाई 1944 में गांधी जी काे पंचगनी जाना था. यहां प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने गांधी विरोधी नारे लगाना शुरू कर दिए थे. गांधी जी ने समूह के नेता नाथूराम को चर्चा के लिए आमंत्रित किया जिसे बाद में अस्वीकार कर दिया गया. बाद में प्रार्थना सभा के दौरान, गोडसे को एक खंजर के साथ गांधीजी की ओर भागते देखा गया. सौभाग्य से सतारा के मणिशंकर पुरोहित और भिलारे गुरुजी ने अनहाेनी हाेने से बचा लिया.

special story on mahatma gandhi death anniversary
शहीद दिवस पर विशेष

सितंबर 1944 काे महात्मा गांधी बॉम्बे जा रहे थे, जहां मोहम्मद अली जिन्ना के साथ बातचीत होनी थी. नाथूराम गोडसे अपने गिरोह के साथ, गांधी को बॉम्बे छोड़ने से रोकने के लिए आश्रम में भीड़ जमा कर दी. बाद की जांच के दौरान, डॉ सुशीला नैयर ने खुलासा किया कि नाथूराम गोडसे को आश्रम में लोगों ने गांधी तक पहुंचने से रोक दिया था. उसके पास एक खंजर पाया गया था. जून 1946 काे गांधी जी को मारने की एक और साजिश रची गयी जब वे ट्रेन से पुणे की यात्रा कर रहे थे. पटरियों पर पत्थर रख दिये गये थे. नेरुल और कर्जत स्टेशन के बीच दुर्घटना का शिकार हुई थी, जिसमें गांधी जी बच गए थे.

ये भी पढ़ें: बापू की पुण्यतिथि आज, राहुल बोले- एक हिंदुत्ववादी ने गांधीजी को मारी थी गोली

20 जनवरी, 1948 काे बिड़ला भवन में एक बैठक के दौरान ही बापू पर फिर से हमला करने की साजिश रची गई थी. मदनलाल पाहवा, नाथूराम गोडसे, नारायण आप्टे, विष्णु करकरे, दिगंबर बैज, गोपाल गोडसे और शंकर किस्तैया ने हत्या को अंजाम देने के लिए बैठक में शामिल होने की साजिश रची. पोडियम पर बम फेंकना था और फिर गोली मारनी थी. लेकिन मदनलाल के पकड़े जाने से साजिश विफल हाे गयी.

special story on mahatma gandhi death anniversary
शहीद दिवस पर विशेष

नई दिल्ली: आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (Mahatma Gandhi Death Anniversary 2022) है. हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनायी जाती है. अहिंसा का यह पुजारी 30 जनवरी 1948 काे एक हिंसा का शिकार हाे गया. एक सरफिरे नाथूराम गाेडसे ने उनकी हत्या कर दी. ऐसा नहीं है कि महात्मा गांधी पर 30 जनवरी काे पहली बार हमला किया गया था. इससे पहले भी उन पर साजिशन हमला किया गया था. हर बार वाे बच गये. यहां पर हम आपकाे बताने जा रहे हैं कि गांधी जी पहले भी कब कब हमला किये गये थे.

25 जून, 1934 काे पुणे में जब गांधी जी भाषण देने आए थे ताे बापू पर हमले की साजिश रची गयी थी. साजिशकर्ताओं न गलतफहमी में एक दूसरी कार पर बमबारी की. जुलाई 1944 में गांधी जी काे पंचगनी जाना था. यहां प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने गांधी विरोधी नारे लगाना शुरू कर दिए थे. गांधी जी ने समूह के नेता नाथूराम को चर्चा के लिए आमंत्रित किया जिसे बाद में अस्वीकार कर दिया गया. बाद में प्रार्थना सभा के दौरान, गोडसे को एक खंजर के साथ गांधीजी की ओर भागते देखा गया. सौभाग्य से सतारा के मणिशंकर पुरोहित और भिलारे गुरुजी ने अनहाेनी हाेने से बचा लिया.

special story on mahatma gandhi death anniversary
शहीद दिवस पर विशेष

सितंबर 1944 काे महात्मा गांधी बॉम्बे जा रहे थे, जहां मोहम्मद अली जिन्ना के साथ बातचीत होनी थी. नाथूराम गोडसे अपने गिरोह के साथ, गांधी को बॉम्बे छोड़ने से रोकने के लिए आश्रम में भीड़ जमा कर दी. बाद की जांच के दौरान, डॉ सुशीला नैयर ने खुलासा किया कि नाथूराम गोडसे को आश्रम में लोगों ने गांधी तक पहुंचने से रोक दिया था. उसके पास एक खंजर पाया गया था. जून 1946 काे गांधी जी को मारने की एक और साजिश रची गयी जब वे ट्रेन से पुणे की यात्रा कर रहे थे. पटरियों पर पत्थर रख दिये गये थे. नेरुल और कर्जत स्टेशन के बीच दुर्घटना का शिकार हुई थी, जिसमें गांधी जी बच गए थे.

ये भी पढ़ें: बापू की पुण्यतिथि आज, राहुल बोले- एक हिंदुत्ववादी ने गांधीजी को मारी थी गोली

20 जनवरी, 1948 काे बिड़ला भवन में एक बैठक के दौरान ही बापू पर फिर से हमला करने की साजिश रची गई थी. मदनलाल पाहवा, नाथूराम गोडसे, नारायण आप्टे, विष्णु करकरे, दिगंबर बैज, गोपाल गोडसे और शंकर किस्तैया ने हत्या को अंजाम देने के लिए बैठक में शामिल होने की साजिश रची. पोडियम पर बम फेंकना था और फिर गोली मारनी थी. लेकिन मदनलाल के पकड़े जाने से साजिश विफल हाे गयी.

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