शिमला: राजधानी में लगातार बड़ रही पानी की (Shimla water crisis) समस्या को लेकर SJPNL कंपनी ने अपनी सफाई (SJPNL clarification on water crisis) दी है. SJPNL ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के (Press Conference of SJPNL in Shimla) माध्यम से बताया कि बरसात की वजह से पेयजल परियोजनाएं गाद से भर गई , ऐसे में पंपिग में बहुत परेशानी आ रही है. पानी की समस्या का मुख्य कारण गिरि पेयजल परियोजना (Giri Drinking Water Project) से पानी की कैचमेंट सही से न होना है.
15 दिन से सप्लाई बंद: भारी बारिश की वजह से गाद बहुत ज्यादा आ रही, जिस कारण सही तरीके से पंपिग नहीं हो पा रही. गिरि पेयजल परियोजना से 18 एमएलडी पानी शहर को मिलता है, लेकिन पिछले 15 दिनों से इस परियोजना से पानी सप्लाई नहीं हो पा रही है. कंपनी दावा कर रही है कि जरूरत को मद्देनजर रखते हुए काम किया जा रहा है.
टुटू में सात दिन बाद पानी: खराब हो रही मशीनरी को बदला गया ,ताकि पंपिग निरंतर होती रहें. टुटू क्षेत्र में 7 दिन बाद मिल रही पानी सप्लाई को लेकर SJPNL का कहना है कि उस क्षेत्र में वितरण को लेकर परेशानी हो रही है, क्योंकि पानी कम होने के कारण प्रैशर नहीं बन पा रहा है. ऐसे क्षेत्र जहां पहले दिन पानी नहीं मिल रहा उसे दूसरे दिन सबसे पहले सप्लाई दी जाती है.
SJPNL के एमडी पंकज ललित ने (SJPNL MD Pankaj Lalit) कहा कि हम कोशिश कर रहें है कि शहर में पानी की सप्लाई रोज दी जाए. लोगों की हैल्थ हमारे लिए बहुत जरूरी है इसलिए पानी की रोज टेस्टिंग के बाद ही शहर में सप्लाई दी जा रही है.
मशीनरी लगाई गई: उन्होंने कहा कि इसके लिए नई मशीनरी भी लगाई गई है. सारी गाद बाहर निकालने के बाद ही पंपिग की जाती है. गाद निकालने में यदि 2 घंटे का समय लग रहा है तो 4 घंटे बाद पंपिग शुरु होती है. उन्होंने कहा कि सिल्ट के कारण गिरि से 6-10 एमएलडी पानी सप्लाई ही मिल पा रही जो परेशानी बढ़ा रही है.
स्टोरेज टैंक का निर्माण: बता दें कि SJPNL ढली में 10 एमएलडी की क्षमता वाला और पीटरहॉफ में 7 एमएलडी क्षमता का स्टोरेज टैंक बनाया जा रहा, जिसका काम 6 महीने के भीतर पूरा हो जाएगा. इसके अलावा आगामी समय में वर्ल्ड बैंक के सहयोग से सतलुज से पानी लाने का प्रोजेक्ट लाया जाना है, जिससे पानी की सप्लाई और ज्यादा मिलेगी. इस प्रोजेक्ट से 4200 मीटर तक पानी शुरू में लाया जाएगा. अभी 1500 मीटर तक पानी लाया जाता है।