शिमला: देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल के युवा नशे के जाल में फंसते जा रहे हैं. हाईकोर्ट भी इस पर चिंता जता चुका है. पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ कई अभियान चलाए जा रहे हैं. बावजूद उसके प्रदेश के युवा नशे के दलदल में फंसते जा रहे हैं. वैसे तो हिमाचल सरकार ने नशाखोरों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए दो ग्राम चरस, गांजा या अफीम मिलने पर सीधे जेल जाने का प्रावधान किया है. फिर भी तमाम सख्तियां नाकाफी साबित हो रही हैं.
शिमला पुलिस द्वारा जनवरी 2021 से 23 सितंबर तक के जारी आंकड़ों के मुताबिक नशे के खिलाफ 187 मामले अब तक दर्ज किए गए है. जिसमें चरस, 27.912 किलो, ओपियम, 16.768 किलो, पॉपी हस्क, 970 ग्राम, हेरोइन, चिट्टा , 1.216 किलो और 90200 रुपये नगदी के तौर पर पकड़े गए हैं. जिसमें 285 पुरुष जबकि 5 महिलाएं शामिल हैं. इन आंकड़ो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला शिमला में नशा तस्कर धड़ल्ले से तस्करी कर रहे हैं और आए दिन तस्करी के नए तरीके अपना रहे हैं.
शिमला पुलिस ने बीते एक महीने में चेन के आधार पर विदेशी तस्करों तक पहुंचने में भी सफलता प्राप्त की है. शिमला में बीते दिनों तारादेवी में चिट्टे के साथ पकड़े दो युवकों से पूछताछ के बाद दिल्ली से चिट्ठा तस्कर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दोनों युवकों को दस सिंतम्बर को तारा देवी से चिट्टे के साथ पुलिस ने पकड़ा था और पूछताछ में उन्होंने दिल्ली से चिट्टा लाने की बात कही थी जिसके बाद शिमला पुलिस की टीम दिल्ली गई और निहाल विहार से सेनिगल निवासी को धर धबोचा.
हाल ही की बात करें तो, हिमाचल में नशे का इंटरनेशनल रैकेट भी सामने आया था. विदेशी तस्करों को भी पकड़ा जा रहा है. हिमाचल में नशे के लिए लोग कुल्लू जिला के मलाणा व अन्य पहाड़ी इलाकों में सक्रिय रहते हैं. इसी साल की बात करें तो 28 फरवरी को कुल्लू के बंजार में 28 साल के युवा से चार किलो से अधिक चरस पकड़ी गई. इससे पहले 20 फरवरी को मर्णिकर्ण वैली में 10 किलो चरस पकड़ी.
मई महीने में मणिकर्ण में ही पुलिस ने 2 लोगों से 9 किलो चरस बरामद की. पांवटा साहिब में पुलिस ने 303 किलो गांजा पकड़ा था. ये अब तक की गांजे की सबसे बड़ी खेप थी. प्रदेश का कोई जिला ऐसा नहीं है, जहां चिट्टे की बरामदगी न हो. पुलिस के अनुसार हिमाचल में विदेश से भी नशा तस्करी होती है. पाकिस्तान, अफगानिस्तान और इरान में तैयार किए गए नशीले पदार्थ भारत स्पलाई किए जाते हैं.
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