शिमला: शिमला नागरिक सभा ने शिमला शहर में पीने की किल्लत के (Shimla Nagrik Sabha) लिए शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड की लचर कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया है. नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने चेताया है कि अगर शिमला शहर की जनता को हर रोज (Water Crisis in Shimla) पानी की आपूर्ति नहीं की गयी, तो नागरिक सभा नगर निगम शिमला के महापौर व आयुक्त का घेराव करने से भी नहीं चूकेगी.
उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला (Shimla Water Corporation) व एसजेपीएनएल की लचर कार्यप्रणाली (SJPNL shimla) के कारण शिमला शहर की जनता को तीन दिन बाद पानी उपलब्ध हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस कारण जनता भारी परेशानी में है. नगर निगम के जिन इलाकों में जलशक्ति विभाग पानी मुहैया करवा रहा है, वहां पर पानी एक सप्ताह बाद मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला शहर में पानी तक उपलब्ध (snowfall in shimla) नहीं करवा पा रहा है. अभी शहर में बर्फबारी भी नहीं हुई है और न ही नालियों में पानी का जमाव हुआ है, तब भी पानी जैसी रोजमर्रा की जन उपयोगी सेवाओं की यह हालत है. उन्होंने कहा कि जब से नगर निगम शिमला ने पानी आपूर्ति का कार्य (water supply affected in shimla)एसजेवीएनएल को दिया है, तब से शहर के नागरिकों पर केवल पानी के बिलों का बोझ बढ़ा है.
उन्होंने कहा कि घोषणाओं के बावजूद सुविधा की स्थिति चिंताजनक है. एसजेवीएनएल बनाने के पीछे निजीकरण की साजिश है और भविष्य में जनता की समस्याएं बढ़ना तय है. उन्होंने मांग उठाई की नगर निगम शिमला अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करे व जनता को हर रोज पानी की सुविधा सुनिश्चित करे.
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