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'हॉर्न नॉट ओके' कैंपेन लोगों को कर रहा जागरुक, ध्वनि प्रदूषण की दी जा रही जानकारी

हॉर्न का गैरजरुरी या अत्याधिक प्रयोग से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के बारे में लोगों को 'हॉर्न नॉट ओके कैंपेन' के तहत जागरुक किया जा रहा है.

shimla Horn not OK campaign
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Published : Nov 13, 2019, 11:42 PM IST

शिमलाः हॉर्न का गैरजरुरी या अत्याधिक प्रयोग नही किए जाने को लेकर प्रदेश के शहरों में 'हॉर्न नॉट ओके कैंपेन' शुरू किया गया है. इसके तहत अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाने पर चालान भी काटे जा रहे हैं. कैंपेन में साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के अधिकारी वाहन चालकों को हॉर्न के नुकसान और ध्वनि प्रदूषण के बारे में जागरूक कर रहे हैं

बुधवार को शिमला के संजौली, ढली, बाइपास, विक्ट्री टनल, टुटीकंडी, छोटा शिमला में हॉर्न नॉट ओके कैंपेन के तहत वाहन चालकों के जागरूक किया गया. इसके अलावा रेलवे स्टेशन टैक्सी यूनियन के चालकों को भी इस बारे में जानकारी दी गई. इस मौके पर अधिकारियों ने वाहन चालकों को स्टीकर भी बांटे. पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग 4 से 20 नवंबर तक प्रदेश के विभिन्न शहरों में हॉर्न नॉट ओके मुहिम को चलाया रहा है.

वीडियो.

इस अभियान में स्कूली विद्यार्थियों को भी प्रार्थना सभा के दौरान ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में लेक्चर दिए जाएंगे, ताकि बच्चें अपने परिजनों को हॉर्न के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक कर सकें.

इस बारे निर्देशक डीसी राणा ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से शुरू किए गए हॉर्न नॉट ओके कैंपेन को आगे बढ़ाते हुए विज्ञान, पर्यावरण और तकनीकी विभाग प्रदेश के शहरों में जगरूकता अभियान चला रहा है. जिसमें लोगों को अत्याधिक हॉर्न के प्रयोग से होने वाले नुकसान के प्रति सचेत करने के साथ ही इस पर कानून में बने प्रावधानों की भी जानकारी दी जा रही है.

ये भी पढ़ें- शिमला के आइस स्केटिंग रिंक के 100 साल, पूर्व PM से लेकर कई नामी हस्तियों ने आजमाए हैं पैर

शिमलाः हॉर्न का गैरजरुरी या अत्याधिक प्रयोग नही किए जाने को लेकर प्रदेश के शहरों में 'हॉर्न नॉट ओके कैंपेन' शुरू किया गया है. इसके तहत अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाने पर चालान भी काटे जा रहे हैं. कैंपेन में साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के अधिकारी वाहन चालकों को हॉर्न के नुकसान और ध्वनि प्रदूषण के बारे में जागरूक कर रहे हैं

बुधवार को शिमला के संजौली, ढली, बाइपास, विक्ट्री टनल, टुटीकंडी, छोटा शिमला में हॉर्न नॉट ओके कैंपेन के तहत वाहन चालकों के जागरूक किया गया. इसके अलावा रेलवे स्टेशन टैक्सी यूनियन के चालकों को भी इस बारे में जानकारी दी गई. इस मौके पर अधिकारियों ने वाहन चालकों को स्टीकर भी बांटे. पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग 4 से 20 नवंबर तक प्रदेश के विभिन्न शहरों में हॉर्न नॉट ओके मुहिम को चलाया रहा है.

वीडियो.

इस अभियान में स्कूली विद्यार्थियों को भी प्रार्थना सभा के दौरान ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में लेक्चर दिए जाएंगे, ताकि बच्चें अपने परिजनों को हॉर्न के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक कर सकें.

इस बारे निर्देशक डीसी राणा ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से शुरू किए गए हॉर्न नॉट ओके कैंपेन को आगे बढ़ाते हुए विज्ञान, पर्यावरण और तकनीकी विभाग प्रदेश के शहरों में जगरूकता अभियान चला रहा है. जिसमें लोगों को अत्याधिक हॉर्न के प्रयोग से होने वाले नुकसान के प्रति सचेत करने के साथ ही इस पर कानून में बने प्रावधानों की भी जानकारी दी जा रही है.

ये भी पढ़ें- शिमला के आइस स्केटिंग रिंक के 100 साल, पूर्व PM से लेकर कई नामी हस्तियों ने आजमाए हैं पैर

Intro:Body:शिमला. अगर आप वाहन चलाते समय हॉर्न का अनावश्यक या अत्याधिक प्रयोग करते हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि प्रदेश के शहरों में आजकल हॉर्न नॉट ओक कैंपने जारी है. इसके तहत अत्याधिक या अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाने के चालान काटे जा रहे हैं. कैंपने के तहत साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के अधिकारी वाहन चालकों को हॉर्न के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक कर रहे हैं

हॉर्न नॉट ओक कैंपने के तहत आज शिमला के संजौली, ढली, बाइपास, विक्ट्री टनल, टुटीकंडी, छोटाशिमला में वाहन चालकों के जागरूक किया गया. इसके अलावा रेलवे स्टेशन टैक्सी यूनियन के चालकों को भी जागरूक किया गया. इस मौके पर अधिकारियों ने वाहन चालकों को स्टीकर भी बांटे. पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग 4 से 20 नवंबर तक प्रदेश के विभिन्न शहरों में हॉर्न नॉट ओके मुहिम को चलाया जाएगा.

इस अभियान के तहत स्कूली विद्यार्थियों को भी प्रार्थना सभा के दौरान ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में लेक्चर दिए जाएंगे, ताकि बच्चे अपने परिजनों को हॉर्न के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक कर सकें.

निर्देशक डीसी राणा ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण से लोगों स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा शुरू किए गए हॉर्न नॉट ओके कैंपेन को आगे बढ़ता हुए विज्ञान पर्यावरण और तकनीकी विभाग प्रदेश के शहरों में जगरूकता अभियान चला रहा है. इसके तहत लोगों को अत्याधिक हॉर्न के प्रयोग से होने वाले नुकसान के प्रति जारूक किया जाएगा साथ ही कानून में पहले से बने प्रावधानों की भी जानकारी दी जाएगाी.
Conclusion:
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