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हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र पर छाए हैं कोरोना के 'बादल', देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

पर्यटन हिमाचल की आर्थिकी का मुख्य जरिया है और प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन की 7 फीसदी हिस्सेदारी है. कोरोना की ऐसी नजर लगी कि पूरा पर्यटन सीजन पहले लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया और फिर जब अनलॉक हुआ तो कोरोना का डर इस कारोबार पर भारी पड़ गया है. पढ़ें पूरी स्टोरी...

special story of etv bharat on Himachal's tourism sector
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Published : Aug 30, 2020, 7:52 PM IST

शिमला: कोरोना महामारी से पहले हिमाचल की ये वादियां पर्यटकों से गुलजार रहती थी, लेकिन कोरोना की ऐसी नजर लगी कि पूरा पर्यटन सीजन पहले लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया और फिर जब अनलॉक हुआ तो कोरोना का डर इस कारोबार पर भारी पड़ गया है.

प्रदेश के सभी पर्यटक स्थल इन दिनों वीरान पड़े हुए हैं, जिससे होटल संचालकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही हैं. हालांकि संचालक आस लगाए बैठे हैं कि सैलानियों की आवाज हिमाचल में जरुर गूंजेगी. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मार्च से अगस्त तक करीब 50 लाख पर्यटक हिमाचल आए हैं, जबकि साल 2019 में कुल 1 करोड़ 72 लाख सैलानियों ने देवभूमि का दीदार किया है.

वीडियो.

प्रदेश में कुल 6000 पर्यटन इकाइयां हैं. इसके अलावा कई और कारोबार भी पर्यटन के साथ जुड़े रहते हैं. इन सभी पर इस बार कोरोना की मार पड़ी है. वहीं, पर्यटन हिमाचल की आर्थिकी का मुख्य जरिया है और प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन की 7 फीसदी हिस्सेदारी है.

बता दें कि प्रदेश की सीमाएं पर्यटकों के लिए अनलॉक के दूसरे चरण में खोल दी गई थी, लेकिन पांच दिन का स्टे पर्यटकों के लिए प्रदेश में अनिवार्य किया गया है. यही वजह थी कि प्रदेश में पर्यटन आने में रूचि नहीं दिखा रहे थे और प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो रहा था, लेकिन अब सरकार की ओर से प्रदेश में पर्यटकों के स्टे के समय को कम कर उसे दो दिन कर दिया है जिससे कि जो पर्यटक कम समय के लिए प्रदेश में आना चाहते है वह अब आसानी से यहां आ सकते हैं.

special story of etv bharat on Himachal's tourism sector
फोटो.

वहीं, पर्यटकों को प्रदेश में आने के लिए पंजीकरण के नियमों में भी बदलाव किया गया हैं. अब सैलानियों को हिमाचल आने के लिए टूरिस्ट कैटेगिरी में पंजीकरण करवाना होगा. वहीं, पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद अगर 24 घंटे में संबंधित जिला उपायुक्त ने आवेदन को मंजूर नहीं किया तो सॉफ्टवेयर खुद स्वीकृति जारी कर देगा.

सरकार की ओर से नियमों में दी गईं छूट से पर्यटन कारोबारी खुश तो हैं, लेकिन उन्हें यह कदम नाकाफी नजर आ रहा है. उनका मानना है कि सरकार को कुछ कदम भी सकारात्मक रूप से इस दिशा की तरफ उठाने होंगें जिससे कि पर्यटक प्रदेश में आए और पर्यटन क्षेत्र पर जो संकट के बादल छाए है वो छंट सके.

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फोटो.

शिमला के टूर एंड ट्रैवल के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्यटकों के लिए प्रदेश में स्टे का समय कम किया है जो एक बेहतर निर्णय है. इस से प्रदेश में साथ ही लगते राज्यों से पर्यटक दो दिन के लिए प्रदेश में घूमने आ सकते हैं.

उन्होंने कहा कि कोविड की वजह से पर्यटन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार को इसे वापिस पटरी पर लाने के लिए नियमों में कुछ एक बदलाव ओर सुधार करना चाहिए. जिस तरह से अन्य पर्यटन राज्यों में पर्यटकों को बॉर्डर पर रैपिड कोविड टेस्ट किया जा रहा है और 10 मिनट के अंदर उन्हें रिपोर्ट दी जा रही है.

ऐसे में जिन पर्यटकों का कोविड टेस्ट निगेटिव है उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है. इसी तरह का विकल्प प्रदेश के बॉर्डर पर भी होना चाहिए. जिससे कि पर्यटकों को पहले ही यहां कोविड टेस्ट की रिपोर्ट ले कर ना आना पड़े.

टेस्ट महंगा है इस वजह से भी लोग टेस्ट करवा कर आना नहीं चाह रहे हैं. अगर सरकार यह टेस्ट खुद ही सीमा पर करे तो इससे यहां आने वाले पर्यटकों का आंकड़ा बढ़ेगा. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मार्च से अगस्त तक करीब 50 लाख पर्यटक हिमाचल आए, जबकि साल 2019 में कुल 1 करोड़ 72 लाख सैलानियों ने देवभूमि का दीदार किया.

प्रदेश में कुल 6000 पर्यटन इकाइयां हैं इसके अलावा कई और कारोबार भी पर्यटन के साथ जुड़े रहते हैं... इन सभी पर इस बार कोरोना की मार पड़ी है. पर्यटन हिमाचल की आर्थिकी का मुख्य जरिया है प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन की 7 फीसदी हिस्सेदारी है..

वहीं, होटल मालिक विकास बहल ने कहा कि सरकार को अब बॉर्डर पूरी तरह से खोल देने चाहिए, जिससे पर्यटक यहां आसानी से आ सकें. सरकार ने अभी भी यहां आने वाले पर्यटकों के लिए नियम सख्त रखे हैं जिससे अभी अनलॉक के तीसरे चरण के चलने के बाद भी यहां पर्यटक घूमने के लिए नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाकी राज्य जो पर्यटन से जुड़े हुए हैं वहां पर्यटक जा पा रहे हैं, लेकिन हिमाचल में अभी भी नियम सख्त हैं. जिसमें छूट देने की आवश्यकता सरकार को है.

होटल पड़े हैं बंद

प्रदेश में पर्यटकों के ना आने से टूरिज्म व्यवसाय पूरी तरह से पिट चुका है. कुछ एक होटलियर्स ने अपने होटल खोले हैं उनके यहां पर आमदनी नहीं हो रही है. यही वजह भी है कि अधिकतर होटलियर्स ऐसे हैं जिन्होंने अपने होटल्स को अभी तक बंद रखा है. ऐसे में जो लोग होटल में काम करते हैं उनके पास रोजगार नहीं है और इसी की वजह से टैक्सी चलाने वाले, कुली, टूरिस्ट गाइड सभी घरों पर बैठने के लिए मजबूर हैं.

यही वजह भी है कि अब सरकार से नियमों में छूट देने की मांग इस व्यवसाय से जुड़े लोग करने लगे हैं. जिससे कि प्रदेश में पर्यटकों का आगमन शुरू हो और उनका कारोबार पटरी पर आ सके.

अगर आप हिमाचल प्रदेश आना चाहते हैं तो इन शर्तों को करना होगा पूरा

1. अगर आप हिमाचल आने की सोच रहे हैं तो अब आपको 5 दिन की बजाय सिर्फ 2 दिन की एडवांस होटल बुकिंग करवानी होगी.

2. अब 96 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी, पहले इसकी समय सीमा 72 घंटे थी.

3. 10 साल से कम उम्र के बच्चे की कोरोना रिपोर्ट लाने की जरूरत नहीं होगी.

4. इसके अलावा हिमाचल पहुंचने वाले हर शख्स को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा.

शिमला: कोरोना महामारी से पहले हिमाचल की ये वादियां पर्यटकों से गुलजार रहती थी, लेकिन कोरोना की ऐसी नजर लगी कि पूरा पर्यटन सीजन पहले लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया और फिर जब अनलॉक हुआ तो कोरोना का डर इस कारोबार पर भारी पड़ गया है.

प्रदेश के सभी पर्यटक स्थल इन दिनों वीरान पड़े हुए हैं, जिससे होटल संचालकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही हैं. हालांकि संचालक आस लगाए बैठे हैं कि सैलानियों की आवाज हिमाचल में जरुर गूंजेगी. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मार्च से अगस्त तक करीब 50 लाख पर्यटक हिमाचल आए हैं, जबकि साल 2019 में कुल 1 करोड़ 72 लाख सैलानियों ने देवभूमि का दीदार किया है.

वीडियो.

प्रदेश में कुल 6000 पर्यटन इकाइयां हैं. इसके अलावा कई और कारोबार भी पर्यटन के साथ जुड़े रहते हैं. इन सभी पर इस बार कोरोना की मार पड़ी है. वहीं, पर्यटन हिमाचल की आर्थिकी का मुख्य जरिया है और प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन की 7 फीसदी हिस्सेदारी है.

बता दें कि प्रदेश की सीमाएं पर्यटकों के लिए अनलॉक के दूसरे चरण में खोल दी गई थी, लेकिन पांच दिन का स्टे पर्यटकों के लिए प्रदेश में अनिवार्य किया गया है. यही वजह थी कि प्रदेश में पर्यटन आने में रूचि नहीं दिखा रहे थे और प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो रहा था, लेकिन अब सरकार की ओर से प्रदेश में पर्यटकों के स्टे के समय को कम कर उसे दो दिन कर दिया है जिससे कि जो पर्यटक कम समय के लिए प्रदेश में आना चाहते है वह अब आसानी से यहां आ सकते हैं.

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वहीं, पर्यटकों को प्रदेश में आने के लिए पंजीकरण के नियमों में भी बदलाव किया गया हैं. अब सैलानियों को हिमाचल आने के लिए टूरिस्ट कैटेगिरी में पंजीकरण करवाना होगा. वहीं, पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद अगर 24 घंटे में संबंधित जिला उपायुक्त ने आवेदन को मंजूर नहीं किया तो सॉफ्टवेयर खुद स्वीकृति जारी कर देगा.

सरकार की ओर से नियमों में दी गईं छूट से पर्यटन कारोबारी खुश तो हैं, लेकिन उन्हें यह कदम नाकाफी नजर आ रहा है. उनका मानना है कि सरकार को कुछ कदम भी सकारात्मक रूप से इस दिशा की तरफ उठाने होंगें जिससे कि पर्यटक प्रदेश में आए और पर्यटन क्षेत्र पर जो संकट के बादल छाए है वो छंट सके.

special story of etv bharat on Himachal's tourism sector
फोटो.

शिमला के टूर एंड ट्रैवल के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्यटकों के लिए प्रदेश में स्टे का समय कम किया है जो एक बेहतर निर्णय है. इस से प्रदेश में साथ ही लगते राज्यों से पर्यटक दो दिन के लिए प्रदेश में घूमने आ सकते हैं.

उन्होंने कहा कि कोविड की वजह से पर्यटन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार को इसे वापिस पटरी पर लाने के लिए नियमों में कुछ एक बदलाव ओर सुधार करना चाहिए. जिस तरह से अन्य पर्यटन राज्यों में पर्यटकों को बॉर्डर पर रैपिड कोविड टेस्ट किया जा रहा है और 10 मिनट के अंदर उन्हें रिपोर्ट दी जा रही है.

ऐसे में जिन पर्यटकों का कोविड टेस्ट निगेटिव है उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है. इसी तरह का विकल्प प्रदेश के बॉर्डर पर भी होना चाहिए. जिससे कि पर्यटकों को पहले ही यहां कोविड टेस्ट की रिपोर्ट ले कर ना आना पड़े.

टेस्ट महंगा है इस वजह से भी लोग टेस्ट करवा कर आना नहीं चाह रहे हैं. अगर सरकार यह टेस्ट खुद ही सीमा पर करे तो इससे यहां आने वाले पर्यटकों का आंकड़ा बढ़ेगा. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मार्च से अगस्त तक करीब 50 लाख पर्यटक हिमाचल आए, जबकि साल 2019 में कुल 1 करोड़ 72 लाख सैलानियों ने देवभूमि का दीदार किया.

प्रदेश में कुल 6000 पर्यटन इकाइयां हैं इसके अलावा कई और कारोबार भी पर्यटन के साथ जुड़े रहते हैं... इन सभी पर इस बार कोरोना की मार पड़ी है. पर्यटन हिमाचल की आर्थिकी का मुख्य जरिया है प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन की 7 फीसदी हिस्सेदारी है..

वहीं, होटल मालिक विकास बहल ने कहा कि सरकार को अब बॉर्डर पूरी तरह से खोल देने चाहिए, जिससे पर्यटक यहां आसानी से आ सकें. सरकार ने अभी भी यहां आने वाले पर्यटकों के लिए नियम सख्त रखे हैं जिससे अभी अनलॉक के तीसरे चरण के चलने के बाद भी यहां पर्यटक घूमने के लिए नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाकी राज्य जो पर्यटन से जुड़े हुए हैं वहां पर्यटक जा पा रहे हैं, लेकिन हिमाचल में अभी भी नियम सख्त हैं. जिसमें छूट देने की आवश्यकता सरकार को है.

होटल पड़े हैं बंद

प्रदेश में पर्यटकों के ना आने से टूरिज्म व्यवसाय पूरी तरह से पिट चुका है. कुछ एक होटलियर्स ने अपने होटल खोले हैं उनके यहां पर आमदनी नहीं हो रही है. यही वजह भी है कि अधिकतर होटलियर्स ऐसे हैं जिन्होंने अपने होटल्स को अभी तक बंद रखा है. ऐसे में जो लोग होटल में काम करते हैं उनके पास रोजगार नहीं है और इसी की वजह से टैक्सी चलाने वाले, कुली, टूरिस्ट गाइड सभी घरों पर बैठने के लिए मजबूर हैं.

यही वजह भी है कि अब सरकार से नियमों में छूट देने की मांग इस व्यवसाय से जुड़े लोग करने लगे हैं. जिससे कि प्रदेश में पर्यटकों का आगमन शुरू हो और उनका कारोबार पटरी पर आ सके.

अगर आप हिमाचल प्रदेश आना चाहते हैं तो इन शर्तों को करना होगा पूरा

1. अगर आप हिमाचल आने की सोच रहे हैं तो अब आपको 5 दिन की बजाय सिर्फ 2 दिन की एडवांस होटल बुकिंग करवानी होगी.

2. अब 96 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी, पहले इसकी समय सीमा 72 घंटे थी.

3. 10 साल से कम उम्र के बच्चे की कोरोना रिपोर्ट लाने की जरूरत नहीं होगी.

4. इसके अलावा हिमाचल पहुंचने वाले हर शख्स को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा.

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