शिमला: राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान को बचाने का काम जल्द शुरू (Shimla Ridge Maidan work started) होगा. वन विभाग से पेड़ों को काटने की अनुमति मिलने के बाद अब लोक निर्माण विभाग कार्य शुरू करने जा रहा है. रिज को बचाने का कार्य लोकनिर्माण विभाग की ओर से साईं इंजीनियरिंग कंपनी को सौंपा गया (Sai Engineering Company do Ridge work) है. कंपनी ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है और दस दिन के भीतर काम भी शुरू किया जाएगा. इस कार्य में करीब 14 पेड़ काटे जाने हैं. जिनकी अनुमति वन विभाग से मिल चुकी है.
रिज मैदान को बचाने के लिए 70 मीटर लंबा डंगा लगाया जाना है. जिसकी चौड़ाई 10 मीटर होगी. इससे रिज की चौड़ाई करीब 33 फीट बढ़ जाएगी. यह डंगा पदमदेव परिसर से टाउन हॉल तक लगाए जाना प्रस्तावित है. इस कार्य पर स्मार्ट सिटी के तहत 37 करोड़ खर्च किया जा रहा (Shimla Ridge Maidan work started) है. डंगा लगाने के काम में मिट्टी का कटान नहीं होगा. यदि मिट्टी का कटान होता है तो इसके गिरने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा. रिज को सुरक्षित करने के लिए आईआईटी रुड़की की टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है.
आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने स्ट्रक्चर माइक्रो पाइल्स तकनीक से बनाने की सिफारिश की है. इस जगह पर हार्ड रॉक 19 से 22 मीटर की गहराई पर है. इसी लेवल से रिज को बचाने के लिए माइक्रो पाइल्स वाला स्ट्रक्चर बनाया जाना है. ये माइक्रो पाइल्स चार से सात मीटर तक गहरे (ridge maidan work started soon) होंगे. लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रवीण कुमार वर्मा ने कहा कि रिज में डंगा लगाने के का टेंडर आवंटित किया गया है और कार्य साई इंजीनियरिंग को सौंपा गया है और दस दिन के भीतर काम शुरू किया जाएगा. इसमें स्मार्ट सिटी के तहत 37 करोड़ खर्च किए जाएंगे. कंपनी को छह-सात महीने के भीतर रिज को सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं.
रिज मैदान को बचाने के लिए पदम देव कंपलेक्स की तरह ही गेट के सामने तीन मंजिला स्ट्रक्चर खड़ा किया (Sai Engineering Company do Ridge work) जाएगा, लेकिन इसमें भवन नहीं बनाया जाएगा. शिमला में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के कोर ग्रीन एरिया निर्माण पर प्रतिबंध के चलते नगर-निगम भवन नहीं बना सकता है. इस पूरे स्ट्रक्चर को खाली रखा जाएगा, यदि आने वाले समय में रोक हटती है तो इसमें तीन मंजिला व्यावसायिक भवन का निर्माण हो सकता है.
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